खून के आँसू – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मैं शादी करूंगी तो बस विपुल से वरना नही !” अंकिता दृढ शब्दों मे बोली।

” बेटा वो तेरे लिए तो क्या किसी भी लड़की के लिए सही इंसान नही है इस बात को समझ तू। हम तेरी भलाई चाहते है इसलिए इस रिश्ते को मना कर रहे है !” अंकिता की माँ रीना ने समझाया।

” नही मम्मी विपुल मे कोई बुराई नही बुराई पापा की सोच मे है क्योकि वो दूसरी जाति का है इसलिए पापा ये शादी नही करवाना चाहते पर मैं उनकी एक नही सुनूंगी !” अंकिता रोते हुए बोली।

रीना ने बहुत समझाया उसे पर वो टस से मस नही हुई और एक दिन रात के अंधेरे मे चुपचाप घर से रूपए और जेवर ले भाग गई बिन ये सोचे समझे कि उसके ऐसा करने से उसके माँ बाप पर क्या बीतेगी ।

सुबह जब उसके माता पिता को पता लगा तो उन्होंने उसी समय अपनी बेटी को मरा मान लिया और उसका श्राद्ध भी कर दिया । इधर जब ये सब विपुल को पता लगा तो एक रात वो अंकिता के बचे पैसे और गहने ले गायब हो गया क्योकि उसने तो अंकिता से प्यार ही इसलिए किया था कि उसके पापा के पैसो पर

ऐश कर सके और भागने का मकसद भी यही था थोड़े दिनों मे शादी कर वापिस आ जाएगे इकलौती बेटी को माँ बाप स्वीकार भी कर लेंगे और वो आराम से घर जमाई बनकर रहेगा पर यहां तो उसका दाव ही उल्टा पड़ गया ।

इधर सुबह अंकिता ने जब उठकर देखा तो उसे विपुल के धोखे का पता लगा तब उसे अपने माता पिता की बात याद

आई कि विपुल तेरे क्या किसी लड़की के लिए सही नही । अब अंकिता खून के आँसू रो रही थी क्योकि ना वो घर लौट सकती थी

ना बिन पैसे जी सकती थी अब सिवा पछताने के कोई चारा नही था । बहुत देर आँसू बहा लेने के बाद उसने पुलिस स्टेशन मे विपुल की रिपोर्ट लिखवाने की ठानी वो तो खून के आँसू बहा रही है

पर विपुल को किसी ओर की जिंदगी बर्बाद करने को कैसे छोड़ दे वो और शायद इससे उसका पश्चाताप भी हो जाये जो माँ बाप का दिल दुखा उसने किया है।

आपकी दोस्त

संगीता अग्रवाल

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