“कौन हो तुम?? देखो, मेरे पास मत आना। मुझे, मुझे मत मारो। तुम जो कहोगे मैं वही करुँगी। मुझे जाने दो। प्लीज, मुझे जाने दो।”
ये शब्द सोनाक्षी के थे। जो अभी गहरी नींद की आगोश में बिस्तर के एक तरफ लेटी हुई थी। उसका शरीर पसीने से लतपथ था और शरीर डर से काँप रहा था।
बिस्तर के दूसरी तरफ़ सोये उसके पति नीरज ने जब यह आवाज सूनी तो वह हक्का-बक्का रह गया। उसने आज से पहले सोनाक्षी को कभी ऐसी हालत में न देखा था। नीरज उठकर बिस्तर पर बैठ गया और सोनाक्षी को आवाज देने लगा – “सोनाक्षी, सोनाक्षी, सोनाक्षी”।
पर सोनाक्षी तो जैसे किसी और ही दुनिया में खोयी हुई थी। उसे नीरज की आवाज से कोई फर्क न पड़ा और वह नींद में रोने, चिल्लाने लगी।
नीरज के कुछ समझ न आ रहा था कि वह क्या करे? नीरज ने कसकर सोनाक्षी को पकड़ा और झकझोरते हुए चिल्लाया – ” सोनाक्षी, होश में आओ।”
पर सोनाक्षी अभी भी पागलों जैसी हरकत कर रही थी। नीरज ने गुस्से में एक थप्पड़ सोनाक्षी के गाल पर जड़ दिया। सोनाक्षी को थोड़ा होश तो आया। पर सोनाक्षी अभी भी डरी हुई थी।
नीरज : सोनाक्षी, क्या हुआ है? तुम पागलों जैसी हरकत क्यों कर रही हो?
सोनाक्षी रोते हुए – वह, मुझे मार डालेगा।
नीरज – कौन, तुम्हें मार डालेगा??
सोनाक्षी – नहीं, नहीं, मैं नहीं बता सकती। अगर बताया तो वो मुझे मार डालेगा और तुम्हें भी मार डालेगा। चलो हम कहीं भाग चलते हैं।
नीरज : तुम सच में पागल हो गई हो। कान खोलकर सुन लो। हम कहीं नहीं जा रहे। अब अपनी बकवास बंद करो और चुपचाप सो जाओ।
सोनाक्षी, नीरज से तो बहुत कुछ कहना चाहती थी। पर वह कह न सकी। उसके दिलो दिमाग में क्या चल रहा था? यह तो सिर्फ और सिर्फ सोनाक्षी ही जानती थी। समय बीतता गया। पर सोनाक्षी का पागलपन कम होने के बजाय बढ़ता ही गया।
पानी अब नीरज के सिर से ऊपर जा चुका था। नीरज, सोनाक्षी को मनोचिकित्सक डॉक्टर के पास लेकर गया। डॉक्टर के पास इलाज के दौरान मनोचिकित्सक काउंसिलर ने सोनाक्षी की काउन्सलिंग की।
काउन्सलिंग के दौरान सोनाक्षी ने काउंसिलर को जो सच बताया। उसे सुन सबके होश उड़ गये। सोनाक्षी ने अपने डर का कारण राहुल को बताया जो नीरज का चचेरा भाई था।
नीरज कुछ दिन पहले ऑफिस के काम से शिमला गया था। वहाँ उसे ज्यादा वक्त लगना था। इसलिए उसने राहुल को बोल दिया था कि वह बीच-बीच में अपनी भाभी यानि सोनाक्षी का हाल समाचार लेता रहे ताकि उसे अकेला ना लगे। पर नीरज को क्या पता था कि राहुल उसके लिए जी का जंजाल बन जायेगा?
