विश्वासघाती कभी फ़लते नहीं – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“लो भाभी लड्डू खाओ बड़ी भाभी के यहां पोता हुआ है पोता होने की खुशी में उन्होंने आपके लिए लड्डू भिजवाए हैं “अनुराधा खुशी से अपनी छोटी भाभी सपना को लड्डूओ का डिब्बा देते हुए बोली तो सपना आश्चर्य से

उसकी तरफ देखते हुए बोली”काजल दीदी के पास ऐसा कौन सा मंत्र है जिसके कारण उसके घर में खुशियां ही खुशियां बरस रही है उनके दोनों बेटे की शादी भी हो गई अब दोनों के एक एक लड़का भी हो गया मेरे दोनों बच्चे तो अभी तक कुंवारे बैठे हैं

कितनी कोशिश कर ली मैंने परंतु, कोई शादी करने को तैयार ही नहीं है आप उनसे पूछ कर बता दो ना मैं भी वही उपाय करूंगी जिससे मेरे दोनों बच्चों का घर बस जाये।”

    छोटी भाभी की बात सुनकर कुछ पुरानी बातों को याद करके अनुराधा के चेहरे पर उदासी छा गई थी उसकी बड़ी भाभी काजल और छोटी भाभी सपना में जमीन आसमान का अंतर था बड़ी भाभी हमेशा अपने सास ससुर और नंनद देवर की बहुत सेवा करती थी

लेकिन छोटी भाभी शादी करने के कुछ दिन बाद ही घर के काम से बचने के लिए अपने पति के साथ उनका घर छोड़कर अलग रहने लग गई थी जिसका काजल ने बिल्कुल भी बुरा नहीं माना था बल्कि अलग रहने पर भी वह अपनी देवरानी की हमेशा मदद करती रहती थी जरूरत पड़ने पर वह उसकी

अक्सर पैसे और बीमार पढ़ने पर उसके घर खाना पीना भिजवा कर उसकी मदद कर देती थी उसके पति राजीव और देवर संजीव दोनों ने मिलकर एक कंपनी खोल रखी थी जिसे दोनों मिलकर चलाते थे एक बार राजीव की तबीयत खराब हो गई तो वह अपना इलाज करवाने के लिए अस्पताल में एडमिट हो गया था उसे अपने भाई पर पूरा विश्वास था कि उसके अस्पताल जाने के दौरान वह कंपनी में कोई

गड़बड़ी नहीं करेगा बल्कि पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करेगा लेकिन उसके भाई ने अपने बड़े भाई की अनुपस्थिति का लाभ उठाकर उसके साथ  विश्वास घात किया और  बेईमानी करके कंपनी अपने नाम करवा ली थी।

      ठीक होने के बाद राजीव जब कंपनी में गया तो संजीव ने उसे यह कह कर कंपनी में घुसने से मना कर दिया कि बीमार होने के कारण वह इस योग्य नहीं रहा कि वह कंपनी में काम कर सके इसलिए वह कहीं और काम देख ले जब राजीव ने संजीव से कंपनी में अपना हिस्सा मांगा तो संजीव ने

उसका हिस्सा देने से भी साफ मना कर दिया था तब दुखी होकर राजीव अपने घर चला आया था पति को दुखी देखकर जब काजल ने उनसे उनके दुखी होने का कारण पूछा तो  राजीव ने काजल को संजीव की करतूत बताई तो काजल उन्हें समझाते हुए बोली”दूसरे का हिस्सा लेकर कोई ज्यादा दिन खुश नहीं रह सकता देखना एक दिन उन्हें अपने कर्मों की सजा जरूर मिलेगी

विश्वास घाती कभी  फलते नहीं और मेहनत करने वाले कभी भूखे मरते नहीं आप किसी कंपनी में जाकर कोशिश कीजिए देखना आपको नौकरी जरूर मिलेगी मैं ईमानदारी से मिले थोड़े पैसे में ही अपने परिवार का पालन पोषण कर लूंगी” पत्नी की बात सुनकर राजीव का दुख कुछ कम हुआ और उसकी दरियादिली पर आश्चर्य भी हुआ की देवर देवरानी से लड़कर अपना हिस्सा मांगने की बजाय

