कबूल – बीना शर्मा

कथा स्थल पर कथा वाचक और  श्रोतागण काफी देर से एक जोड़े के आने का इंतजार कर रहे थे मगर काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं आए तो एक वृद्ध महिला राधिका से बोली”जिन्होंने सुबह श्रीमद् भागवत की पूजा करवाई थी वह दोनों खाना खाकर सो गए हैं

मेरे काफी द्वार  खटखटाने पर भी उन्होंने द्वारा नहीं खोला कथा संपन्न होने के बाद अब आरती का टाइम हो रहा है इसलिए जल्दी से मधुसूदन की आरती की तैयारी करो।”वृद्ध महिला की बात सुनकर  राधिका आश्चर्य चकित होकर उसकी तरफ देखने लगी थी।

 भगवान शिव की परम भक्त राधिका का कई वर्षों से  एक बहुत बड़ा सपना था कि उसके यहां पर भी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो परंतु, घर की आर्थिक  स्थिति मजबूत होने के बाद भी उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हुआ जिसका कारण यह था

कि उसके पति पर अपने बच्चों के साथ-साथ छोटे भाई के एक दुर्घटना में गुजर जाने के कारण उनके दो बच्चों और उनकी पत्नी की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर आ गई थी जिसकी वजह से एक कंपनी में मैनेजर की जॉब करके अच्छा वेतन पाने पर भी वह खास बचत नहीं कर पाते थे। राधिका के परिजन कई बार श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर चुके थे

जिन्हें देखकर कई बार राधिका के मन में भी आता कि वह भी अपने घर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करें परंतु, जब कभी वह अपने पति से इस बारे में बात करती तो उसके पति पैसे कम होने का कारण बताकर उससे श्रीमद् भागवत की कथा कराने से साफ इनकार कर देते थे तब पति की बात सुनकर वह बेहद लाचार और दुखी हो जाती थी।

      मन दुखी होने के बावजूद भी उसका मन शिव की भक्ति में लीन रहता था एक बार उसकी बड़ी बहन आरती ने अपने यहां श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया तो वह भी उसमें कथा सुनने गई थी

तब कथा में उसे ऐसा आनंद आया कि मन ही मन वह आशुतोष से प्रार्थना करते हुए बोली”हे! आशुतोष ऐसी कृपा करो जिससे मेरे यहां भी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो यदि आपका और मेरा सच्चा रिश्ता है तो आप मेरी प्रार्थना जरूर सुनेंगे।”

        कुछ दिन बाद उस पर आशुतोष की ऐसी कृपा हुई की एक कथावाचक उनके घर आया और उसके पति से कथा कहने के लिए उनके घर के सामने बने हुए उनके पर्सनल बगीचे में कथा कहने की अनुमति मांगी

तो उसके पति ने उन्हें अपने बगीचे में कथा कहने की खुशी-खुशी अनुमति दे दी थी जिस दिन कथा प्रारंभ होनी थी उस दिन उसके पति को कंपनी के किसी जरूरी काम से कुछ समय के लिए आफिस जाना पड़ गया था । 

कथावाचक उनके गांव के मंदिर से अनजान था जिसके कारण कलश यात्रा में देरी हो रही थी तब राधिका ने कथा वाचक की परेशानी को भांपते हुए आगे बढ़कर पड़ोस में रहने वाले अपने परिचितों की मदद से कलश यात्रा को संपन्न कराकर बेहद खुशी महसूस की और कथा सुनने के लिए कथा स्थल पर बैठ गई

कथा संपन्न होने के बाद जब आरती की बारी आई तो कथावाचक की आंखें उसे जोडे को तलाश करने लगी जिन्होंने सर पर श्रीमद् भागवत रखकर पूरे क्षेत्र और मंदिर की परिक्रमा की थी परंतु, वह जोड़ा कथा स्थल पर होता तो मिलता वह तो कथा शुरू होने से पहले ही आराम करने के लिए अपने घर चला गया था

जब एक वृद्ध महिला उन्हें बुलाने गई तो काफी देर आवाज लगाने के बाद भी उन्होंने गेट नहीं खोला तब वह वापस कथा स्थल पर आ गई थी और राधिका से मधुसूदन की आरती करने को बोली तो राधिका आश्चर्य चकित हो गई थी तब वह राधिका को समझाते हुए बोली”जिन्होंने सुबह श्रीमद् भागवत की पूजा करवाई थी

उनका भगवान से सच्चा रिश्ता नहीं था  बस दिखावटी रिश्ता था उन्होंने बस लोगों को दिखाने के लिए दिखावटी पूजा की थी जिस कारण उन्हें खाना खाते ही गहरी नींद आ गई लेकिन तुम भगवान की परम भक्त हो तभी तुम कथा स्थल पर बैठी हो।

    भगवान ने तुम्हें बहुत अच्छा मौका दिया है अपने घर के बगीचे में कथा करवाने का चलो तभी तो कथा वाचक कथा कहने खुद तुम्हारे द्वार पर आए हैं जितनी तुम्हारी श्रद्धा है इनकी मदद कर देना बाकी का प्रबंध आशुतोष कर देंगे आरती का थाल अपने हाथ में लो और श्रीमद् भागवत की आरती करो।

“लेकिन पूजा तो पति-पत्नी दोनों मिलकर करते हैं”वृद्ध महिला की बात सुनकर राधिका ने कहा तो वह मुस्कुराते हुए बोली” देख तेरा पति भी ऑफिस से आ गया है तेरी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु ने तुम दोनों को अपनी पूजा करवाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है चलो अब जल्दी से खुशी-खुशी आरती करो।

“वृद्ध महिला की बात सुनकर राधिका के नेत्र सजल हो गए थे और आंखों से भगवान की कृपा अपने ऊपर बरसती देखकर झर झर आंसू बहने लगे थे अपने पति के साथ मधुसूदन की आरती करते हुए वह मन ही मन अपने आराध्य आशुतोष का आभार व्यक्त कर रही थी जिन्होंने उसका सपना आज साकार कर दिया था।यह एक सच्ची घटना है  भक्त और भगवान के सच्चे रिश्ते की जब सच्चे मन से भगवान शिव से प्रार्थना की जाए तो वह किसी न किसी  रूप में  जरूर कबूल होती है।

#दिखावटी रिश्ता

लेखिका : बीना शर्मा 

error: Content is protected !!