सोनाक्षी ने काउंसिलर को उस काली रात का सच बताया जिसकी चश्मदीद गवाह वह स्वयं थी। सोनाक्षी ने काउंसिलर को बताया कि एक दिन राहुल, अपनी दोस्त रिया के साथ उसके घर पर आया था। राहुल, रिया को सोनाक्षी से मिलवाना चाहता था। सोनाक्षी ने राहुल और रिया के लिए खाना बनाया और सब डाइनिंग टेबल पर बैठ खाना खाने लगे।
खाना खाते-खाते कब सोनाक्षी बेहोश हो गई। उसे कुछ पता न चला। जब उसे होश आया तो रात के बारह बज रहे थे और सोनाक्षी डाइनिंग टेबल पर बेसुध पड़ी टेबल से उठने की कोशिश कर रही थी। तभी उसके कानों में आवाज गुंजने लगी – “तुमने मेरा फायदा उठाया है। मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी। मार डालूंगी तुम्हें।”
ये आवाज़ रिया की थी। राहुल ने रिया और सोनाक्षी दोनों के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया था ताकि वह कुछ घंटों के लिए बेहोश हो जाये। राहुल की बुरी नज़र रिया पर थी और वह अपने मकसद में कामयाब भी हो चुका था। राहुल ने रिया की इज्ज़त तार-तार कर दी थी। जब रिया को होश आया तो वह पागलों की तरह राहुल से लड़ने, झगड़ने लगी। रिया ने राहुल को धमकी दी कि वह थाने में जाकर एफ. आई. आर. कर देगी और पुलिस को कॉल करने लगी।
राहुल भी आवेश में आ गया और रिया से हाथा-पाई के दौरान राहुल ने रिया के गले को कसकर दबा दिया। जिससे रिया की दम घुटने से मौत हो गई। जब सोनाक्षी, राहुल तक पहुँची तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सामने का नजारा देख तो जैसे सोनाक्षी के पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। वह अंदर तक सुन्न पड़ चुकी थी। वह राहुल पर चिल्लाते हुए नीरज को फोन करने लगी। नीरज ने सोनाक्षी के हाथों से फोन छीन लिया और उसे धमकाते हुए बोला कि अगर उसने किसी से भी कुछ कहा तो वह रिया की तरह नीरज और उसे दोनों को जान से मार देगा।
सोनाक्षी एक औरत थी। वह राहुल की बातों से सहम गई। उसे अपने जान की तो परवाह न थी पर उसे नीरज की फ़िक्र थी। इसलिए उसने राहुल की बात मान ली और चुप रहने का फैसला किया।
राहुल ने रिया की लाश को घर के पीछे बागवानी में दफन कर दिया और जाते-जाते सोनाक्षी को बोल गया कि गलती से भी किसी को यह पता न चलें वरना उसके लिए अच्छा नहीं होगा।
इस घटना के कुछ समय बाद पुलिस भी एक बार सोनाक्षी से रिया के सिलसिले में मिलने आयी थी क्योंकि रिया के घरवालोंं ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवा दी थी और रिया के मोबाइल की लास्ट लोकेशन सोनाक्षी का घर ही शो हो रहा था।
सोनाक्षी ने पुलिस को बोला कि रिया उससे मिलने आयी थी और मिलकर वापस उसी दिन चली गयी थी। पुलिस ने सोनाक्षी से कहा कि वह उससे पूछ्ताछ के लिए दुबारा आयेंगे। बस यही बात सोचकर सोनाक्षी अपनी दिमागी हालत खोती जा रही थी।
सोनाक्षी ने नीरज से माफ़ी माँगा। नीरज ने सोनाक्षी को गले लगा लिया।नीरज ने पुलिस को सारी बातें बता दी। बागवानी में लाश वाली जगह की खुदाई हुई और सोनाक्षी की सारी बातें सच निकली। पुलिस ने राहुल को हिरासत में ले लिया। राहुल आज भी जेल में अपनी सजा भुगत रहा है। पर सोनाक्षी उस काली रात को याद कर आज भी सहम जाती है।
(पूर्णतः सुरक्षित, स्वरचित, अप्रकाशित एवं मौलिक रचना)
लेखक : नीरज श्रीवास्तव
मोतिहारी, बिहार