नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi

शादी की धूमधाम कुछ कम हो चुकी थी। मेहमान भी काफी हद तक जा चुके थे।

उज्ज्वल ने अपने कमरे का रूख किया थोड़ा झिझक कर कमरे का दरवाजा खोला तो नेहा थोड़ा और सिमट कर बैठ गई।

“नही तुम्है ज्यादा औपचारिक होने की जरूरत नही है आराम से बैठ जाओ”

उज्ज्वल ने शांत लहजे में नेहा से कहा ।

फिर पास आकर उसने नेहा के हाथ अपने हाथों में लेकर उसे सहज करना चाहा।

दोनों की पहली रात थी उज्ज्वल की ये दूसरी शादी थी । अभी एक साल पहले ही उनकी पत्नी एक दुर्घटना में चल बसी। काफी प्यार करता था उज्जवल माधुरी को। मगर सिर्फ 28 साल की उम्र के उज्ज्वल की अपने घर वालो के आगे कुछ न चली। और ले आये चार बहनों में सबसे छोटी नेहा को ब्याह कर ।

“देखो तुम खुश तो हो इस शादी से ?” उज्ज्वल ने बात शुरू करते हुए पूछा।

नेहा कुछ प्रश्नों को दबा कर बोली “बिल्कुल , आपके जैसा पढा लिखा, नौकरीशुदा सरल आदमी पा कर तो कोई भी खुश होगा “

मगर उसकी आँखों मे छुपे सवालो को उज्क्वल पढ़ने की कोशिश करता है।

“नही नेहा तुम कुछ छुपा रही हो , देखो अब हमारा जीवन भर का साथ है और हमे अपना सब कुछ शेयर करना है” उज्ज्वल ने फिर पूछा

“सब कुछ??” नेहा का प्रश्न आया

“और नही तो क्या ” उज्जवल ने कहा

“तो फिर जाइये और हमारी डेढ़ साल की बेटी सौम्या को ले आइये मेरे पास ” नेहा ने दृढ़ता से कहा

“मगर तुम्हे कैसे…” उज्जवल जैसे आसमान से गिरा । उसके घर वालो ने अभी तक ये बात नेहा के घरवालों से नही बताई थी कि उसकी एक बेटी भी है

” देखिये मुझे पहले ही दिन पता लग गया था जब बात शुरू हुई थी । आपके फेसबुक वाल पर डेढ़ साल पहले blessed with baby girl की पोस्ट रह गई थी । आपको शायद ध्यान नही रहा।” नेहा का स्वर अभी भी शांत था।

“फिर तुमने विरोध क्यों नही किया ? “

उज्क्वल ने आश्चर्य से पूछा।

“आपको शायद मध्यमवर्गीय परिवार की चौथी बेटी होने का अहसास नही है । विकल्प की अनुपलब्धता आप नही जानते है। बस इसी लिये मैंने पिछले 2 महीनों में स्वयं को एक बेहतर पत्नी के साथ-साथ एक अच्छी माँ होने के लिये तैयार किया । मुझे उम्मीद है आपकी इस जिम्मेदारी को मै निभा सकती हूँ । बस इसीलिये ये स्वीकार किया । ‘ नेहा के शब्दों के एक आत्मविश्वास साफ दिखाई दे रहा था।

उज्ज्वल के कदम माँ के कमरे की ओर बढ़ चुके थे और नेहा अपने बैग से सौम्या की नई ड्रैस निकाल रही थी। नई रात का चंद्रमा अब खिड़की से अंदर आने लगा था

मनीष त्यागी

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