आप जैसी अनपढ़ , गवार औरत क्या पैसे बचाएगी ?? आपको अगर घर चलाना आता तो आज यह घर कहां से कहां पहुंच जाता ?? आज से घर के पैसो का सारा हिसाब मैं संभालूंगी फिर देखना आप कि घर चलाना किसे कहते है ?? रीटा अपनी सास गोदावरी जी से बोली !!
गोदावरी जी बोली – मैंने कौन सा घर लूटा दिया हैं रीटा ?? दोनो बेटो को पढाया लिखाया , एक की शादी तुझसे करवाई और दूसरे की भी करवा दूंगी ,सब अपने पति के पैसो से किया हैं ,किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए हैं मैंने जो तू मुझे इतना सुना रही हैं !!
चुप कर बुढ़िया ,वर्ना तेरे बेटे से तेरी शिकायत कर दूंगी फिर वह मेरे साथ यह घर छोड़ देगा तो तुम लोग ही रोते फिरोगे इसलिए मुझे उकसाओ मत , तुमको तो सिर्फ पुजा – पाठ करना आता है , तुम बस वहीं करो रीटा झल्लाहट से बोली !!
गोदावरी जी फिर एक बार चुप होकर अपने कमरे में आकर बैठ गई और उन्हें वह दिन याद आ गया जब उन्होंने अपने बेटे सुशील की शादी रीटा से करवाई थी !! शुरू शुरू में तो रीटा ने सारे रिश्तेदार और परिवार का दिल जीत लिया मगर थोड़े ही दिनों बाद उसका असली चेहरा सामने आ गया !!
घर में किए सारे खर्चो का वह हिसाब रखने लगी और पाई पाई के लिए गोदावरी जी को तरसाने लगी !! शुरू शुरू में ससुर मोहनलाल जी को यह सब देखकर बहुत बुरा लगा पर अब पुरा कपड़ो का व्यापार बेटा सुशील ही संभालता था , वे तो सिर्फ दुकान पर जाकर नाम के लिए बैठते क्योंकि उनकी उम्र हो चली थी इसलिए वे घर में कुछ बोलते नही थे !!
छोटा बेटा राजन नौकरी करता था इसलिए वह शहर में रहता था पर ज्यादातर उसका काम वर्क फरोम होम होता तब कभी कभी थोड़े महिनो के लिए वह गांव आकर रहता क्योंकि घर से काम करने के साथ साथ मां पिता के साथ रहने मिल जाता !!
सुशील रीटा के मोह में इतना अंधा हो चुका था कि उसे रीटा की ही सारी बातें सही लगती !! सुशील रात को दुकान से आता तब रीटा उसे उसके ही मां पिता के बारे में भड़काती और कहती सुशील तुम्हारे माता पिता मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करते , आज तो मम्मी जी ने मुझे कितना सुनाया और तुम्हारे पिता भी उनका ही साथ देते हैं !! यह लोग बहू को नौकरानी की तरह ट्रीट करते हैं , मैं पुरे दिन घर का काम करती हुं मगर मुझे कोई नहीं समझता और आप ही बताईए यदि मैं मम्मी जी से पैसे बचाने कहती हुं तो क्या गलत कहती हुं !!
दूसरे दिन सुशील मां पर झल्ला उठा और बोला मां रीटा जो भी कहती हैं सही कहती हैं इसलिए उसे कुछ रोक टोक मत किया करो !! गोदावरी जी तो ज्यादा कुछ बोलती भी नहीं थी मगर रीटा जाने सुशील के क्या कान भरती थी , गोदावरी जी ने महसूस कर लिया था कि उनका बेटा उनसे दूर जा रहा है !! राजन को भी भाभी का ऐसा व्यवहार देखकर बहुत गुस्सा आता और वह मां से कहता – मां तुम्हें गलत के खिलाफ आवाज उठानी होगी !! गोदावरी जी डरती थी कि कही सुशील रीटा के बहकावे में आकर घर ना छोड़ दे इसलिए चुप रह जाती थी !!
आस पड़ोस में रीटा सबसे इतना अच्छा व्यवहार करती कि लोगो को वह बहुत संस्कारी , पुजा – पाठ करने वाली , समझदार स्त्री लगती क्योंकि रीटा बाहर अच्छा होने का दिखावा अच्छा करती !! वहीं दूसरी ओर उसने गोदावरी जी की नाक में दम कर रखा था !! आज खाने में नमक ज्यादा था आपको खाना बनाने किसने बोला था ?? आप बार बार पुजाघर में घंटी क्यों बजाती रहती है ?? घर की कुछ फिक्र हैं या नहीं ?? हर बार ऐसे ताने सुनकर गोदावरी जी का दिल टूट जाता !!
