तुम्हें नहीं लगता चारु… आजकल शालिनी कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ रही है, सर भी जब देखो उसी को आवाज लगाते रहते हैं ऐसा लगता है हम तो यहां काम करते ही नहीं है! तुम्हें तो आए हुए अभी 6 महीने हुए हैं किंतु मैं और शालिनी दोनों एक साथ इस ऑफिस में लगे थे और देखो शालिनी को 2 साल में ही दो प्रमोशन भी मिल गए, ऐसी क्या बात है शालिनी में? गरिमा ने एक आंख दबाते हुए कहा! तभी चारु बोली… अरे कुछ तो बात होगी तभी तो आजकल सर भी उसके दीवाने हो रहे हैं, जब देखो तब शालिनी शालिनी करके अपने केबिन में ही बुलाते रहते हैं और ऐसा कहकर दोनों जोर-जोर से हंसने लगी! उनकी बात सुनकर उनका सहकर्मी ऋषभ जो उनकी फालतू की बातें सुन रहा था , बोला… काश तुम दोनों ने भी अपना समय किसी पर कीचड़ उछालने की बजाय अगर ईमानदारी से अपने काम पर ध्यान दिया होता तो शायद तुम दोनों की भी तरक्की हो चुकी होती, तुम्हें पता है अपने सर कितने सज्जन इंसान है शादीशुदा और दो बच्चों के पिता भी हैं, तुम्हें ऐसा कहते हुए बिल्कुल भी शर्म नहीं आती! अगर शालिनी को यह सब पता चलेगा कि तुम दोनों उसके बारे में ऐसा सोचते हो तो उसके दिल पर क्या बीतेगी! शालिनी तुम्हारी दोस्त है, बताओ शालिनी ने आज तक अपने ऑफिस में किसी की भी, कभी भी मदद करने से इनकार किया है? दो प्रमोशन के बाद भी उसके अंदर कोई घमंड नहीं आया बल्कि वह तो आज भी सबसे मिलनसार व्यवहार रखती है और तुम दोनों अपनी ही सहेली की निंदा करके अपने आप को बहुत बड़ा ज्ञानी समझ रही हो, शर्म आती है तुम दोनों पर, किसी पर कीचड़ उछालने से पहले सोच तो लिया करो, शालिनी यहां तक सिर्फ अपनी मेहनत की वजह से पहुंची है, तुम्हारी तरह किसी की निंदा में उसने अपना समय नहीं गवाया! ऋषभ की बात सुनकर दोनों के चेहरे शर्म से जमीन में गड़ गए!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
मुहावरा प्रतियोगिता (कीचड़ उछालना) #कीचड़ उछालना