माफी – खुशी

लवली एक मस्त मौला लड़की थी जो एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती थी।पापा वीरेन्द्र जिनका डिपार्टमेंटल स्टोर था  मां विम्मी हाउस वाइफ बड़ा भाई सुरेन्द्र जो पापा के साथ ही काम करता था। लवली का फैशन और मेकअप में बहुत इंटरेस्ट था इसलिए उसने 12 वी पास  करते ही  मीनाक्षी दत्ता का स्टूडियो ज्वाइन कर लिया और कुछ समय बाद वो ट्रेंड हो गई और उसने घर में अपना पार्लर खोल लिया। जो कुछ ही दिनों में फेमस हो गया।उसके क्लाइंट्स भी बढ़ गए। माता पिता लवली के लिए रिश्ता देखने लगे। उन्हीं के जानकारी में आलोक जी जो एक राजस्थानी परिवार से संबंध रखते थे उनका बेटा दीपेश अपनी मां को लेकर एक बार लवली के पार्लर आया। वहां उसने लवली को देखा तो वह उस पर फिदा हो गया और घर आकर उसने जीत पकड़ ली मैं लवली से शादी करूंगा। दीपेश की मां बोली वह इतनी मॉडर्न है इस घर में कैसे एडजस्ट करेगी। दीपेश बोला मम्मी वो  उसके प्रोफेशन का पार्ट है।दीदी भी तो मॉर्डन कपड़े पहनती है पर इतने भी नहीं दीपेश की मां रीमा बोली ।मां आप खुद टीचर है कैसी बाते कर रही है आप? आलोक बोले एक बार मिल लेते है फिर देखेंगे। आलोक जी का परिवार वीरेंद्र जी के यहां गया ।वीरेंद्र जी पंजाबी ,प्याज लहसुन नॉनवेज खाने वाले और आलोक जी राजस्थानी कृष्ण को मानने वाले जिनके यहां प्याज लहसुन नहीं बनता था।लवली सबको पसंद आई पर ये कुछ चीजों पर बात अटक रही थी।दीपेश और उसके पापा लॉयर थे।अपना घर था 250 गज की कोठी एक बहन थी दीपाली उसकी शादी हो गई थी और मां रागिनी स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट की टीचर थी।कुल मिला के छोटा सा परिवार था। वीरेंद्र जी बोले लवली आपके घर के हिसाब से ढल जाएगी वो यह सब आपकी रसाई में नहीं बनाएगी यदि उसे खाना होगा तो वो यहां आ सकती हैं या फिर छोड़ सकती है। बस एक विनती है कि आप उसे काम करने की आजादी दे क्योंकि ये उसका सपना है। आलोक जी बोले आप चिंता मत कीजिए।फिर दीपाली और उसके ससुराल वाले उसका पति राजीव सब लोग आए सबको लवली पसंद आई और उनकी सगाई हो गई।कुछ महीनों के शुभ मुहूर्त पर शादी।लवली शादी हो कर आई और वो घर में एडजेस्ट हो रही थी।ज्यादातर काम सासू माँ  करती क्योंकि वो स्कूल जाती थी और 10:00 बजे पार्लर जाने से पहले लवली शाम की सब्जी बना जाती या कुछ और बनाना होता  उसकी तैयारी कर जाती।शादी के 6 महीने  हो गए थे ।लवली अपने आपको परिवार के अनुरूप ढाल रही थी।वो अपने प्रोफेशन के अकॉर्डिंग मॉर्डन कपड़े पहनती थी पर पार्लर में या बाहर जाते हुए। कुछ दिन बाद आलोक जी के भाई का बेटा विवेक उनके घर आया हुआ था कोई एंट्रेंस देना था।लवली खुशमिजाज थी तो उसने गर्मजोशी से स्वागत किया।अगले दिन विवेक और दीपेश लवली को पिक करने पहुंचे।लवली ने शॉर्ट्स पहने हुए थे।उसे देख विवेक आवक रह गया और उस दिन से उसका व्यवहार लवली के प्रति बदल गया।वो लवली से फ्लर्ट करने लगा।कभी कभी शाम को खुद ही लवली के पार्लर पहुंच जाता।लवली भी छोटा भाई समझ उससे मजाक करती ये बुरा नहीं मानती।तभी उनके परिवार में शादी थी सास ससुर वहां गए।और दीपेश को एक केस के सिलसिले में करनाल जाना पड़ा।दीपेश ने लवली को बोला तुम यहां मत रुकना मां के घर रुक जाना ।कल मै तुम्हे ले जाऊंगा।लवली बोली ठीक है।दीपेश के जाते ही लवली ने अपना और विवेक का नाश्ता बनाया और उसका दिन का खाना बना कर रख दिया।लवली नहा कर आई आज घर में कोई नहीं था इसलिए उसने मिडी पहन ली।लवली ने विवेक को आवाज लगाई नाश्ता कर लो। विवेक उसे देख कर बोला हेलो सेक्सी क्या लग रही हो।