मिताली ने जल्दी जल्दी हाथ चलाकर अपनी ननद बिनीता कीडिजाइनर dress पूरी की फिर अपनी सासूमां को फोन मिलाया, मम्मी जी मैं कल सुबह ही जल्दी आजाऊंगी,क्योंकि बिन्नी दीदी की ड्रेस पूरी करते-करते समय का पता ही नहीं चला।आप काम की चिंता जरा भी मत करना मैं आकर सब कुछ कर दूंगी।
कल मिताली की प्रिय ननद बिनीता का बर्थडे था,मिताली ने बिनीता को सरप्राइज देने के लिए अपने हाथों से डिजाइन करके पूरे पांच दिन में वह ड्रेस पूरी की थी,बिनीता को इस बारे में पता नही चले इसलिए अपने मायके आ गई थी।हां उसकीसासूमां को उसने अपने इस प्लान के बारे में जरूर बता दिया था।बिनीता का भुनभुना चालू था,अपनी मां से शिकायती स्वर में कह रही थी।
मां देखा आपने अपनी लाड़ली बहू को कल मेरा बर्थडे है और ये महारानी मायके जाकर बैठ गई हैं,आपने कुछ ज्यादा ही सिर चढ़ा रखा है भाभी को,कभी कुछ कहती ही नहीं उसको।
नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है जब तेरी शादी हो जायेगी तब तुझे इस बात का का एहसास होगा कि मायके की क्या अहमियत होती है।तू अपना मूड मत खराब कर ,कल सुबह तक वह जरूर से घरआजायगी।उसको याद है कि कल तेरा बर्थडे है।
अच्छा,बता कल तेरा क्या प्लान है, बर्थडे कैसे मनाना है।आजकल के बच्चे तो बड़े होने पर अपने मित्रों के साथ ही सेलीब्रेट करते हैं जहां तक मेरा अंदाजा है तेरा भी कुछ ऐसा ही प्लान होगा।
हां मां आपने ठीक पहचाना कल सबसे पहले मन्दिर जाकर ईश्वर से आशीर्वाद लूंगी,फिर घरपरही केक
काट कर ही अपनी सहेलियों के साथ पार्टी करने जाऊंगी।सारी सहेलियां कब से पार्टी मांग रही है।हां शाम को हम सब मिलकर किसी अच्छे से रेस्तरां में डिनर करेंगे,और हां कल का डिनर मेरी तरफ सेही होगा।आप इसमें कुछ भी ना नुकर नहीं करेंगी कि बेटी के पैसे का कुछ नहीखाते।
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कल मुझे जाॉव करतेपूरे चार महीने होगयेहै और मेरी सेलरीके अच्छे खासे पैसे जमा हो गये हैं,और फिर आप लोगों। ने ही तो मुझे इस काबिल बनाया है कि आज में अच्छी-खासी नौकरी कर रही हूं।
कल तक तो भाभी आजयगी न ।
अरे तू चिन्ता मत कर देखना कल सुबह ही वह आजायगी।दूसरे दिन सुबह ही मिताली घर आजाती है और अपनी ननद बिनीता को बर्थडे विश करके अपने हाथ से बनाई हुई ड्रेस गिफ्ट करती है जिसे देखकर खुश होने के बजाय बिनीता एकदम से भड़क उठती है। अरेभाभी ये आप हाथ से सिल कर मेरे लिए बर्थडे गिफ्ट। लाई हो,यू नो मैं हमेशा ब्रांडेड ड्रेस ही पहनती हूं, आपने तो सुबह-सुबह मेरामूडही खराब कर दिया।
अपनी बेटीबिनीताको ऊंचे स्वर में अपनी भाभी से बात करते सुना तो कमरे से बाहर आकर उसके पापा ने बिनीता को डांटने के स्वर में कहा,किसी की मेहनत व प्यार की कद्र करना सीखो।चार दिन से कमाने क्या लगी तुम्हारा दिमाग तो सातवें आसमान पर चढ़ गया है।अपनी मिताली किसी डिजाइनर से कमनहींहै उसने ड्रेस डिजाइनर का डिप्लोमा किया हुआ है।ये बात अलग है कि वह जॉव नहीं करती लेकिन उसके हाथ में सफाई बहुत है। और हां आज तुम ये ड्रेस ही पहनकर अपनी बर्थडे पार्टी में जाओगी।
