एक हाथ से ताली नहीं बजती – बबिता शर्मा 

एक छोटे से गाँव में, दो पड़ोसी रहते थे – राम और श्याम। वे दोनों एक ही खेत में काम करते थे और अच्छे दोस्त थे। लेकिन एक दिन, उनकी जमीन की सीमा को लेकर विवाद हो गया। राम ने श्याम पर आरोप लगाया कि वह उसकी जमीन पर कब्जा कर रहा है, जबकि श्याम ने कहा कि वह अपनी जमीन की रक्षा कर रहा है।

विवाद बढ़ता गया और दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ गया। वे एक दूसरे से बात नहीं करते थे और उनके परिवार भी अलग-अलग हो गए।

एक दिन, एक बुजुर्ग व्यक्ति ने दोनों पड़ोसियों को बुलाया और कहा, “एक हाथ से ताली नहीं बजती। तुम दोनों ने एक दूसरे के साथ गलत व्यवहार किया है और अब तुम दोनों को मिलकर समाधान निकालना होगा।”

राम और श्याम ने बुजुर्ग की बात सुनी और समझा कि वह सही कह रहे थे। उन्होंने एक दूसरे से माफी मांगी और अपनी जमीन की सीमा को लेकर समझौता किया।

धीरे-धीरे, दोनों पड़ोसियों के बीच की दोस्ती फिर से शुरू हो गई और वे एक दूसरे के साथ अच्छे संबंध बनाने में सफल रहे। उन्होंने सीखा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती और किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना होता है।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि समझौता और माफी मांगना किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

लघुकथा

बबिता शर्मा 

जमशेदपुर

 झारखंड

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