रमेश एक छोटे शहर का लड़का था उसने बड़ी मेहनत की मुंबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी प्राप्त कर ली। वह दिन रात मेहनत करता जिससे उसकी कंपनी ऊंचाईयों को छूए। यह सब देख कम्पनी के मालिक अनूप सेठी जी रमेश के काम से खुश थे उन्होंने रमेश की ईमानदारी और मेहनत देखते हुए उसका प्रमोशन कर दिया।
जिसे देखकर रमेश के सहकर्मी अनिल को उनसे जलन हो गई और सोचने लगा। मैं इस कंपनी में कब से नौकरी कर रहा हूं मुझे तो सर ने प्रमोशन नहीं दिया ।
और रमेश को आए अभी एक साल नहीं हुआ सर ने ऐसे प्रमोशन दे दिया।।
एक दिन अनूप सेठी जी ने रमेश को अपने केबिन में बुलाया और एक नए प्रोजेक्ट पर टीम वर्क करने के लिए।कहा ।और उसे टीम का हेड रमेश को बनाया और उस टीम के सेकंड ऑफिसर अनिल को बनाया यह देखकर अनिल के मन में और ज्यादा जलन पैदा हो गई।
अब अनिल कोशिश करने लगा कि इस काम को किसी प्रकार खराब किया जाए। लेकिन रमेश जी अपनी मेहनत से वह काम सही करने की कोशिश करता । एक बार एक जगह थोड़ी तकनीकी खराबी आ गई ।अनिल को मौका मिल गया उसने तुरंत जाकर अनूप सेठी जी से उनकी शिकायत की की सर आपने रमेश को इस काम का इंचार्ज बना दिया है। उसे किसी काम अनुभव नहीं है
उसे कुछ नहीं आता है उसने ही इस काम में गड़बड़ कर दिए ।अनूप शेट्टी जानते थे कि रमेश बहुत ही समझदार है कभी वह गलत काम कर नहीं सकता उन्होंने इसकी जांच कराई जांच में पता चला कि रमेश ने नहीं बल्कि अनिल ने अपने काम में लापरवाही बढ़ती इस कारण यह समस्या आई थी ।
फिर अनूप सेठी जी ने रमेश और अनिल दोनों को एक साथ बैठाया और पूछा बताओ अनिल क्या बात है तब र अनिल ने कहा कि सर रमेश ने 1 साल में इतनी तरक्की कर ली इसे देखकर मेरे मन में इसके लिए जलन और ईर्ष्या पैदा हो गई मुझे यह एक आंख नहीं भरता अनूप शेट्टी की बोले तुम्हें रमेश से जलन करने की अपेक्षा अपने काम पर ध्यान देना चाहिए
जिसे तुम भी और ज्यादा तरक्की कर सकते हो। तुम तो हमारी कंपनी के सीनियर अधिकारी हो तुम्हें अपनी कम्पनी की तरक्की के लिए योगदान देने चाहिए।लेकिन तुमने कंपनी के लिए ना देकर अपने खुद के योगदान का ध्यान रखा बल्कि रमेश ने अपनी कंपनी की योगदान के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अनिल को अपनी गलती का एहसास हुआ उसने रमेश से माफी मांगी ।रमेश ने कहा कोई बात नहीं हम सब लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं तभी काम सफल होता है एक आदमी कोई भी कंपनी नहीं चलती है कंपनी का काम एक टीम वर्क का होता है फिर दोनों ने हाथ मिलाया और गले मिले
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ना कि दूसरों के काम पर और कभी भी दूसरे के काम को देखकर जलन नहीं चाहिए और ना ही उसकी आलोचना करनी चाहिए जिसकी जैसी योग्यता होती है उसके अनुसार वह अपना काम अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करता है
विनीता सिंह बीकानेर राजस्थान