लवली  बोली शट अप नाश्ता करो मेड आएगी उससे खाना गरम करवा लेना।शाम को तुम अपना देख लेना दीपेश लेट आएगा और मैं अपनी मां के घर रुकूंगी।तुम कहा जा रही हो आज तो तुम्हारा पार्लर बंद है ना।हा पर मैं मां के यहां रुकूंगी।विवेक बोला आज मुझे घुमा दो प्लीज़।लवली ने दीपेश को पूछा दीपेश बोला ठीक है पर टाइम से आ जाना ।विवेक और लवली दिल्ली घूमने गई वही पर वो कभी लवली को छूने की कोशिश करता और बोला लवली मुझे तुम्हारी जैसी लड़की पसंद है मॉर्डन सेक्सी आई लव यू।लवली बोली क्या बोल रहे हो और गाड़ी में वो उसके साथ जबरदस्ती करने लगा।लवली ने उसे धक्का दिया और कैब ले कर अपने घर आ गई।विवेक ने खूब पी फिर लवली को फोन कर गंदी गंदी बाते करने लगा।लवली ने सब रिकॉर्ड कर लिया और अगले दिन जब दीपेश आया तो उसे सब सुनाया ।दीपेश ने विवेक को दो चाटे मारे बोला निकल मेरे घर से तभी उसके मां बाप और दीपेश के माता पिता भी आए।दीपेश विवेक को मार रहा है ये देख विवेक के पिता बोले ये क्या हो रहा है तुमने मेरे बेटे को हाथ कैसे लगाया।दीपेश बोला चाचाजी पहले इसकी हरकते तो देख लो अपनी भाभी को छेड़ रहा था उसके साथ बतमीजी की इसने।विवेक बोला ये झूठ बोल रहे हैं ये खुद ही छोटे छोटे कपड़े पहन मुझे रिझाती है और आज मेरे साथ अकेली घूमने चल दी।इतनी पतिव्रता थी तो ना जाती।लवली बोली ये झूठ बोल रहा है ये एक बदकिरदार आदमी है जिसे ये नहीं पता भाभी मां सामान होती हैं मै छोटा भाई समझ इसका मजाक सुनती थी।बहु विवेक के पिता धीरेन्द्र बोले शर्म आती हैं तुम्हे हमारे लड़के पर इल्ज़ाम लगाते शर्म नहीं आती।खुद घटिया कपड़े पहन लड़कों को रिझाओ ।माफी मांगो अभी सब से ।रागिनी बोली हा बहु तुम माफी मांगो। मै माफी नहीं मांगूंगी लवली बोली किसी की भी गलती हो हमेशा बहु जिम्मेदार होती हैं।मै माफी नहीं मांगूंगी।दीपेश बोला मम्मी सारी गलती विवेक की है आप ये रिकॉर्डिंग सुनिए और दीपेश ने वो रिकॉर्डिंग ऑन कर दी नशे में विवेक इतनी गंदी बाते बोल रहा था जो सुनकर सभी अवाक रह गए।धीरेन्द्र और उनकी पत्नी सुधा का चेहरा उतर गया।वीरेंद्र बोले विवेक अपना सामान उठाओ और निकलो यहां से। धीरेन्द्र ने विवेक को दो चाटे मारे और लवली से माफी मांगने को कहा और बोलें तूने हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दी मै अपने भाई से आँखें मिल।ने के काबिल नहीं छोड़ा।लवली बोली मॉर्डन कपड़े पहनने का मतलब ये नहीं कि मैं आवारा हू या किसी के लिए भी अवेलेबल नहीं है।लवली अपने रूम में चली गई धीरेन्द्र विवेक और अपनी पत्नी सुधा को ले चलें गए वो अपने भाई से माफी मांगते रहे पर वीरेंद्र कुछ नहीं बोले।उन लोगों के जाने के बाद वीरेंद्र जी ने रागिनी से कहा तुमने बहु से माफी मांगने को कहा तुम औरत जो तुम्हे उसके साथ खड़े होना चाहिए था।रागिनी बोली मै सिर्फ शांति चाहती थीं परिवार में इसलिए मुझे माफ करदो।माफी मुझसे नहीं लवली से मांगो।रागिनी ने लवली को भी सॉरी बोला और वीरेन्द्र जी बोले बेटी ये तेरा घर है तुझे जैसे रहना है रह तुझे कोई कुछ नहीं कहेगा और अपने भाई की तरफ से भी मै माफी मांगता हूं।लवली बोली आप लोग माफी मत मांगिए सिर्फ विश्वास कीजिए और कुछ नहीं।दीपेश बोला तुम मेरा गुरूर हो मेरा मान हो तुम्हारा अपमान करने की हिम्मत किसी में नहीं है।सॉरी डियर लव यू।

लवली दीपेश के कंधे पर सर रख कर बोली हमेशा मेरे साथ रहना।

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

error: Content is protected !!