चंचल शादी होकर आई तो देखा कि कुंती उसकी सास हमेशा बेड पर ही रहती है। उनका उसको बेड पर रहना काफी खलता था। उसने सबसे सुन रखा था, सास कुंती बहुत एक्टिव रहती थी। वह कभी खाली नहीं बैठती थी, पर उनके गिरने की वजह से कमर में दर्द रहने लगा। ऐसी परिस्थिति में भी सबसे फोन पर बात करती मोबाइल पर एक्टिव रहती, बेड पर बैठे बैठे सब्जी चाप कर देती, वो ये कह देती लाओ चंचल मुझे बैठने वाला काम बता दो। लेकिन वो कितना मोबाइल देखेंगी,हर समय तो कोई उनके पास बैठ नहीं सकता, धीरे धीरे वो हताश सा हारा हुआ महसूस करने लगी, डॉक्टर ने बताया था कि पूरी तरह बेड रेस्ट पर ही रहना है इस कारण बिस्तर पर रहते हुए उनके चेहरे से खुशी गायब ही हो गयी थी, बहू चंचल समझती थी। मम्मी किसी से कम ना है। वह हर रोज उनकी सेवा करती, दवाई गोली समय पर देती, वह मसाज करती,,पर अब जैसे कुछ उनके लिए कुछ बचा ही ना हो, एक दिन चंचल ने देखा मम्मी की मोबाइल गैलरी तो पिक्चर और रील से भरी पड़ी है।मम्मी कुछ खास ही है,और सुंदर भी है,इस उम्र में भी तैयार होने पर गजब ही लगती है और एक हम है कि बिना मेकअप में साधारण ही दिखते है उसे याद आया, जब बड़ी मौसी मुंह दिखाई कर रही थी ,तब उन्होंने कह ही दिया था कि अरे बहुरिया से सुंदर तो हमारी कुंती है। वाकई इस पचपन की उम्र में भी सुंदरता और तेज चेहरे में चमक तो उनकी अलग ही दिखाई देती थी। चंचल जानती थी अगर मैं मेकअप न करु तो मैं मम्मी जी के सामने कुछ भी नहीं…..
एक दिन बातों ही बातों से उसे पता चला मम्मी अब बेड पर रहते हुए ऊब सी चुकी है, उन्हें बेड पर रहते हुए छह महीने हो गये।
अब उदास सी रहते देख उसे लगा कुछ ऐसा किया जाए जिससे मम्मी डिप्रेशन में ना जाए। फिर उसने फेवरेट गाने पूछे। फिर मम्मी से गाने को कहा।कुंती जी कहने लगी मुझे पूरा गाना थोड़ा ही आता है। चंचल ने कहा- कोई बात नहीं मम्मी ,,आप आपको जितना बनता है उतना ही सुनाओ।
फिर गाना सुनने के बाद उसे लगा , वाह…कितनी अच्छी आवाज है,क्या किया जाए फिर दिमाग की घंटी बजी।ताकि मम्मी डिप्रेशन में ना जाए और खुश रहने के साथ ध्यान बंटा रहे, उसने उनके पसंदीदा गाने की लिस्ट बनाने को मम्मी से कहा। फिर क्या कुंती जी उसी में बिजी हो गयी।
उसने देखा कि मम्मी कितने उत्साह से गाने गाती जा रही है। और खुश लग रही है। अब तो लग रहा था।। मम्मी का मन ही नाच उठा हो….
आज तो उन्होंने फिल्मी गाने की लिस्ट ही निकाल ली।
अब दोपहर को काम निपटा कर चंचल ने मम्मी की कंघी करके पाउडर लिपिस्टिक लगा कर तैयार किया और गाना गाने को कहा- फिर तो उन्होंने पूछा कि मैं तो गाना ऐसे ही सुना देती हूँ। फिर तैयार क्यों कर रही है?
तब चंचल बोली- मम्मी आपकी बोरियत दूर करने का उपाय सूझा है। बस आप गाओ…..
मैं वीडियो सूट करुंगी। तब वो बोली – पर वीडियो सूट की क्या जरूरत है? इतने वह कहने लगी मम्मी जी एक आपको उदास चेहरे की पिक्चर दिखाऊंगी और रील वाली वीडियो दिखाऊंगी फिर बताना किसमें अच्छी लग रही हो।
ताकि आप को पता चले कि आप उदासी में अच्छी लगती हो,या खुश होकर गाना गाने में……
अच्छा बाबा ठीक है…..