बिनीता ने मुंह बना कर वही ड्रेस पहनी और केक काट कर अपनी सहेलियों के साथ पार्टी करने चली गई। उसने मिताली को थैंक्स तक नहीं कहा।
मिताली के सास ससुर ने उसका हौसला बढ़ाया और कहा पता नहीं इस लड़की को कब समझ आएगी।
कोई बात नहीं वह मेरी प्यारी व छोटी ननद है और फिर मुझे इतनी छोटी-सी बात पर गुस्सा भी नहीं आता,देखिए शाम को यही बिनीता आकर मेरे गले लगेगी और मुझे इतनी सुन्दर ड्रेस के लिए थैंक्स भी बोलेगी।
हुआ भी वही जैसे ही बिनीता अपनी फ्रेंडोंके पास पहुंची,सभीने एक स्वर से उसे बर्थडे बिश किया और कहा वाउ,बिनीता क्या लग रही हो तुम इस सुन्दर ड्रेस में कहां से लिया यह इतना खूबसूरत ड्रेस।जरूर किसी मॉल सेलिया होगा,किस ब्रांड का है बता न प्लीज।तू तो इस सुन्दर सी ड्रेस में एकदम परी लग रही है
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अपनी ड्रेस की इतनी तारीफ सुनकर बिनीता मन ही मन शर्मिंदगी महसूस कर रही थी कि नाहक ही उसने अपनी भाभी को खरी खोटी सुनी दी। पार्टी खत्म करके वह जल्दी से घर जाना चाहती थी ताकि मिताली को थैंक्स कह कर अपनी गलती के लिए सॉरी बोल सके।
जब बिनीता ने बताया कि ये सुन्दर ड्रेस उसकी भाभी ने बना कर उसे गिफ्ट की है उसकी भाभी ड्रेस डिजाइनर है।
अरे तूने पहले तो कभी नहीं बताया कि तेरी भाभी इतनी सुन्दर ड्रेस बना लेती है। प्लीज़ हमारे लिए भी
एक एक ड्रेस बनवा दे अपनी भाभी से हां हम सब इसका पेमेंट करेंगे तुझे, क्योंकि दोस्ती अपनी जगह है और। हिसाव अपनी जगह। अच्छा बाबा,भाभी से बात करके बताती हूं
पार्टी के बाद जैसे ही बिनीता घर पहुंची,सीधे मिताली के कमरे में जाकर उसके गले लग कर रोने लगी,सॉरी भाभी मैंने नजाने आपके क्या क्या कह दिया ड्रेस देखकर।आप अपनी इस नादान ननद को माफ नहीं करेगी क्या।
मिताली ने उसे चुप कराते हुए कहा,पगली आज तो तेरा दिन है खुशियां मनाने का,इतनी छोटी-सी बात पर रोने की क्या बात है,इतनी देर में बिनीता की मां भी कमरे में आती हैं और कहने लगती हैं, अरे तुम दोनो यहीं बतियाती रहेगी याशाम के लिए तैयार भी होगी।
मां मैं तो तैयार ही हूं,आप लोग अपना देख लो क्यों बिनीता की मां ने आश्चर्य से पूछा,तुमको तो कोई ब्रांडेड ड्रेस पहन कर चलना होगा,ये भाभी के हाथ की बनई ड्रेस पहन कर तो तुम्हारी नाक नीची हो जायगी।सुबह का तमाशा याद नही है क्या,तुमने मेरी बहू को कितना कुछ सुनाया था इस ड्रेस के लिए।
ओह,मां अब तुम भी मेरी खिंचाई करने लगी,तुमको तो मालूम ही है कि तुम्हारी बेटी कितनी नादान है।उसी समय मिताली तैयार होकर आती है कमरे में आते समय वह मां बेटी। के बीच चल रह बातचीत सुन लेती है,मिताली कहती है मां हमारा तो रिश्ता ही ऐसा है ननद भाभी का जिसमे एक दूसरे से रूठना-मनाना चलता ही रहता है। क्यों नन्द रानी मैं सही कह रही हूं न।चलो भई अब डिनर करने चलते हैं भूख के कारण पेट में चूहे उछल कूद कर रहे है।तीनो खिलखिलाती हुई घर से बाहर निकलती हैं।मिताली की सास मन ही मन कहती हैं, भला तो सब भला।
स्वरचित व मौलिक
माधुरी गुप्ता
नई दिल्ली