राज – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीला एक गृहिणी थीं उसके पति राघव की अच्छी नौकरी थी घर में हर सुख सुविधा थी।दो प्यारे प्यारे बच्चे थे।सब कुछ अच्छा था तभी उनके पड़ोस में एक परिवार शिफ्ट हुआ।परिवार में पति पत्नी मीरा और नमन थे और एक बेटी कियारा और नमन की माता जी सुनीता जी।

राघव ज्यादातर टूर पर होते तो यहां नीला और बच्चे ही अकेले होते।बच्चे स्कूल चले जाते और कामों के लिए बाई थी तो नीला बोर हो जाती एक दिन सुबह नीला माली से बगीचे में काम करवा रही थी तभी सामने से मीरा आई , हाय हेलो हुई कुछ दिनों में दोनो की अच्छी दोस्ती हो गई। बच्चे भी साथ खेलते वो दोनों भी साथ घूमती सब कहते बड़ा दोस्ताना है

दोनो परिवारों का भी आना जाना बढ़ गया था।नीला खाना बहुत अच्छा बनाती थीं जिसकी नमन बहुत तारीफ करता। नमन और राघव में भी अच्छी दोस्ती हो गई।नमन की नीला की बार बार तारीफ करने से मीरा चिढ़ती थी ।एक दिन नीला और मीरा बाहर लॉन में बैठे थे ।

राघव ऑफिस के काम से टूर पर गया था और बच्चे स्कूल नमन भी ऑफिस गया था।सासू जी अपनी बेटी के यहां गई थी घर में बस ये दोनों ही थी। मीरा ने नीला से पूछा राघव जी इतना ऑफिस टूर पर जाते हैं तुम अकेली कैसे रहती हों।नीला बोली क्या करू मजबूरी है। बातों बातों में नीला ने बताया कि कॉलेज में उसका एक बॉय फ्रेंड था सुजॉय दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे

और सुजॉय के साथ वो घर से भाग गई थी पर स्टेशन पहुंचते ही भाई और पापा उसे रात ही घर ले आए तो किसी को कुछ पता ना चला कुछ दिनों में राघव का रिश्ता आया और शादी कर दी वो भी इतनी दूर इसी कारण तो मै मायके भी कम जाती हूं भाभी और मां से बात होती हैं पापा और भैया तो सब के सामने दिखावे के लिए बात करते हैं नहीं तो वो मेरी सूरत भी नहीं देखना चाहते।

मीरा बोली तू शादी के बाद उससे नहीं मिली ।मिली थी दो बार यहां आने से पहले हम जहां रहते थे वहां पर राघव के टूर पर जाने के बाद वो आया। वो मुझे अपने साथ ले जाना चाहता था पर मैने उसे बड़ी मुश्किल समझाया वो तो मेरे बिना एक पल नहीं रह सकता था।फिर राघव ने कंपनी बदल ली और हम यहां आ गए।मैने fb id भी बंद कर दी ताकि उसे मेरा पता ना चले नंबर भी बदल लिया।

मीरा बोली तुझे उसकी याद नहीं आती ।आती है कई बार आती हैं उसकी बाहों में गुजरे वो पल याद आते हैं।राघव या तो काम में बिजी होते है और घर में होते है तो क्रिकेट या बच्चे और थककर सो जाते है। सबको लगता है सुखी परिवार है पर मैं कितनी तनहा हूं ये कोई नहीं जानता।नीला अपनी रो में बोलती जा रही थी अपने राज खोलती जा रही थी उसे पता ही ना था कि मीरा सब रिकॉर्ड कर रही है।

मीरा अपने घर चली आई और बच्चे आने के बाद नीला अपने काम में लग गई।अगले दो तीन दिन मीरा नहीं आई तो नीला उसके घर पहुंची उसने कोफ्ते बनाए थे नमन भी घर पर था बोला अरे वाह नीला जी आप आज क्या स्वादिष्ट बनाया है आपने ।नीला बोली कोफ्ते बनाए थे तो सोचा आपको भी दे दूं लीजिए में आपको परोस दूं। मीरा बोली रुक जाओ नीला तुम अपने पति से संतुष्ट नहीं हो

तो क्या मेरे पति पर डोरे डालोगी।नीला बोली ये क्या कह रही हो मीरा।नीला को पता ही नहीं था कि उसके पीछे पीछे राघव भी आया है और वो दरवाजे से सब सुन रहा था।नीला बोली ये क्या तरीका है बोलने का ।मीरा बोली ज्यादा सती साध्वी मत बनो जो एक लड़के के साथ भाग गई शादी के बाद भी उससे मिलती रही अपने पति से संतुष्ट नहीं वो दूसरों के पतियों पर ही तो डोरे डालेगी।

नमन बोला क्या बकवास कर रही हो।मीरा बोली सच बोल रही हूँ और उसने रिकॉर्डिंग चला दी।नीला बोली मैने बहन समझ तुमसे अपने राज को शेयर किया और तुमने रिकॉर्डिंग कर मेरा चरित्र दागदार कर दिया।मै तुम्हे माफ नहीं करूंगी।मीरा बोली निकल मेरे घर से मै तुझ जैसी औरत का साया भी मै अपने पति पर नहीं पड़ने दूंगी।नीला रोने लगी पीछे से राघव की आवाज आई नीला घर चलो।

नीला को काटो तो खून नहीं वो चुप चाप घर आई।राघव  उसे लेकर अंदर आया।राघव बोला तुम्हे शिकायत थी तो मुझसे कहती और तुम्हारे अफेयर के बारे मे मै शादी से पहले ही जान गया था पर सोचा इस उमर में सब होता है

इसलिए चुप रहा पर तुमने शादी के बाद भी उस आदमी से संबंध रखे छी। मुझे शर्म आ रही है चाहूं तो तुम्हे तलाक़ दे दूं पर बच्चों का सोच खामोश हूं।आज से हम पति पत्नी नहीं है सिर्फ मां बाप है इससे ज्यादा की उम्मीद मत रखना।राघव बाहर चंला गया

और नीला सोचती रही मैने ये क्या कर दिया जिस राज को इतने साल सीने में दफन रखा उसे उगला तो मेरा जहानं जल गया।अगले दिन ही राघव ने अपनी ट्रांसफर दूसरे शहर करवा ली और वहां से चले गए। जाते जाते राघव ने मीरा से बस इतना कहा मेरा घर तो तुमने खराब कर दिया

पर याद रखना यदि किसी ने तुम पर भरोसा कर तुम्हे कुछ बताया है तो उसका मान रखना राज को राज ही रखना।मीरा नीला को जाते देख रही थी।नीला कमजोर लग रही थी क्योंकि सब लुटा बैठी थीं।

स्वरचित कहानी

आपकी सखी 

खुशी

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