अपमान – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुनीता गांव की  पढ़ी लिखी लड़की थी |  बहुत ही ज्यादा  समझदार भी  थी |वो हमेशा  से डाक्टर बनना चाहती थी |उसके मां पापा बहुत मेहनत करते | ताकि अपनी बेटी  को पढ़ा लिखा के डॉक्टर  बना सके | गांव के  सभी लोग उसकी बहुत तारीफ करते थे |सुनीता से पूरे गांव के लोगों की बहुत उम्मीद थी

| गांव में कभी भी किसी को भी कोई परेशानी होती तो सब सुनीता के पास ही आते थे | सुनीता हर तरह से गांव वालों की  मदद करती थी | सुनीता को कुछ भी गलत लगता तो उसी समय वो बोल देती थी | गलत बात बर्दाश्त नहीं करती थी | वो डॉक्टरी की पढ़ाई करने गांव से  शहर आ गई | 

दिन रात मेहनत करने लगी  | और आखिरकार उसको डॉक्टर की डिग्री मिल ही गई | वो आर्थोपेडिक डाक्टर बन गई | और पूरी लगन के साथ मरीजों की सेवा करती | जिस हॉस्पिटल में काम करती उस हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर सुमित थे  | वो सुनीता का काम, और मरीजों के प्रति लगाव देख बहुत खुश थे 

डॉक्टर सुमित ने  सुनीता के सामने शादी का प्रस्ताव रखा की सुनीता तुम हमसे शादी कर लो | हम दोनो मिल के इस हॉस्पिटल को चलाएंगे | सुनीता बहुत खुश हुई | मन ही मन सोचा की अपना हॉस्पिटल रहेगा तो मै अपने गांव के लोगों का इलाज कम पैसे में  भी कर दूंगी | उसने बोला सुमित सर मै अपने पापा से बात करके बताती हूं | 

सुमित ने बोला ठीक है अपने मां पापा को यही बुला लो | मै भी अपने  मॉम डैड को बुला लेता हूं |सुनीता ने अपने मां पापा को शहर बुलाया और अपनी सारी बात बताई | सुनीता के मां पापा बहुत खुश हुए |अगले दिन जब सुबह डॉक्टर सुमित,सुनीता के मां पापा से मिलने आए ,तो  अजीब सा चेहरा बनाने लगे 

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, और हसने लगे , मानो क्या देख लिया हो | सुनीता बोली क्या हुआ सर ?आप हंस क्यों रहे है? कुछ नहीं बस  | नहीं सर आप मेरे मां पापा को देख के हंस रहे है ? सुनीता तुमने इनको बताया नही इतने बड़े हॉस्पिटल में आए है तो थोड़ा ठीक ठाक कपड़े तो  पहन के आए होते ? क्या गवार जैसे कपड़े पहन के आ गए है |

सुनीता ने बोला सर आपको मेरे मां पापा का “अपमान ” करने का कोई हक नहीं है | सॉरी सॉरी  सुनीता मै मजाक कर रहा था | मेरे मॉम डैड भी आ रहे है | सुनीता डॉक्टर  सुमित के मॉम डैड को देख आगे बढ़ के उनके पैर छुए | सुमित की मॉम को बहुत अच्छा लगा | दोनो परिवारों मै बैठ के बात तय हो गई | सुमित के मॉम डैड को सुनीता का बात व्यवहार बहुत ही अच्छा लगा | सब शादी के लिए तैयार हो गए | 

सुनीता ने बोला मै आप सब के सामने, डॉक्टर सुमित   से कुछ कहना चाहती हूं | सब ने बोला , हा बोलो बेटा | सुमित आप  मेरे मां पापा का अपमान नहीं करेंगे | मजाक में भी नहीं करेंगे | अगर आपको मेरी ये शर्त मंजूर है, तो ही मैं शादी करूंगी | 

सुमित ने बोला हा बिल्कुल मै तुम्हारे मां पापा का कभी भी  अपमान नहीं करूंगा | सब खुश हो गए | और तैयारी में लग गए|

डॉक्टर सुमित और सुनीता की शादी बहुत धूम धाम से हो गई | 

 शादी के बाद डॉक्टर सुमित ने सुनीता से बोला तुमने तो हमको डरा ही दिया था | तुम अपने मां पापा से बहुत ज्यादा ही प्यार करती हो  | सुनीता ने बोल जी मै तो करती हूं | आप नहीं करते है क्या ,अपने मॉम डैड से प्यार ? डॉक्टर सुमित ने बोला  जी हा मै भी करता हूं| तो मेरी मैने जो शर्त रखी थी वो ध्यान रखना | आप  को बहुत कम मौके मिलेगे मेरे मां पाप से मिलने का या उनका अपनाम करने का , और मेरे पास हजार  मौका रहेगा  | समझे पति जी | बोल के सुनीता कमरे से बाहर चली गई | 

सुमित को समझ आ गया था ,की सुनीता क्या कहना चाह रही है |  वो गलत बात बर्दाश्त नहीं करेगी | 

“वैसे ठीक भी है आज के समय में, आपको किसी की बात गलत लगे,या कोई आपका मजाक बनाए , तो उसी समय  रोक दे | गलत को रोकना बहुत जरूरी है |

रंजीता पाण्डेय

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