मोहनलाल जी गोदावरी जी से कहते भाग्य का लिखा होगा गोदावरी , तभी ऐसा सब सहन करना पड़ रहा है !! हमारा सुशील भी तो अब शादी के बाद बदल गया हैं !!
एक दिन शाम के समय दिया- बत्ती करते समय गोदावरी जी से घी का डिब्बा उलट गया और घी नीचे जमीन पर घिर गया !!
रीटा गुस्से में आई और सास की कलाई मरोड़कर उन्हें धक्का देकर बोली – कितना घी वेस्ट कर दिया बुढ़िया ने , कुछ काम ढंग से नहीं करती , अब यह घी सारा उठा और इसे तू ही खाएगी !!
गोदावरी जी के मुँह से सिर्फ इतना निकला – इतना गुस्सा मत किया कर बहू !! दरवाजा खुला होने की वजह से बगल वाली कमला काकी ने यह नजारा अपनी आंखो से देख लिया और फिर पुरे मोहल्ले में यह बात आग की तरह फैल गई !!
अरे हम तो गोदावरी जी की बहू को कितनी संस्कारी समझते थे मगर यह तो एक नम्बर की अंहकारी निकली , सास पर हाथ उठाती हैं , उन्हें धक्का देती हैं , पुरे मोहल्ले में इस तरह की कानाफूसी होने लगी , कोई कहता अरे आजकल की पीढ़ी ऐसी ही हो गई हैं बुर्जुगो का कुछ सम्मान नहीं करती मगर कोई सामने आकर कुछ ना बोला क्योंकि परिवार का मामला था !!
एक शाम राजन सरप्राइज देने के इरादे से घर लौटा तो उसने देखा कि उसकी भाभी रीटा ने जोर से उसकी मां को धक्का देते हुए कहा – खाना बनाना नहीं आता तो रसोई में आती क्यों हो ?? मां नीचे गिर पड़ी और मां को माथे से खुन आ गया हैं !!
राजन ने आकर भाभी को रोकते हुए कहा – कैसी निर्दयी औरत हो आप ?? अब तक तो सिर्फ शब्दों से वार करती थी अब हाथों का प्रयोग भी शुरू कर दिया आपने !! आने दीजिए आज भैया को , उनको भी पता चले कि उनकी पत्नी यहां घर पर क्या कर रही है ??
रीटा बोली – तुम भी देख लेना , अगर तुम सबको दहेज पीड़ा का इल्जाम लगाकर जेल में चक्की नहीं पिसवाई तो मेरा नाम भी रीटा नहीं , बताओ अपने भैया को फिर देखना तुम लोगो का क्या हाल करती हुं !! गोदावरी जी रोने लग गई कि भगवान इस उम्र में यह क्या क्या देखना और सुनना पड़ रहा हैं ??
रात को सुशील के आने से पहले ही रीटा ने अपने शरीर पर कुछ नाखुनो के निशान बना लिए और फिर रोते रोते सुशील से बोली – आपके भाई ने देखो आज मुझ पर हाथ उठाया और कह रहा था अगर मैंने आपको बताया तो मुझे घर से निकाल देगा !! यह सुनकर सुशील का खुन खौल उठा और उसने तुरंत बाहर जाकर राघव के गाल पर एक थप्पड़ जड़ दिया और बोला निकल जाओ यहां से तुम , तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुमने मेरी पत्नी पर हाथ उठाया !!
गोदावरी जी बोली – सुशील , राघव की गलती नहीं थी , तुम्हारी पत्नी ने दो तीन बार मुझ पर हाथ उठाया हैं , राघव ने तो बस अपने बेटे होने का फर्ज निभाया हैं और सिर्फ बात की हैं हाथ नहीं उठाया उसने रीटा पर !!
