तुम लोग उधार के पैसे से मुझे सेव और पपीता जैसे फल खिला रहे हो , फल खरीदने तक के पैसे नहीं हैं तुम्हारे पास ?? मैं तो कहती हुं अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा तुम्हारे पति मोहित को समझाओ कि उसके छोटे भाई रोहित से पैसे मांग ले , क्या जरूरत थी जलन के मारे रिश्ते खराब करने की ,
खुद तो जिंदगी में ढंग का कुछ कर नहीं पाया तुम्हारा पति और छोटा भाई जो सफलता छू रहा हैं , उससे रिश्ता नहीं रखा , मैं अगर मेरे रोहित को अभी भी आवाज लगा दु तो दौड़ता हुआ आ जाएगा ,कमला जी अपनी बड़ी बहु मंदाकिनी से बोली !!
कमला जी जिन्हें डॉक्टर ने अभी कुछ दिन ओर आराम करने के लिए कहा था उन्होंने जब बालकनी से देखा कि उनकी बहु मंदाकिनी पड़ोसन कांता से पैसे उधार लेकर उनके लिए फल खरीद रही हैं तब उनका मन कसैला हो गया और वह बहु को सुना रही थी !!
मंदकिनी गुस्से से बोली – मम्मी जी , कम से कम हम फल खिला तो रहे हैं शायद आपको पता नहीं जब सब संयुक्त में रहते थे तो छोटी को आपका फल खाना भी अखरता था !! कमला जी बोली – बड़ी बहु , कुछ भी बकवास मत करो , उन लोगों के पास क्या कमी हैं , दोनों पति पत्नी के बैंक अकाउंट पैसे से भरे रहते हैं !!
वो तो मेरी इस घर से यादें जुड़ी हैं इसलिए मैं तुम लोगों के साथ यहां रहती हुं वर्ना कब से चली गई होती उन लोगो के पास , फिर मुझे किसी चीज की कमी नहीं होती , हां उन लोगो को थोड़ा घमंड हैं पर अब पास पैसा हैं तो घमंड तो होगा ही ना !!
मंदाकिनी बोली – मम्मी जी ,हमने आपको किस चीज की कमी होने दी हैं बल्कि कभी अगर रुपए कम पड़ गए हैं तो उधार लेकर आपकी जरूरतें पुरी की हैं !!
कमला जी व्यंग्य से बोली – यही तो कहना चाहती हुं तुम लोगो को मेरी जरूरते पूरी करने उधार लेना पड़ता हैं और मेरा छोटा बेटा इतना कमाता हैं कि तुम जैसे लोगों को उधार दे
सकता हैं !! अगर तुम लोग उससे मिलजुल कर रहे होते तो वह घर के खर्चों में हाथ बंटा देता !!
मंदकिनी सोचने लगी घर के खर्चो में हाथ बंटाना ही होता तो वे लोग घर छोड़कर कभी नहीं जाते , खैर सास की तबीयत खराब थी तो वह उन्हें कुछ बोली नहीं और जल्दी से घर के काम निपटाने लगी !! फिर भी कमला जी को कहां चैन था , उन्होंने छोटे बेटे रोहित को फोन कर दिया और बोली – बेटा , मेरी तबीयत खराब हैं और इलाज थोड़ा लंबा चलने वाला हैं , डॉक्टर ने मुझे खास खाने पीने और आराम करने की सलाह दी हैं , यहां तो तेरे भाई- भाभी को मेरे लिए उधार लेना पड़ रहा हैं , तू यहां आ और मुझे ले जा , तेरे यहां मैं आराम से रहूंगी और मुझे खाने- पीने की भी कोई दिक्कत नहीं होगी !!
रोहित झुंझलाकर बोला – मां आपको कुछ समझ हैं या नहीं , कोई भी समय पर कैसे फोन कर सकती हो आप ?? अभी मैं बहुत जरूर मीटिंग में हुं , ऑफिस में मुझे फोन मत किया करो बोलकर उसने फोन कट कर दिया !!
कमला जी को थोड़ा बुरा लगा मगर उन्होंने अपने मन को यह समझा दिया कि इतनी बड़ी पोस्ट पर काम करता हैं मेरा बेटा , तो व्यस्थ तो होगा ही , चलो कोई नी , फ्री होगा तो खुद फोन करेगा !!
फिर वह वापस किचन में गई , फ्रीज खोला और अंदर से फल निकालकर खाने लगी !!
उन्होंने एक बार भी बहु से भी नहीं पूछा कि उसने फल खाया या नहीं !! थोड़ी देर बार वे अपने कमरे में गई टी.वी चलाया और खाते खाते टी.वी देखने लगी !! उतने में पड़ोसन ने उन्हें आवाज लगाई तो वह टीवी चालू छोड़कर पड़ोसन से गप्पे मारने चली गई !!
