“मोनिका जल्दी से खाना बना दो बहुत तेज भूख लग रही है” माधव ने जब अपनी पत्नी मोनिका से कहा तो उसकी पत्नी मोनिका बोली “आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है और वैसे भी मैं खाना अच्छा नहीं बनाती इसलिए आज तुम मम्मी जी, रश्मि या फिर काजल से अपने लिए खाना बनवा लो जिनके सामने तुम मेरा मजाक उड़ाते हो आज उनसे अपने लिए खाना बनवाकर तो देखो।”आज पहली बार मोनिका ने अपने पति से खाना बनाने के लिए ना कहा था अपने पति के द्वारा उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने पर अपने आत्मसम्मान को प्राप्त करने के लिए उसने ना कहना सीख लिया था।”
मोनिका की बातें सुनकर माधव गुस्से में बोला “ठीक है मत बनाओ आज में मम्मी से खाना बनवा कर खा लूंगा।” यह कहकर वह गुस्से में पैर पटकते हुए कमरे से बाहर चला गया था उसके जाने के बाद मोनिका अपने अतीत के बारे में सोचने लगी थी 10 साल पहले जब वह शादी करके इस घर में आई थी तब से तीनो वक्त का खाना वही बनाती थी वह खाना बनाने में और घर का काम करने में पूरी तरह से पारंगत थी जो भी उसके हाथ का बना खाना खाता वह अपनी उंगली चाटता रह जाता था।
भरा पूरा परिवार था उसका सास -ससुर पति के अलावा देवर -देवरानी और एक छोटी ननद भी थी उसके पति माधव बैंक मैनेजर थे और देवर देवरानी दोनों एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे छोटी ननद एक कॉलेज से बी काम कर रही थी वैसे तो उसके ससुराल में सभी लोगों का उसके प्रति
व्यवहार बेहद अच्छा था सभी उसके हाथ के बनाए खाने की बेहद तारीफ करते थे परंतु, उसके पति माधव हमेशा उसका किसी ना किसी बात पर सबके सामने मजाक उड़ाते रहते थे उसकी बहुत अच्छी कोशिश करने के बाद भी कभी कहते “आज सब्जी में नमक ज्यादा है कभी कहते इसे घर का काम करने का शउर नहीं है।”
यह सुनकर घर के सभी लोग हंसने लगते जिसे देखकर मोनिका को बहुत बुरा लगता था जब कभी वह माधव से इस बारे में शिकायत करती तो माधव हंसकर कहता” मैं तो वैसे ही मजाक कर रहा था मुझे पता है तुम हर काम बहुत अच्छी तरह से करती हो।”
यह सुनकर मोनिका खामोश हो जाती थी। 1 दिन की बात है उस दिन माधव खाना खा रहा था उसके सास -ससुर देवर -देवरानी और ननद ड्राइंग रूम में खाना खाने के बाद आराम से बैठकर क्रिकेट मैच देख रहे थे और मोनिका रसोई में माधव के लिए गरम गरम रोटियां बना रही थी कि अचानक बिजली चली गई। उस वक्त उनके घर का इनवर्टर भी खराब था किसी तरह से उसने एक मोमबत्ती
ढूंढ कर जल्दी से माधव के लिए रोटी बनाई और घी लगाकर माधव को खाने को दी। माधव ने जैसे ही रोटी का टुकड़ा तोड़ा ठीक उसी वक्त लाइट आ गई थी उसने जल्दी से वह टुकड़ा खा लिया जब दुबारा रोटी खाने के लिए टुकड़ा थोड़ा तो उसने देखा रोटी थोड़ी सी कच्ची रह गई थी। यह देख कर उसने रोटी उठाई और अपने मम्मी -पापा, भैया -भाभी और बहन को रोटी दिखाते हुए बोला ” देखो
माधवी ने कितनी बुरी रोटी बनाई है ये रोटी कच्ची है माधव के हाथ में रोटी देखकर सभी लोग हंसने लगे। यह देख कर मोनिका को बहुत बुरा लगा वह जल्दी से रसोई का सारा काम निपटा कर अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गई थी। माधव के इस तरह से सबके सामने उसका मजाक उड़ाने से वह बेहद आहत थी उसने मन ही मन निर्णय कर लिया था कि वह माधव को सबक सिखा कर ही रहेगी ताकि वे आगे से कभी भी उसका मजाक ना उड़ाए ।
अगले दिन जब वह सोकर उठी तो वह घर में झाड़ू, पोछा ,बर्तन धोने और कपड़े सुखाने के बाद नहा धोकर पूजा करके अपने कमरे में लेट गई थी और दिन वह सुबह के 7:00 बजे तक माधव के लिए खाना बना देती थी क्योंकि माधव को सुबह-सुबह नहाने के बाद तुरंत खाना खाने की आदत थी परंतु, आज उसने अपना मन दुखी होने के कारण माधव के लिए खाना नहीं बनाया था।