रीटा वहां आकर बोली – सुशील , तुम्हारे माता पिता और भाई सब मिले हुए हैं , यह लोग तीनों तुम्हें मुझसे दूर करना चाहते हैं इसलिए तुमसे मेरे खिलाफ झूठ बोल रहे हैं ताकि इनका काम आसान हो जाए और तुम ही मुझे इस घर से निकाल दो !! पत्नी के मोह में अंधा सुशील बोला – आज हुआ वो हुआ कह देता हुं अगली बार अगर किसी ने भी मेरी पत्नी के साथ बदतमीजी की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा !! आज मोहनलाल जी भी बरस पड़े और बोले – बेटा तु अंधा क्यों हो गया हैं ?? तुझे दिखाई नही दे रहा क्या तेरी पत्नी हमारा घर तोड़ रही हैं , अगर तुने अब भी आंखें नहीं खोली तो हमारा घर बर्बाद हो जाएगा !! सुशील बोला – पापा अब आप भी मेरी पत्नी के खिलाफ हो गए आखिर आप लोग हमें सुख चैन से जीने क्यों नहीं देते ?? जाईए आप लोग मुझे किसी से बात नही करनी !!
सुशील का गुस्सा देख सब वहां से चले गए !! रीटा मन ही मन सुशील को उसके परिवार के खिलाफ कर बहुत खुश थी !!
रीटा आस पडोस के लोगो को अपने ससुराल वालों के अत्याचार की झूठी कहानी सुनाने लगी ताकि पुरा मोहल्ला उसका साथ दे मगर एक रोज कमला काकी मोहल्ले में सुशील से टकरा गई !! काकी की आंखें अनुभवी थी और वे गोदावरी जी को बहुत सालों से जानती थी इसलिए वह बोली – बेटा बुरा मत मानना मगर तुम जैसे अच्छे संस्कार वाले लोगो के घर में यह तुम्हारी पत्नी तुम्हारी मां के साथ कैसा बर्ताव कर रही हैं ?? मैंने खुद उसे तुम्हारी मां को धक्का देते हुए और उस पर गुस्सा करते हुए देखा हैं , हो सके तो बहु को समझाओ , बेचारी गोदावरी जी कुछ बोलती नहीं इसका मतलब रीटा कुछ भी करेगी क्या ??
आज कमला काकी के मुंह से यह सुनकर सुशील हक्का बक्का रह गया और दुकान पर जाकर पुरे दिन विचार करता रहा , एकाएक उसे ख्याल आया कि कैसे भी उसे सच्चाई का पता लगाना ही पड़ेगा !!
लगभग दस दिन बाद रीटा सुशील के पास आकर बोली – देखिए जी , आपकी मां और भाई ने फिर मुझे घर से निकालने की कोशिश की , राघव ने तो मेरे बाल तक नोच लिए उतने में वहां गोदावरी जी आकर बोली – बेटा ,यह झूठ बोल रही हैं हम क्यूं ऐसा करेंगे !!
सुशील अपनी मां के आंसू पोछते हुए बोला – हां मां जानता हूं यह झूठ बोल रही हैं !! मैंने अब तक इसकी बात पर विश्वास करके बहुत गलतियां की हैं !! अच्छा हुआ कि मैंने घर में सब जगह सी.सी टीवी कैमरे लगवा दिए ताकि मुझे यह पता चल सके कि कौन सही बोल रहा हैं ?? सुशील ने सारे कैमरे की रिकॉर्डिंग्स ऑन कर दी , किसी में रीटा अपनी सास को आंखे और गुस्सा दिखाकर बात कर रही थी तो किसी में राघव को घर से बाहर निकालने की धमकी दे रही थी !! सुशील सारी सच्चाई जान चुका था , रीटा भी अंचभित थी क्योंकि उसने ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा था !! सुशील बोला – रीटा अभी की अभी सारे परिवार से माफी मांगो पर रीटा टस से मस ना हुई !!
सुशील बोला – रीटा रिश्ते अहंकार से नहीं , त्याग और माफी से टिकते हैं ,अगर तुम माफी नहीं मांग सकती तो तुम यह घर छोड़कर जा सकती हो !!
रीटा के लिए उसका अहंकार शायद रिश्तों से बड़ा था , इसलिए वह हमेशा के लिए यह घर छोड़कर चली गई हां लेकिन एक बात अच्छी हुई कि उसके जाने के बाद गोदावरी जी का घर सुखी हो गया !! अब घर में फिर से पहले जैसी शांती थी और दोनों बेटे अपने माता पिता का खुब सम्मान करते थे !!
दोस्तों , कुछ रिश्ते पुरे परिवार की शांती भंग कर देते हैं , इसलिए शायद जिंदगी में कुछ रिश्तों का चले जाना ही बेहतर होता हैं !!
इस कहानी को लेकर आपकी क्या राय हैं ?? कमेंट में जरूर बताईएगा !!
आपकी सहेली
स्वाती जैंन