सुरभि बहुत ही सुंदर और आकर्षक लड़की थी, कोई भी उसे एक बार देखता तो देखते ही रह जाता था। दूध सा सफेद रंग, काले लंबे घने बाल, ऊंचा लंबा क़द, बड़ी-बड़ी आंखें, सुरहीदार गर्दन। ऐसा लगता था जैसे बनाने वाले ने उसे बहुत ही फुर्सत से बनाया है।
सुरभि को इस बात का बहुत ही घमंड था और वह अब अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझती थी। सुरभि में यही सबसे बड़ी कमी थी।
सुरभि सुंदरता देखकर राहुल मुक्त हो गया और उसे अपना दिल दे बैठा। राहुल ने अपनी मम्मी पापा को सुरभि के घर भेजा और सुरभि का हाथ मांग लिया। सुरभि के घर वाले घर बैठे ही इतना अमीर और अच्छा रिश्ता मिलाने से बेहद ख़ुश हुए ।
सुरभि राहुल की दुल्हन बनकर मायका छोड़ ससुराल चली गई ।
ससुराल में हर कोई सुरभि की ख़ूबसूरती की तारीफ़ करते नहीं थकता था।
सुरभि भी राहुल जैसा पति और इतना अमीर ख़ानदान पाकर अपनी किस्मत पर इतरा रही थी ।
मन ही मन बहुत ख़ुश थी लेकिन अपनी ख़ूबसूरती के घमंड की वजह से वह किसी को भी अपनी ख़ुशी जाहिर नहीं कर रही थी। ससुराल में सुरभि का हर टाइम मुंह चढ़ा रहता था, लेकिन ससुराल वाले उसे नई-नई दुल्हन और बचपना समझकर अनदेखा करते थे ,यहां तक की राहुल भी उसे कुछ वक्त देना चाहता था ताकि वह कुछ समझदारी से काम ले।
अभी सुरभि की शादी को लगभग 3 महीने हुए थे लेकिन सुरभि की ननद रिया जो विदेश में रह कर पढ़ाई कर रही थी, और शादी में नहीं आ पाई थी और अब 3 महीने बाद वह कनाडा से अपनी भाभी से मिलने अपने मायके आ रही थी । सुरभि ने अपनी ननद रिया के फोटो तो देखे थे लेकिन जब रिया को साक्षात देखा तो सुरभि को यह अंदाजा भी नहीं था कि उसकी ननंद सुरभि से कई गुना ज़्यादा खूबसूरत है। नंदन रिया को देखते ही सुरभि के अंदर जलन की भावना जाग उठी।
रिया के साथ-साथ राहुल और बाकी परिवार ने भी सुरभि के प्रिया के साथ बर्ताव को महसूस किया लेकिन कोई कुछ नहीं बोला।
इन्हीं दिनों रिया के लिए एक बहुत ही अमीर और खूबसूरत लड़के आकाश का रिश्ता आया। रिया को वापस विदेश जाकर पढ़ाई पूरी करनी थी इसलिए सगाई की रस्म को पूरा करने की सोची गई।
सगाई की सारी तैयारी शुरू कर दी गई सगाई से एक दिन पहले आकाश के घर वालों ने इस रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसे सुनकर रिया के घर वाले स्तब्ध रह गए ।आकाश के घर वालों ने न करने की वजह बताई की रिया का विदेश में किसी से अफेयर है और वह उसके साथ लिव इन में रह रही है। और यह उन्हें उनके किसी शुभचिंतक से मालूम हुआ है। रिया के घर में सन्नाटा छा गया, लाख मनाने के बाद भी आकाश के घर वाले नहीं माने तब राहुल और रिया ने अपनी मम्मी पापा को किसी तरह समझाया।
रिया कुछ दिनों बाद वापस अपनी पढ़ाई पूरी करने विदेश चली गई।
विदेश जाने के कुछ दिनों बाद रिया ने सुरभि को फोन किया और कहा भाभी मुझे पता था कि शायद आप कहीं ना कहीं मुझसे नफ़रत करती हैं लेकिन इतनी नफरत करती हैं, यह मुझे मालूम नहीं था।
वह शुभचिंतक जिसने आकाश के घरवालों को मेरे लिव इन में होने की झूठी बात कही थी, वह शुभचिंतक आप ही हैं ।
मेरी सगाई टूटने के बाद जब आप अपनी सहेली से छत पर जाकर बात कर रही थी तो मैंने आप लोगों की सारी बातें सुन ली थी। मैं चाहती तो उसी वक्त घर में सबको बता कर आपको सबके नजरों से गिरा सकती थी लेकिन इससे मेरे भाई का घर टूटता और मैं अपने भाई से बहुत प्यार करती हूं ,
उसका घर नहीं उजाड़ सकती, लेकिन आज इतना कहूंगी कि आप मेरी नजरों से गिर गई हैं और हमेशा गिरी रहेंगी। यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी इस बात से बेफिक्र रहना कि मुझे आपकी सच्चाई मालूम हो गई है तो मैं इस बात को कभी भी किसी के सामने नहीं कहूंगी क्योंकि आपकी और मेरी परवरिश में बहुत फर्क है।
रिया से यह सब बातें सुनकर सुरभि पत्थर की बन गई
प्रिया की अच्छाइयां एक एक करके सुरभि के सामने आने लगी तब उसे एहसास हुआ कि अगर रिया चाहती तो इस धोखे का बदला सुरभि से ले सकती थी, लेकिन रिया चुपचाप यहां से चली गई।
सुरभि फ़ोन पर सिर्फ रिया को इतना ही कह पाई कि रिया मैं तुम्हारी आंखों से ही नहीं गिरी, आज मैं ख़ुद की आंखों से भी गिर गई हूं।
मैं तुम्हें अपने से ज्यादा खूबसूरत प्रकार ख़ुद को छोटा महसूस करने लगी थी ।
रिया तुम्हारी शादी मेरी वजह से टूटी है और इस गलती की माफी तो नहीं है लेकिन मैं ही अब इस गलती को सुधारूँगी।
सुरभि की बातें सुनकर रिया बोल की भाभी यह गलती नहीं गुनाह है आपने मेरे चरित्र पर दाग लगाया है जो अब कभी मुझे आपसे नहीं जोड़ सकता।
सुरभि अभी कुछ और भी कहना चाहती थी लेकिन तब तक सामने से फोन कट चुका था फिर भी कोई एहसास हो गया था कि उसकी गलती माफी लायक नहीं है और वह सच में रिया की नज़रों से हमेशा के लिए गिर गई है।
शनाया अहम
लघुकथा प्रतियोगिता