राजीव कहां थे तुम तुम्हें होश नहीं था कि बच्चों को स्कूल से लाना है?? बच्चे विचारे 2 घंटे से स्कूल में इंतजार कर रहे थे वो तो भला हो उस वॉचमैन का जिसे मैंने अपने और तुम्हारे फोन का नंबर दिया हुआ है. उसने बहुत बार तुम्हारा मोबाइल ट्राई किया लेकिन तुम्हारा फोन बंद आ रहा था. फिर उसने मुझे फोन किया तो मैं अपनी मीटिंग छोड़ कर बच्चों को स्कूल से घर लेकर आई
तुम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हो राजीव ने कहा, तुम तो बस राई का पहाड़ बना रही हो वो मेरी मोबाइल बैटरी लो होने के कारण फोन बंद हो गया था. तुम तो जानती हो कि मैं नाइट में काम करके सुबह 6:00 बजे आकर सोता हूं आज थोड़ा ज्यादा ही सो गया नींद नहीं खुली. इसमें इतना सुनाने की जरूरत नहीं है
तुम्हें लगता है कि तुम्हारी अनुपस्थित में मैं बच्चों की देखभाल ठीक से नहींं कर सकता तो तुम एक केयरटेकर रख लो जो बच्चों की देखभाल अच्छे से करेगी वो बच्चों का ध्यान भी रखेगी और उन्हें स्कूल से लेकर भी आएगी
वैसे भी बच्चे संभालना औरतों का काम है मर्दो का नहीं तब रीमा ने कहा कि तुम्हारा पहला सवाल की केयरटेकर रख लो तो तुम्हें तो पता है कि पहले केयरटेकर कई रखी थी जो बच्चों का ध्यान कम और अपने खाने-पीने का ध्यान ज्यादा रखती थी. इतना ही नहींं चोर भी थी घर में से रोज कुछ ना कुछ सामान गायब हो जाता था
इसी कारण हम दोनों ने तय किया था कि तुम्हारी रात की शिफ्ट है तो रात को बच्चों को मैं संभाल लूंगी और मेरी दिन की शिफ्ट है तो बच्चों को दिन की जिम्मेदारी तुम्हारी उस बात को सिर्फ 3 महीने ही हुए हैं और तुम 3 महीने में ही थक गए
और तुम्हारा दूसरा सवाल कि बच्चे संभालना औरतों का काम है मर्दों का नहीं तो मैं तुम्हें यह भी बता दूं कि बच्चे सिर्फ अकेली औरत के नहीं होते है औरत और मर्द दोनों के होते हैं
जब कमाते दोनों हैं तो बच्चे संभालने की जिम्मेदारी भी दोनों की होती है
जब औरत मर्द के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती है तो मर्द औरत की घर की जिम्मेदारी में हाथ क्यों नहींं बंटा सकता???
अगर बच्चे संभालने का काम तुम्हारा नहीं तो मेरा भी बाहर जाकर कमाने का काम नहीं है
तुम्हें लगता है कि घर की जिम्मेदारी अगर मेरी अकेले की है तो ठीक है मैं कल से ही जॉब छोड़ देती हूं वैसे भी यह जॉब मैं अपनी खुशी से नहीं कर रही तुम तो घर का खर्चा भी अच्छे से चला नहीं सकते इसलिए मुझे तो मजबूरी में जांब करना पड़ रहा है
वरना लोन की किस्त कैसे जमा होगी तुम्हें तो पता है कि हमारा घर और गाड़ी दोनों लोन पर है
जब रीमा ने राजीव को आईना दिखाया तो राजीव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने कहा कि मैं गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल दिया. आई एम सॉरी रीमा. मुझे माफ कर दो. आगे से मैं अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाऊंगा. तुम थक गई होगी मैं हम दोनों के लिए अच्छी सी चाय बनाकर लाता हूँ और बच्चों के लिए भी कुछ खाने के लिए लाता हूँ उन्हें भी भुख लगी होगी तब रीमा मुस्कुरा दी
दोस्तों अक्सर देखा गया है कि औरत चाहे काम करती हो या घरेलू पर कभी घर में उसकी कोई इज्जत नहींं होती आपको क्या लगता है अगर औरत और मर्द जब दोनों कमाते हैं तो घर की जिम्मेदारी भी दोनों को मिलकर निभानी चाहिए या नहीं
अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर दीजिएगा
आपकी ब्लॉगर दोस्त
@ मनीषा भरतीया