ईर्ष्या – सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

खूबसूरत रितिका के बाल बहुत ही सुंदर, घुंघराले एवं घुटनों तक लंबे थे‌। जो हर स्त्री की चाहत रितिका के बालों जैसी होती है। कोई भी खूबसूरत बालों का विज्ञापन देखते ही रितिका का नाम जहन में गूंजने लगता। भगवान भी किसी- किसी को बहुत फुर्सत से बनाते हैं। यह सभी बातें रितिका पर एकदम उपयुक्त बैठती है। कुदरती सुंदरता के साथ-साथ खूबसूरत केस देखते ही बनते हैं। सुंदर केस ही उसकी पहचान बन गई। 

समय के साथ-साथ रितिका बड़ी हो गई,उसके रिश्ते एक से बढ़कर आने लगे। रितिका के माता-पिता अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझ रहे थे कि बेटी के लिए रिश्तों की कमी नहीं है।

आखिर में रितिका के माता-पिता को अधीर का रिश्ता बहुत पसंद आया।

रितिका विवाहोपरांत अपनी ससुराल गई। ससुराल में हर किसी के मुख से रितिका की खूबसूरती एवं बालों की वाहवाही होती थी। बहुत सी स्त्रियां उसकी सुंदरता और बालों को देखकर जलती भी थी।

ससुराल में दिनभर कामकाज में  व्यस्त रहने के कारण  रितिका अपना ख्याल नहीं रख पा रही थी। सुबह तड़के उठना और रात को थक-हारकर सो जाना यह उसकी दिनचर्या थी।

कुछ समय पश्चात रितिका ने एक पुत्र को जन्म दिया। घर में खुशी का माहौल था। रितिका कभी यह नहीं समझ पायी कि उसके ससुराल में भी उससे कोई द्वेष भावना रख सकता है।

अस्पताल से आने के पश्चात वह बच्चे में व्यस्त रहने लगी इस बीच उसने महसूस किया कि उसके बालों में खूब खुजली हो रही है लेकिन वह समझ पाने में असमर्थ थी। एक दिन अधीर से बोली पता नहीं क्यों अस्पताल से आने के पश्चात मेरे बालों में अजीब सी खुजली रहती है एक बार थोड़ा देखो न!!

अधीर ने नजरअंदाज करते हुए बोला तुम व्यस्त रहती हो और अपना ख्याल नहीं रख पाती शायद इसीलिए बालों में खुजली हो रही है।

रितिका के बार-बार कहने पर अधीर ने बालों को उलट-पुलट कर देखा अचानक उसे एक जूँ दिखा!!

 यह क्या??

तुम्हारे सिर में जूँ हो गए हैं!! अधीर आश्चर्यचकित होकर बोला। 

रितिका बहुत ज्यादा परेशान हुई। इतने लंबे बालों में जुएं निकालना बहुत टेड़ी खीर था।

रितिका अपनी सासू मांँ से बोली….माँ मुझे अति शीघ्र कोई ऐसा उपाय बताओ जिससे हमारे सिर में जुएं खत्म हो जाए।

सासू मांँ जैसे इसी ताक में थी कि कैसे अपनी ईर्ष्या का बदला ले सके।

देख बहू!! उपाय तो बहुत है लेकिन एक जो उपाय है उससे शत प्रतिशत बालों के अंदर के जूँ खत्म हो जाएंगे। रितिका खुश होकर उत्सुकता से बोली… मां आप जल्दी बताइए‌!! इस कारण मैं बहुत तनाव ग्रस्त हूंँ।

सासू मां ने जो उपाय बताया सुनकर रितिका थोड़ा हैरान हुई, पर हैं तो अपनी सासू मां!!….सोचकर विश्वास कर लिया।

सासू मांँ ने मिट्टी के तेल में कई चीजें मिलाकर एक लेप बना दिया और बोली इसे पूरे बालों में लगा लो सब जूँ खत्म हो जाएंगे।

रितिका अपने बालों को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहती थी।  उसने तुरंत सासू मां की बात मानकर वह लेप पूरे बालों में लगा लिया। उसने महसूस किया कि बालों की खुजली थोड़ा कम हो गई है।

जब उसने बालों को धोया ढेर सारे बालों का गुच्छा उसके हाथ में आ गया वह परेशान हो गई।

सासू मां को बताया तो वह बोली… कि बच्चा जब स्तनपान करता है तो मां के बाल अपने आप टूटने शुरू हो जाते हैं। बाद में सब ठीक हो जाते हैं।

रितिका आसानी से अपनी सासू मां की बातों का आंख बंद कर विश्वास कर लिया।

रितिका बहुत परेशान रहने लगी क्योंकि उसके दिन पर दिन बाल बहुत ज्यादा टूटने लगे। आखिर में थक हार कर वह चिकित्सक के पास गई।

चिकित्सक ने बताया, कि आपने जो नुक्सा अपने बालों में इस्तेमाल किया है वह बहुत ही हानिकारक है शायद अब कभी दोबारा तुम्हारे बाल ही न उगे।

रितिका माता ठोक कर रह गई, क्यों उसने अपनी सास की बात सुनकर ऐसा किया??

पहले ही चिकित्सक के पास चली जाती तो कितना अच्छा होता। आखिर सासू मां ने ऐसा क्यों किया…..यह सोचने पर मजबूर हो गई।

सासू मां से बोली मां तुमने जो नुक्सा बताया था वह तो बहुत ही हानिकारक था, आपने ऐसा नुक्सा मुझे क्यों

दिया?

सासू मां कुटिल मुस्कान मुस्काते हुए बोली मुझे जो मालूम था बता दिया।  तेरे सारे बाल निकल गए…इसकी दोषी मैं हूँ क्या??

रितिका सिर पटक कर रह गई। क्या सास भी अपनी बहू से इस कदर जलन की भावना रख सकती है??

सास तो दूसरी मां होती है। जो हर तरह की बातें हमें बताती है। क्योंकि बेटियां सब कुछ अपने मायके से ही सीख कर नहीं आती हैं।

रितिका को एक बात समझ में आ गई….. कोई भी नाते रिश्ते क्यों न हो उन पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। सुनो सबकी,करो मनकी। अब आगे से मेरा यही सिद्धांत होगा।

– सुनीता मुखर्जी श्रुति 

– लेखिका 

– स्वरचित मौलिक 

– हल्दिया पूर्व मेदिनीपुर पश्चिम बंगाल

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