वह उन्हें खामोशी से सब्र रखते हुए अपना दूसरा काम देखने के लिए कह रही थी उसकी जगह कोई और होती तो अपने देवर के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देती या फिर घर में क्लेश कर देती परन्तु , उसने कुछ नहीं किया धैर्य से वक्त का इंतजार किया क्योंकि वक्त से बड़ा कोई नहीं होता

वक्त जब हिसाब करने पर आता है तो दूध का दूध और पानी का पानी कर देता है पत्नी का कहना मानकर कुछ दिन बाद  उसने एक कंपनी में नौकरी करनी शुरू कर दी थी।

   भगवान की कृपा से कंपनी से उसे इतना वेतन मिल जाता था कि आसानी से उसके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा और घर खर्च आसानी से चल जाता था दो बेटे से उनके दोनों ही पढ़ने लिखने में होशियार और माता-पिता का सम्मान करने वाले दोनों बेटे शिक्षा पूरी

करके जब अपने पैरों पर खड़े हुए तो राजीव और काजल ने सादगी से उनका विवाह उनके योग्य कन्याओं से कर दिया था जिससे उनके घर में बेहद खुशहाली आ गई थी उधर विधाता ने संजीव को ऐसा दुख दिया कि एक दिन बिजली की चिंगारी गिरने से कंपनी में आग लग गई और वह जलकर राख हो गई जिससे वह बुरी तरह से बर्बाद हो गया उसके

भी दो बेटे थे दोनों ही पढ़ने लिखने में कमजोर जिसके कारण वह ना तो अपनी शिक्षा पूरी कर सके और ना ही अपने पैरों पर खड़े हो सके ऊपर से उनके परिवार पर अपने बड़े भाई से विश्वासघात  का ठप्पा भी लगा हुआ था जिससे कोई भी पिता उनके घर में अपनी बेटी देने को तैयार नहीं था जिसके कारण दोनों भाई अभी तक कुंवारे बैठे थे। 

     “दीदी आप मेरी बात सुनकर उदास क्यों हो गई?”सपना ने अपनी नंनद अनुराधा आपको उदास देखकर कहा तो सभी बातों पर विचार विमर्श करने के बाद अनुराधा अपनी भाभी सपना से बोली”भाभी बड़ी भाभी के पास ऐसा कोई मंत्र

या उपाय नहीं है उन्हें ईश्वर पर पूरा विश्वास है कि ईश्वर उन्हें कभी दुख नहीं देते जो सबको सुख देते हैं और सब की सेवा करते हैं आपने बड़े भैया भाभी के साथ जो विश्वास घात किया था यह शायद उसी का फल है कि लोगों ने आप पर विश्वास करना छोड़ दिया यदि आप भी बड़ी भाभी की तरह होती तो शायद आज  आपके बच्चों का घर भी बस जाता”अनुराधा की बात सुनकर शर्मिंदगी और पश्चाताप से सपना का चेहरा उतर गया था परंतु, अब हो क्या सकता था

वक्त ने उन्हें उनकी गलती का बहुत बड़ा फल दे दिया था। इस रचना के माध्यम से मैं यही संदेश देना चाहती हूं कि कभी भी किसी के साथ विश्वासघात ना करें क्योंकि विश्वासघात करने वाले कुछ दिन तो खुश रहते हैं लेकिन बाद में ईश्वर उन्हें ऐसी सजा देते है कि उनका पैसा या तो बीमारी में खर्च होता है या फिर जिस चीज के कारण वे विश्वास घात करते हैं वही बर्बाद हो जाती है इसलिए भविष्य में किसी के साथ भी विश्वासघात  ना करें बल्कि बुरे वक्त पर अपनों की मदद करें ताकि जीवन में उन्हें भी खुशियां और सम्मान मिले जीवन में हमें वही मिलता है जो हम किसी को देते हैं यही जीवन की सच्चाई है। 

विश्वासघात

लेखिका : बीना शर्मा

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