मंदाकिनी ने आकर देखा तो वे कमरे की लाईट, पंखा और टीवी सब चलता हुआ छोड़कर चली गई थी !! मंदाकिनी ने सब कुछ बंद किया और सोचने लगी मांजी की इन हरकतों की वजह से बिजली बिल कितना ज्यादा आता हैं मांजी को कितनी बार समझाया हैं कि जब काम ना हो तो सब कुछ बंद कर दे मगर वे सुनती ही नहीं !! खैर बुढ़ापा शायद ऐसा ही होता होगा , इन्हें भी बार – बार क्या टोकना ?? मैं ही बिजली का ध्यान रखा करूंगी !! आज उसकी भी कमर थोड़ी दर्द कर रही थी इसलिए वह भी अपने कमरे में जाकर लेट गई !! शाम को डोरबेल बजी जैसे ही मंदाकिनी ने दरवाजा खोला सामने अपने देवर- देवरानी को देखकर आश्चर्य चकित हो गई !!
उतने में पीछे से कमला जी खुश होते हुए आई और बोली बेटा रोहित , तू आ गया , आओ अंदर आओ !! देखा मंदकिनी , मेरे एक बार कहने पर ही मेरा बेटा आ गया और तू भी ना जाने कुछ भी सोचती थी इन लोगों के बारे में !! रोहित और उसकी पत्नी आशा सोफे पर आकर बैठ गए !!
मंदकिनी रसोई में चाय नाश्ते की व्यवस्था करने चली गई लेकिन वह बहुत आश्चर्य में थी कि आज यह लोग अचानक घर कैसे आ गए ?? थोडी ही देर में मंदाकिनी का पति मोहित भी ऑफिस से घर आ गया !! बड़े भाई को देखकर रोहित बोला – भैया , मैं आपसे बहुत जरूरी बात करने आया हुं तभी कमला जी बीच में ही तपाक से बोली अरे बेटा , तू मुझे लेने आया है मैं जानती हुं इसमें इससे पूछने की क्या जरूरत हैं ?? तू मुझे लेने आया हैं , मैं तेरे साथ चलने तैयार हुं इसमें मोहित की इजाजत लेने की कोई जरूरत नहीं !!
मोहित हैरानी से बोला – माँ , यह क्या कह रही हैं आप ?? आप यहां से क्यों जाना चाहती हैं ??
कमला जी बोली क्योंकि अब मैं तेरे साथ नहीं रहना चाहती , मैं रोहित के साथ रहना चाहती हुं !!
रोहित बोला – माँ , तुम थोडी देर चुप नहीं बैठ सकती क्या ?? मुझे भैया से जरूरी बात करनी हैं !!
दोनों भाइयों में मन-मुटाव चल रहा था यह बात सभी अच्छे से जानते थे ! मोहित कब से वही सोच रहा था कि आखिर रोहित को क्या जरूरी बात करनी हैं ??
रोहित अपनी अधूरी बात पुरी करने बोला – देखिए भैया , वह क्या हैं ना अब मुझे तो इस घर में रहना नहीं हैं तो उतने में कमला जी फिर बीच में बोली – तुझे इस घर में नहीं रहना , सबको पता हैं पर मैं तो तेरे घर में तेरे साथ रह सकती हुं ना !! जब मुझे तेरे साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं हैं तो तू क्यों इतनी सफाई दे रहा हैं ?? तू सीधे सीधे बोल देना कि तू तेरी मां को तेरे साथ लेकर जाना चाहता हैं , मैं तेरे साथ आना चाहती हुं , मोहित को मुझे रोकने का कोई अधिकार नहीं हैं और वैसे भी अधिकार कैसा उसका , मैं तेरी भी तो मां हुं , मोहित और उसकी पत्नी तो अब उधारी के पैसों से मेरा इलाज करवा रहे हैं !! मोहित यह सब सुन उदासी भरे स्वर में बोला – माँ मैंने हमेशा तुमसे बहुत प्यार किया हैं और तुम्हारा बहुत ध्यान रखा हैं फिर भी तुम ऐसी बातें कर रही हो !! कमला जी अहंकारी भाव से बोली – तुम लोगो के पास रहते रहते ही मेरी ऐसी हालत हो गई हैं कि मैं इतनी बीमार हो गई हुं , अब तो छोटे बेटे के साथ जाऊंगी और वह मुझे तुमसे ज्यादा सुख सुविधाओं से रख सकता हैं !! अब छोटा बेटा- बहू मेरी सेवा करेंगे !! अबके छोटी बहु आशा बोली मम्मीजी , आप दो मिनट चुप रहिए ना , हम यहां कुछ जरूरी बात करने आए हैं !! कमला जी खामोश हो गई , उन्हें बस यही लग रहा था कि एक बार छोटा बेटा इशारा कर दे तो वह अपने कपड़े पैंकिंग करने चली जाए , बेटे के साथ जाने वह उतावली हो रही थी !!
