आज की नारी – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

रिया बहुत ही प्यारी लड़की थी। एकदम रुई के फाहे जैसी सॉफ्ट स्किन,उस पर गुलाबी रंगत लिए हुए गोरा रंग और घुटनों से लंबी चोटी किसी को भी बार – लुभाने के लिए पर्याप्त थी। 

मॉडर्न कपड़े पहनने का उसे गज़ब का शौक था वो जो पहन ले वही उस पर जंचता था फिर चाहे वह सूट हो, साड़ी हो, जींस टॉप हो या कोई अन्य वेस्टर्न ड्रेस। सारी लड़कियां उसकी नकल कर वैसा ही दिखने का प्रयास करतीं एक तरह से वह उनके लिए फैशन आइकॉन बन गई थी ,लड़के तो क्या लड़कियां भी उससे दोस्ती करने के लिए लालायित रहते थे।

उसको देख कर ऐसा लगता था कि वह न जाने कितनी घमंडी होगी क्योंकि वह नपी – तुली बात करती थी सबसे लेकिन जो उसे सच में जानते थे वो यही कहते थे कि उस जैसी समझदार, सुलझी हुई और संस्कारी लड़की मिलना मुश्किल है।

वह सिर्फ अपने लक्ष्य पर नज़र रखती थी कोई उसके बारे में क्या सोच रहा है,क्या बातें कर रहा है इससे उसे कोई सरोकार नहीं था। मन की एकाग्रता इंसान को उसकी मंजिल तक ले जाने के लिए बहुत जरूरी है। वह अपनी क्लास की टॉपर रहती थी हमेशा।

एक दिन कॉलेज के एनुअल फंक्शन में जब उसने डांस किया तो जैसे सब मंत्र मुग्ध से उसे देखते ही रह गए ऐसा लगा जैसे उनकी नज़र को किसी ने बांध लिया हो। रूप और नृत्य का ऐसा तालमेल विरले ही देखने को मिलता है।

शहर के बड़े उद्योगपति मिस्टर अग्रवाल उस फंक्शन में चीफ गेस्ट बन कर आए थे वे उससे बहुत प्रभावित हुए और कार्यक्रम के बाद उन्होंने रिया से मिलने की इच्छा जाहिर की।

 उन्हें अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन के लिए ऐसे ही फ्रेश चेहरे की तलाश थी जब उन्होंने उसके सामने यह प्रस्ताव रखा तो रिया को जैसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ वह सोच भी नहीं सकती थी कि उसका मॉडल बनने का सपना इतनी जल्दी और इतनी आसानी से पूरा हो जाएगा क्योंकि उसने सुन रखा था कि मॉडल बनने के लिए बहुत सिफारिश की जरूरत होती है और वह किसी ऐसे इंसान को जानती भी नहीं थी जो उसकी मदद कर सके बस एक सपना न जाने कैसे उसकी आंखों में पलने लगा था।

पर देखो न ईश्वर की मर्जी से अवसर खुद ही उसके पास चलकर आया था किसी ने सच ही कहा है कि सपने देखो तो सही अगर आप सच्चे दिल से कुछ करना चाहते हैं तो सारी कायनात आपके सपने को पूरा करने में सहयोग करने लगती है।

बस एक बार इस क्षेत्र में कदम रखने भर की देर थी कि वह सबकी चहेती बन गई।जैसे ही वह विज्ञापन टीवी पर आया लोगों में उसे साइन करने की होड़ सी लग गई। दिन पर दिन वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जा रही थी और साथ ही उसके चाहने वालों की संख्या भी बढ़ रही थी लेकिन अभी उसका पूरा ध्यान अपना कैरियर बनाने में लगा हुआ था।

अब उसने अपना एक मैनेजर नियुक्त कर लिया था जो उसके सारे प्रोग्राम सेट करता था। एक दिन उसने कहा कि कोई युवक आपसे मिलने के लिए पिछले छः महीने से रोज गुजारिश कर रहा है पर मैं उसे मना कर देता हूं।

