“इश्क ” एक गुनाह (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

मानवेंद्र सिंह उसका जवाब जानते थे उन्होंने थके हुए स्वर में कहा।

ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी उन्होंने गहरी सांस ली। तुम कल ही वापस लौट जाओ। दोबारा यहां कभी मत आना।

उन्होंने मुंह फेर लिया।

बाबा प्लीज ऐसा मत कीजिए उसने आगे बढ़ कर उन्हें

गले से लगा लिया।

वीर! शायद तुम नहीं जानते कि हमने तुम्हें अठारह साल  अब्राड में क्यों रखा????

इन अठारह सालों में इस एम्पायर की वजह से हमारे अपने हमारे दुश्मन हो चुके हैं। क्योंकि वो समझते हैं कि मानवेंद्र सिंह अकेला है।

वो आस्तीन का सांप “अजीत सिंह राठौड़” जो हमारे परिवार की बर्बादी का सबसे बड़ा जिम्मेदार है उसने रोहिणी राणा को ढाल बना कर हम पर मुकदमा कर

राणा एम्पायर में हिस्सा मांगा है। उसके अलावा कुछ लोग और हैं जो ये चाहते हैं कि हमारी मिल्कियत ट्रस्ट में चली जाए।

वो औरत अभी तक जिंदा है उसे तो उसी वक्त शर्म से मर जाना चाहिए था राजवीर का लहजा मुठ्ठियां भींचते हुए तल्ख हो उठा।

हमने सोचा था कि तुम सब संभाल लोगे पर हम तुम पर दबाव नहीं डालेंगे क्योंकि तुम्हारी जिंदगी तुम्हारी अपनी है।

आप मुझसे नाराज़ हैं???? वो नरम स्वर में बोलते हुए उनके चेहरे को देख रहा था।

उसने उन्हें पहले चमकदार चेहरे के साथ एक खुशमिजाज इंसान के रूप में देखा था फिर उन्हें अपने इकलौते बेटे की दुखद मौत के बाद टूट कर बिखरते देखा, दादी के पागलपन में उन्हें संभालते देखा था और अब वो सिर्फ उसके लिए मजबूती से खड़े उठे थे।

पर आज वो बेहद बीमार थके हुए और परेशान लग रहें थे।

बाबा! अब मैं आ गया हूं आप चिंता मत कीजिए मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।

क्या मैं शादी अपनी पसंद से कर सकता हूं???? तुम किसी लड़की को पसंद करते हो????

जी बाबा एक्चुअली हम दोनों पिछले दो साल से साथ रह रहे हैं।

क्या नाम है उसका???? उन्हें गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर खुद को शांत बनाए रख उन्होंने पूछा।

“लीजा” नाम है।

बोलते हुए राजवीर का चेहरा चमक उठा ।

हुंअ….…….. फिरंगी शक्ल और फिरंगी अक्ल और फितरत वाले से उम्मीद ही क्या की जा सकती है???वो सोचने लगे।

क्या सोच रहे हैं बाबा????? मैं ये सोच रहा हूं उस लीजा से तुमने शादी नहीं की है अगर शादी हुई और तुम लोगों की आपस में नही बनी तो क्या होगा????

“वेरी सिंपल” हम डिवोर्स ले लेंगे राजवीर ने लापरवाही से कहा

“बर्रखुरदार” हमारे शाही खानदान में इस तरह की बातें सोचना भी पाप है।

मेरा कहा मानो और जो लड़की मैंने तुम्हारे लिए पसंद की है उसे देखने चले जाओ।

बड़े अच्छे लोग हैं और लड़की बहुत प्यारी और सीधी-सादी है बिल्कुल गाय जैसी

ओह गॉड “मानवेंद्र सिंह राणा” राणा एम्पायर के मालिक लंदन से ग्रेजुएट राणा खानदान के हेड और पोते के लिए पसंद कर रहे हैं एक गाय वो जोर से हंस पड़ा।