रोहित अपनी अधूरी बात फिर से बोला – भैया , मैं कह रहा था कि मुझे अब इस घर में रहना तो हैं नहीं ,तो मुझे इस घर में हिस्सा चाहिए !! यह सुनकर कमला जी स्तब्ध रह गई ! मोहित बोला – मैं तुझे इस घर के बदले पैसे तो नहीं दे पाऊंगा पर हां अगर तू यहां आकर रहना चाहता हैं तो रह सकता हैं !! रोहित बोला आप घर का आधा हिस्सा बेचकर मुझे रुपए दे दो क्योंकि मुझे तो रुपए ही चाहिए !!
मोहित के माथे बल पड़ गया और वह बोला उस आधे हिस्से में तो माँ रहती हैं , वह कहां रहेंगी ?? रोहित बोला माँ हॉल में रह लेंगी पहले की तरह !! बस मुझे कैसे भी मेरा हिस्सा दे दो !!
कमला जी स्तब्ध सी खड़ी बोली – बेटा , तुझे किस चीज की कमी हैं ?? दोनों पति- पत्नी मिलकर कमाते हो , दोनों अच्छी पोस्ट पर हो , तुम मुझे साथ में नहीं ले जाना चाहते तो कोई बात नहीं पर मुझसे मेरा कमरा तो मत छिनो !! रोहित गुस्से में बोला – माँ मैं पहले उसी कमरे में रहता था और तुम हॉल में रहती थी , मेरे जाने के बाद तुमने उस कमरे पर कब्जा कर लिया , मैं कुछ नहीं जानता , वह कमरा बेचकर मुझे मेरे पैसे दो !!
मोहित सर झुकाए बैठा था , मंदाकिनी हैरानी भरी नजरो से कमला जी को देख रही थी मानो पूछ रही हो आप तो कहती थी आपका छोटा बेटा बहुत अमीर हैं , क्या यहीं होते हैं अमीरी के लक्षण ?? कमला जी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही थी !! उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे ! कहां वे सोच रही थी कि छोटा बेटा उन्हें लेने आया हैं और कहां वह तो उन्हें उनके कमरे से भी बेदखल करने आया था , आखिरकार वह मन मजबुत बनाकर बोली – बेटा , यह मत भूलो कि यह घर अभी भी मेरे नाम पर हैं और किसे हिस्सा देना हैं और किसे नहीं यह सोचना मेरा काम हैं तुम्हारा नहीं , वैसे भी तुम्हें कोई अधिकार नहीं कि मेरे जीते जी इस घर में अपना हिस्सा मांगो !! मैं हमेशा सोचती थी कि तुम बहुत अमीर हो मगर तुम तो इतने गरीब निकले कि मेरा कमरा भी छिनने आ गए और हमारी जिंदगी में उथल- पुथल मचाने आ गए !! तू तो अच्छे से जानता हैं कि मोहित ज्यादा कमाता नहीं हैं मगर अभाव में भी वह मेरी सेवा कर रहा हैं मैं ही पागल थी जो तेरी अमीरी की पट्टी मेरी आंखों पर बंधी थी और हमेशा मोहित और मंदाकिनी को ताने मारती रहती थी लेकिन आज तूने मुझे ऐसी ठोकर मारी हैं कि मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा सबक मिला हैं, अभी उठ और निकल मेरे घर से , अब मुझे कभी अपनी शक्ल मत बताना !! रोहित गुस्से में बोला- अगर आपने मुझे मेरा हिस्सा नहीं दिया तो बहुत बुरा होगा !!
कमला जी बोली – बुरा तो मैं करूंगी तेरे साथ , मैं तुझ पर केस कर दूंगी और अपनी जिम्मेदारी भी तुझ पर डाल दूंगी फिर तुझे कितना भारी पड़ेगा देखना !! घर में हिस्सा भी चाहिए तुझे और मुझे भी नहीं संभालना तुझे !!
अपनी मां का यह नया रूप देखकर रोहित और उसकी पत्नी ड़र ही गए क्योंकि जो मां इस बेटे के इतने गुण गाती थी वहीं अब इनके खिलाफ बोल रही हैं !! रोहित और आशा ने वहां से खिसकने में ही भलाई समझी , उनके जाने के बाद कमला जी ने मोहित और मंदाकिनी से हाथ जोड़कर माफी मांगी और बोली – असली हीरे की मैंने परख नहीं की और जिसे हीरा समझा वह तो नालायक निकला फिर बड़े बेटे मोहित से लिपटकर वे खुब रोई !!
दोस्तों , अक्सर हम लोगो को पहचानने में गलती कर देते हैं और जब तक अक्ल आती हैं बहुत देर हो जाती हैं !!
आपकी इस कहानी को लेकर क्या राय हैं ?? कमेंट जरूर करिएगा !!
आपकी सहेली
स्वाती जैंन