सुनकर रिया की दिलचस्पी बढ़ गई उसने उस युवक से मिलने का फैसला किया। वह भुवन था जाने – माने इंडस्ट्रियलिस्ट का बेटा।तीखे नैन नक्श, ऊंचा लम्बा कद और गंभीर पर्सनैलिटी का मालिक भुवन पहली नज़र में ही रिया को भा गया। अब दोनों दोस्त बन गए थे।

उनकी शामें अब साथ गुजरने लगीं। वो एक – दूसरे के जितना करीब आ रहे थे उतना ही एक – दूसरे को समझ भी रहे थे हर नए दिन के साथ ही उनका रिश्ता भी प्रगाढ़ होता जा रहा था और अब दोनों को लगने लगा था कि वे एक – दूसरे के लिए परफेक्ट जीवन साथी बन सकते हैं तब दोनों ने अपने परिवार और चुनिंदा मित्रों की मौजूदगी में विवाह कर लिया।

रिया बहुत अच्छी पत्नी साबित हुई बस उसे भुवन के साथ पार्टियों में जाना पसंद नहीं था वह आधुनिक जरूर थी पर मन से वह सरल और संस्कारी थी वहां के फूहड़ मजाक और भद्दे कमेंट उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं थे। उस पर उसका मॉडल और खूबसूरत होना जैसे एक गुनाह था। हर कोई उससे चिपकने की कोशिश करता ऐसा लगता जैसे लोगों की नज़रें एक्स रे मशीन बन गई हैं जो उसके बदन को अंदर तक बेधे दे रही हैं।

आधुनिक होने का मतलब यह कतई नहीं होता कि वह लड़की चरित्रहीन भी हो। ये दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं पहली का सम्बन्ध रहन- सहन से होता है और दूसरी का मन से।

उस दिन रिया और भुवन की मैरिज एनिवर्सरी थी। भुवन ने घर पर ही एक शानदार पार्टी रखी थी। म्यूजिक बज रहा था और सभी डांस और मस्ती कर रहे थे। रिया भी भुवन की बांहों में थिरक रही थी आज वह स्वर्ग से आई अप्सरा लग रही थी। थोड़ी देर बाद भुवन नए आए मेहमानों को अटेंड करने लगा।

तभी भुवन का करीबी मित्र अबीर उठा और रिया के साथ डांस करने के लिए उससे आग्रह करने लगा। उसने बहुत शराब पी रखी थी। रिया को किसी के साथ इस तरह डांस करना पसंद नहीं था तो वह बार – बार मना कर रही थी। हद तो तब हो गई जब वह जबरदस्ती रिया को स्टेज की ओर खींचने लगा। बात जब बर्दाश्त के बाहर हो गई तो रिया ने उसके गाल पर एक झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ दिया।

इस पर वह तिलमिला उठा और बोला.. वैसे तो इतनी मॉडर्न बनती हो और अब सबके सामने सती सावित्री होने का नाटक कर रही हो। अगर मैंने तुम्हें डांस करने के लिए फोर्स किया तो इसमें गलत ही क्या था।

मिस्टर अबीर आप भुवन के मित्र हैं तो मित्रों जैसा ही बर्ताव कीजिए..हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है .. आपको सीमा लांघने का हक किसने दिया और यह कहते हुए आपको शर्म आनी चाहिए कि मैं मॉडर्न हूं तो मुझे लाज शर्म त्याग देनी चाहिए।

हर इंसान को अपनी तरह की लाइफ स्टाइल अपनाने का अधिकार है लेकिन यह सोच गलत है कि मॉडर्न जीवनशैली वाले लोग रिश्तों की मर्यादा नहीं जानते।

तब तक भुवन भी आ गया था उसने सबको सुनाते हुए कहा.. मुझे अपनी पत्नी पर गर्व है आज उसने स्वयं अपने सम्मान की रक्षा करके यह सिद्ध कर दिया कि वह सचमुच में ही आज के जमाने की सक्षम नारी है।

जब तक भुवन अबीर को खरी – खोटी सुनाता वह चुपचाप मुंह छुपाकर वहां से खिसक गया था।

#रिश्तों की मर्यादा 

स्वरचित एवं अप्रकाशित 

कमलेश राणा 

ग्वालियर

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