वीर! हम मजाक नहीं कर रहे हैं। हमने शाही खानदान के हर रंग को देखा है तुम्हारी दादी सा के बेशुमार प्यार को देखा, तुम्हारे पापा की दीवानगी देखी, रोहिणी की बेवफाई देखी

वो शाही खानदान से थी बेहद खूबसूरत थी। उसकी खूबसूरती के आगे तुम्हारे बाप को कुछ नहीं दिखा और फिर……… कहते हुए वो रूक ग‌ए।

इसलिए हम तुम्हें एक अलग तरह का लाइफ-पार्टनर देना चाहते हैं।

उन्होंने वीर की तरफ देखा जो इस जिक्र से बेहद ‌अपसेट हो गया था।

उन्होंने उसके कंधे पर हाथ रखा।

बाबा ! मैं जयंत को बुला लूं???  क्यों???? मैं अकेला कहीं नहीं जाऊंगा।

तो क्या तुम तैयार हो????? मानवेंद्र सिंह राणा खुशी से झूम उठे????

आप चाहते हैं तो जाऊंगा पर ये मेरे ऊपर है कि मैं पसंद करूंगा या नहीं????

“ओके माय ब्वाय” पर एक बात दावे के साथ कह सकता हूं कि देखोगे तो ना नहीं कर पाओगे।

देखते हैं।

वो अपने रूम में आया और बेचैन हो कर टहलने लगा। शादी का बंधन उसके लिए एक गले का फंदा था जिसे वो हरगिज अपने गले में नहीं पहनना चाहता था उसे आजाद जिंदगी पसंद थी।

पर वो बाबा के साथ ज्यादा जिद नहीं कर सकता था।

अचानक वह बाहर आया और मानवेंद्र सिंह के पास बैठ गया।

बाबा! आप और मैं हम दोनों उनके यहां चलेंगे।

वो गांव यहां से पचास किलोमीटर दूर है। आप रहने दीजिए आपकी तबीयत ठीक नहीं है मुझे बता दीजिए मैं खुद चला जाऊंगा।

ठीक है फूलचंद उन लोगों को जानता है वो तुम्हारे साथ चला जाएगा।

ऐसा करो नाश्ते के बाद निकल जाओ।

उसने नहाकर नाश्ता किया गाड़ी निकाली और फूलचंद को साथ लेकर निकल गया।

उसके मन में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे

वो गांव की गंवार लड़की जिसे बाबा मेरे सिर मढ़ना चाहते हैं पता नहीं कितनी बेवकूफ होगी।

जरूर वो लोग बेहद चालाक होंगे। बाबा को अपनी मीठी मीठी बातों में फंसा लिया होगा।

बेचारे बाबा!! वो उनकी बातों में आ ग‌ए होंगे।

देखना तो बनता है कि किसे शौक है मेरे साथ रह कर अपनी जिंदगी बर्बाद करने का

जिस रिश्ते से मुझे सबसे ज्यादा नफरत है वो शादी का रिश्ता है। पापा का हश्र मैं कभी नहीं भूल सकता।

फूलचंद! तुम उन लोगों को जानते हो।

“जी हुक्म सा” कुलवीर चौधरी आसपास के सभी गांवों में बहुत जाना माना नाम हैं।

मैं बड़े सरकार के साथ क‌ई बार उनके घर गया हूं।

ओह! मतलब बाबा उनके घर जाते रहते हैं और उन्होंने बाबा को बहका फुसलाकर काबू कर लिया है।

इनके होश तो मैं ही ठिकाने लगाऊंगा।

“राणा एम्पायर” पर मालिकाना हक की फिराक में होंगे।

अब “राजवीर सिंह राणा” की वापसी हो चुकी है।

देखते हैं आगे-

लड़की कौन है??? कैसी है??? पाठकों!आप लोग क्या चाहते हैं कि लड़की को किस तरह की दिखाया जाए???

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रचना कंडवाल 

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