शर्म नहीं गर्व हूं मैं – विनीता सिंह

एक छोटा सा गांव वहां पर शिक्षा का अभाव और उनकी रूढ़िवादी सोच लड़की ज्यादा पढ़ लिख कर क्या करेगी। उसे करना तो चौका चूल्हा है। इसी गांव में रश्मि रहती थी उसका संयुक्त परिवार था उसके पिता जी और दादा जी सोच रूढ़िवादी थी। वह रश्मि के भाई के लिए किताबें, और हर सामान लाते। लेकिन रश्मि पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते थे।

रश्मि का मन भी करता पढ़ाई करने के लिए वह अपने भाई के साथ बैठकर पढ़ती। लेकिन उसके दादा और पिता जी हमेशा रश्मि को ताने देते तुझे पढ़लिखकर कर कौन सा कलेक्टर बनना है ।चल हमारे साथ खेतों में काम करवा। लेकिन यह सब रश्मि पसंद नहीं था, मौका मिलने पर भाई की किताबों से पढती और स्कूल में जाकर परीक्षा देकर आई थी

धीरे-धीरे 12वीं तक पढ़ाई पूरी कर ली। और आगे पढ़ाई करने के लिए शहर जाने की बात की, तो उसने अपने पिता दादा से बात की तो उन्होंने साफ मना कर दिया ।

अब रश्मि बहुत दुखी हो गई लेकिन रश्मि की मां बहुत समझदार थी उसने अपना अपने गहने अपनी बेटी रश्मि को दिए कहा बेटे तुम से ले जाओ। अपनी पढ़ाई पूरी करना रश्मि मां के गहने लेकर शहर में आ गए और उन्हें बेचकर अपने स्कूल में एडमिशन लिया है ,

और एक हॉस्टल में रहने लगी। हॉस्टल के पास एक कपड़े की दुकान में 2 घंटे बैठकर काम करने लगे इससे भी हॉस्टल का किराया दे सके ऐसे करते-करते कई साल बीत गए पहले रश्मि ने ग्रेजुएशन किया उसके बाद सिविल सेवा की तैयारी की और भगवान की कृपा से रश्मि की मेहनत रंग लाई

उसका आई -ए -एस में सिलेक्शन हो गया। ट्रेनिंग करने के बाद जब अपने गांव लौटी तो अपनी मां के लिए दवाइयां भाई के लिए किताबें जब लोगों ने उसे सरकारी गाड़ी में देखा तो सब लोग बहुत अच्छे रह गए जब गाड़ी आकर के घर पर रुकी तो उसके पिताजी और उसके दादाजी खड़े हो गए ।

उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया और सबसे कहने लगे मेरी पोती मेरी बेटी ने मेरा नाम रोशन कर दिया एक दिन की बात है जब रश्मि वापस जा रही थी तभी एक छोटी सी बच्ची है और बोली 

दीदी मैं भी आपकी तरह पढ़ाई कर सकती हूं ।क्या सब लोग यहां पर कहते हैं लड़कियों को पढ़ना नहीं चाहिए। हमारा जन्म होना तो एक शर्म की बात है तब रश्मि ने कहा कि कितने दुख की बात है हमारे देश को आजाद हुए कितने साल हो गए फिर भी हमारे गांव के लोगों की सोच वही की वही है

आज मैं आप सबके सामने कहती हूं ।लड़की होना शर्म की नहीं बल्कि गर्व की बात है बेटा आप सब कुछ हासिल कर सकती हो ।आप अपनी मेहनत के द्वारा आप अपने लिए और अपने देश के लिए गर्व की बात हो इसलिए कहते हैं लड़कियां शर्म की नहीं गर्व की बात है

शर्म नहीं गर्व हूं मैं 

विनीता सिंह बीकानेर राजस्थान

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