इस तरह बेबस सी बैठी हताश सी बैठी कुंती जी गाने लगी।
और बहुत खुश लग रही थी।
अब चंचल ने यूट्यूब पर उनका एकाउंट बनाया और गाये गाने की शाट्स की रील डाली। फिर उसकी मौसी सास ने यूट्यूब पर बहन की रील देखी तो उनसे रहा न गया।
तब उन्होंने अपनी बहन कुंती दीदी को फोन लगाया और पूछा दीदी ये क्या देख रही हूं ,तुम्हारी यूट्यूब पर रील पड़ी है। क्या बिलकुल ठीक हो गयी हो क्या!!!बड़ी ही खुश दिख रही हो! आपको क्या हो गया है, जो रील बनाने लगी हो। आपको ये क्या सूझी…
नहीं छोटी मैनें तो कोई रील नहीं डाली, वीडियो चंचल ने बनाई थी। पर मुझे नहीं पता कि उसने यूट्यूब पर डाला है।
देखते ही देखते उनकी आवाज को अच्छा रिस्पांस मिला।
शाम तक अच्छे व्यूज देखने मिले ,बैकग्राउंड में एडीटिंग से लग ही नहीं रहा था कुंती जी बेड पर है।
एक ही गाने की रील पर इतने न्यूज आना आश्चर्य से कम ना था, सभी को आवाज उनकी बिना म्यूजिक के भी बहुत अच्छी लगी।
अब तो छोटी मौसी को रहा ना गया। उसी शहर में होने के कारण वो शाम को आ गयी। उन्हें अचानक आता देख चंचल ने छोटी मौसी को अचरज से कहा- अरे मौसी आप इस वक्त…मम्मी ने कुछ बताया नहीं, कि आप आने वाली हो, आपकी फोन पर बात हुई है क्या……
तब दनदनाते हुए वो उनके कमरे पर पहुँच कर देखकर कहा – दीदी आप तो वैसे ही हो, पर रील में कुछ समझ नहीं आ रहा है। मैं बहुत असमंजस में थी। कि आपको पिछली बार मिली तो कितनी उदास लग रही थी। तभी वहां चंचल पानी लेकर आ जाती है। तभी छोटी मौसी पूछती – अरे चंचल तूने क्या लगा रखा है,एक तो दीदी बेडरेस्ट पर है ,ऊपर से ये रील देखकर लोग क्या कहेंगे…. तभी चंचल बोली- मौसी जी आपको मम्मी खुश लग रही है, इससे आपको अच्छा नहीं लगा क्या !!
मम्मी जी को उदास देख मुझे सूझा कि मम्मी कैसे खुश रह सकती है, इसलिए रील डालने का सोचा, लोग तो सांत्वना देने कभी कभार तो आ सकते ,पर विपरीत परिस्थितियों में साहस के साथ खुश रहना भी जरूरी है। पैरों से चलने में असमर्थ है पर दिल दिमाग तो स्वस्थ रहे।और बेबसी उन पर हावी न हो जाए। इसलिए उनका मन उसी में लगा रहे। तभी मम्मी को खुश रखने के लिए उनके मन को उस ओर मोड़ा। पूरे समय तो मैं उनके पास बैठ नहीं सकती। तब वो बोली अरे दीदी को चादर काढ़़ने दे देती या पेंटिंग करने का सामान दे देती। तो चंचल बोली ये बात भी ठीक है, पर रोज यूट्यूब पर व्यूज बढ़ते देख उनका उत्साह ही बढ़ेगा। मनोबल ना टूटे। इसलिए ये किया कढ़ाई और पेंटिंग का क्या है वो करने दे दूंगी। जो करना वो करे।
इतने में कुंती ने भी यूट्यूब में अपना वीडियो देखा तो लगा
लोगों की इतनी अच्छी प्रतिक्रिया….. मैंने तो कभी सपने में नहीं सोचा था….. कढाई और पेटिंग में पंद्रह बीस दिन लगते तब कहीं कोई चीज बनती। ये तो ज्यादा आसान है, पर दीदी…..
इसमें हमेशा अच्छे व्यूज आए ऐसा जरुरी नहीं…..
इस बात को सुनकर चंचल बोली मौसी जी व्यूज जैसे भी आए मम्मी को अच्छा लगेगा तभी तक वीडियो डालेंगे। फिर जैसा मम्मी कहे। तब कुंती जी उत्साहित हो बोली छोटी मेरे पास बेड पर बैठे बैठे बहुत समय है मैं भी मन जहां खुश रहे उस ओर करूँ। मेरे भी समय का उपयोग होगा।
ये सब तो ठीक है दीदी ….. क्या चंचल हमेशा आपका वीडियो बनाएगी??
तब वह बोली मुझे पता है , कैसे करना है
आजकल मोबाइल एक जगह सेट कर लो। फिर चंचल मुझे एडीटिंग करना भी सिखा देगी।
चंचल बोली- मम्मी हां हां क्यों नहीं…. मैं तो हूं ही फिर क्या इतना सोचना….
ये सुनकर छोटी मौसी को भी चंचल की बात सही लगी।
और उन्होंने सहमति दे दी।
तब कुंती जी बोली मेरे को आज बड़े दिनों के बाद ऐसा लग रहा है, जैसे मैं बड़े दिनों के बाद जी उठी हूं।
तब छोटी बहन बोली – हां दीदी आप खुश रहो। जब आप ठीक हो जाओ, तब ही खुश रहो ऐसा जरुरी तो नहीं ना…. जैसी भी परिस्थितियों हो हमें तो खुश रहना ही चाहिए। आप चलने में असमर्थ हो पर हर परिस्थिति का सामना करने में आपके जैसा कोई नहीं….
इस तरह बेड रेस्ट के समय में भी वह रील बनाने लगी। बहू के साथ सहयोग से उनका बिस्तर पर रहने का समय आसानी से गुजरने के साथ उनका अभ्यास और बढ़ने लगा।
जिससे सफल यूट्यूबर बन गयी।
स्वरचित मौलिक रचना
अमिता कुचया
#असमर्थ