पत्नी ने मुझे अकेले में बताया अपना छोटा बेटा खाने-पीने के मामले में सबसे आगे हैं आखिर इस कैसे सबक सिखाया जाए ताकि यह अपनी आदत छोड़ दे मैंने पत्नी को वचन दिया तुम चिंता मत करो शाम को मैं ड्यूटी से जब लौट कर आऊंगा फिर अपने छोटे बेटे को समझाऊंगा अभी मैं ड्यूटी जा रहा हूं
ड्यूटी पर पहुंचने के बाद मैं बहुत तरकीब लगाता रहा अपने छोटे बेटे की आदत खाने-पीने के मामलों से कैसे पीछा छुड़ाया जाए तब मुझे एक तरकीब सूची और मैं शाम को छुट्टी करके घर पहुंचा तो मैंने अपने बैग से एक छोटा सा लिफाफा निकाला उसमें आधा किलो मूंगफली थी
मेरी बड़ी बेटी और बड़ा बेटा किताबें पढ़ रहे थे मैंने उनसे कहा मूंगफली लाया हूं गर्मागर्म खा लो वह कहने लगे पापा हमारे स्कूल में पेपर चल रहे हैं हमें किताबों का बहुत सारा पाठ याद करना है हम बाद में खा लेंगे आप हमारे हिस्से की मूंगफली रख दीजिए
लेकिन छोटे बेटे के मुंह में पानी आ गया उसने किताबें किनारे कर दी और लपक कर मूंगफली का लिफाफा अपने हाथों में जकड़ लिया
और लिफाफा खोलते हुए कहा ,, पापा जी मैं अपने हिस्से की मूंगफली खा रहा हूं पढ़ाई बाद में कर लूंगा
उसने अपने हिस्से की मूंगफली ले ली और खाने बैठ गया
जब उसने अपने हिस्से की मूंगफली खाई तब मैंने कहा
बैग में एक पैकेट और रखा हुआ है उसमें जलेबी रखी हुए हैं मैं बताना भूल गया था
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जलेबी का नाम सुनकर छोटा बेटा बोला पहले जलेबी खाऊंगा पढ़ाई बाद में करूंगा
मगर बड़ी बेटी और बड़े बेटे का यही जवाब था पहले पढ़ाई करनी है जलेबी बाद में खा लेंगे हमारे हिस्से की जलेबी रख दीजिए
छोटे बेटे ने अपने हिस्से की जलेबी खा ,, ली ,,
फिर मैंने बच्चों से कहा, एक बड़ासा लिफाफा और रखा हुआ है रास्ते में मंडी से गाजर लेकर आया हूं किसी ने कहा है गाजर खाने से खून बढ़ता है इसलिए मैं 2 किलो गाजर ले आया हूं
छोटा बेटा अपने हिस्से की जलेबी खा चुका था ,, फिर उसने गाजर खाने की ज़िद करनी शुरू कर दी ,, तब मैंने समझाया तुमने अभी मूंगफली खाई फिर जलेबी खाई तुम्हारा पेट भर चुका होगा
तब उसने कहा नहीं पापा मेरा पेट नहीं भरा मैं गाजर भी खा लूंगा
वह बैठे-बैठे आधा किलो गाजर खा गया ,, फिर छोटे बेटे ने बताया पापा अब मेरा पेट भर चुका है अब मैं पढ़ाई करने जा रहा हूं
तभी मैंने अपने बच्चों से कहा,, एक बात तो मैं भूल ही गया बताना
मेरे पास एक लिफाफा और रखा हुआ है मैं अभी बैंग से निकालता हूं
जब मैंने लिफाफा निकाला तो उसमें गाजर का गरमा गरम हलवा था
हलवे की महक घर में फैल गई पत्नी ने सब बच्चों को गाजर का हलवा थाली में परोस दिया
बड़ा बेटा और बड़ी बेटी का अपनी किताब का पाठ अब तक याद हो चुका था उन्होंने गाजर का हलवा खाना शुरू कर दिया
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छोटे बेटे की बहुत इच्छा हो रही थी गाजर का हलवा खाने की
लेकिन उसके पेट में बिल्कुल भी जगह नहीं थी वह चाहकर भी गाजर का हलवा नहीं खा सकता था उसे अपनी इस भूल का बड़ा पछतावा हुआ उस दिन के बाद से उसने खाने-पीने के मामलों में जल्दबाजी करनी छोड़ दी ,, उसे पता चल चुका था जल्दबाजी के चक्कर में हमसे कीमती चीजें हमसे छूट जाती है
लेखक नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से
स्वरचित रचना