मोनिका के मना करने के बाद जब माधव ने अपनी मम्मी से खाना बनाने के लिए कहा तो उसकी मम्मी उसे डांटते हुए बोली “अब इस उम्र में मेरे बस की खाना बनाना नहीं है जा छोटी बहू से कह दे जब उसने छोटी बहू रश्मि से खाना बनाने के लिए कहा तो रश्मि बोली “मुझे स्कूल जाने को देर हो रही है मैं बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जा रही हूं।”
यह कहकर वह अपने पति के साथ स्कूल चली गई। उनके जाने के बाद माधव अपनी छोटी बहन काजल से बोला “बहन मुझे बहुत जोर की भूख लग रही है मेरे लिए दो रोटियां बना दे यह सुनकर काजल बोली “भैया मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है वैसे भी जब आप भाभी के इतना अच्छा खाना
बनाने पर भी मजाक उड़ाते हो फिर वैसे भी मुझे अच्छा खाना बनाना नहीं आता फिर आप मेरे हाथ का खाना कैसे खाओगे? अपना मजाक उड़वाने से अच्छा तो है कि मैं आपके लिए खाना ही ना बनाऊ। मैंने तो चाय के साथ ब्रेड खा लिए हैं अब आपकी मर्जी है आप जैसा करो मैं तो कॉलेज जा रही हूं पढ़ने के लिए।”
यह कहकर वह अपना बैग लेकर कॉलेज की तरफ चल दी थी जब उसने भी माधव के लिए खाना बनाने से इंकार कर दिया तो माधव को बहुत बुरा लगा जिनके सामने वह अपनी पत्नी का मजाक उड़ाता था आज उन्होंने ही उसके लिए खाना बनाने से इंकार करके उसे उसकी गलती का एहसास
करा दिया था वह दुखी मन से मोनिका के पास गया और उससे बोला “प्लीज खाना बना दो मुझे बहुत जोर की भूख लगी है मम्मी ,रश्मि और काजल सबने मेरे लिए खाना बनाने से मना कर दिया।”
यह सुनकर मोनिका बोली” उन सबको पता था कि मैं ठीक हूं और आप गलत हो इसीलिए उन्होंने आपके लिए खाना बनाने से इनकार किया। बिजली जाने की वजह से यदि थोड़ी सी रोटी कच्ची रह भी गई थी तो आप मुझसे कहते हैं मैं दोबारा रोटी को अच्छी तरह से सेंक देती, इस तरह से सबके सामने मेरा मजाक उड़ाने की क्या जरूरत थी? क्या अब से पहले मुझसे कभी ऐसी गलती हुई थी? ऐसा
करके तुमने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई मुझे अपना आत्म सम्मान बेहद प्यारा है, अगर कोई मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएगा तो मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करूंगी। पहले वादा करो तुम आज के बाद कभी भी किसी के सामने मेरा मजाक नहीं उड़ाओगे मैं जैसा भी खाना बनाऊंगी आपको खाना पड़ेगा यदि भूल से मुझसे कोई गलती हो भी जाए तो आप सिर्फ मुझसे कहेंगे किसी के सामने मेरी गलती का उपहास नहीं उड़ाएंगे।
यह सुनकर माधव शर्मिंदगी भरे स्वर में बोला “मुझसे गलती हो गई आज के बाद में कभी भी किसी के सामने तुम्हारा मजाक नहीं उड़ाऊगा यदि भूल से तुम से कोई गलती हो जाएगी तो उसे मैं सिर्फ तुमसे कहूंगा किसी के सामने तुम्हारी गलती का जिक्र भी नहीं करूंगा प्लीज माफ कर दो मुझे और मेरे लिए खाना बना दो भूख के कारण मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।”
माधव के मन में अपनी गलती के लिए पश्चाताप देखकर मोनिका को उस पर आ गया था वह हंसते हुए बोली “यदि में कच्ची रोटी बनाऊंगी तो तुम खा लोगे।”
“हां जैसी भी बनाओगी वैसी ही खा लूंगा पर अब मैं कभी भी किसी के सामने तुम्हारा मजाक नहीं उड़ाऊगा मैं अपने दोनों कान पकड़ कर संकल्प करता हूं” अपने दोनों कान पकड़ते हुए माधव बोला तो उसकी बात सुनकर मोनिका खाना बनाने के लिए रसोई की तरफ चल दी थी।
आज भी हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग रहते हैं जो अपनी पत्नी के सम्मान को ठेस पहुँचाकर दूसरों के सामने उसका मजाक उड़ाते हैं परंतु, वे लोग यह भूल जाते हैं कि जब एक औरत अपनी जिद पर अड़ जाती है तो ऐसे लोगों को सबक सिखा कर ही चैन की सांस लेती है।
बहू ने ना कहना सीख लिया
लेखिका : बीना शर्मा