बुजुर्गो की इज्जत कम मत करना वरना पछताओगे..! : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :विमलाजी के दिल में पश्चाताप के बादल हमेशा उमड़ते-घुमड़ते रहते।जो व्यक्ति इस संसार में नहीं है ,उससे माफी भी तो नहीं माँगी जा सकती है।आजकल उन्हें नींद भी बहुत कम आती है।बेचैनी में उठकर कुछ देर बिस्तर पर खामोश बैठी रहतीं हैं ,फिर कुछ देर बाद उठकर चाय बनाने लगती हैं।
बर्त्तन की खटर-पटर आवाज सुनकर उनका बेटा राजेश गुस्से में कहता है-” माँ!आप सुबह-सुबह खटर-पटर शुरु कर देती हो।हमें चैन से सोने भी नहीं देती हैं?”
विमलाजी-” बेटा! मन में बेचैनी के कारण सारी रात नींद नहीं आई,इसी कारण चाय बना रही थी!”

राजेश -” माँ!सुबह-सुबह चार बजे कौन चाय बनाता है?”

विमलाजी बेटे की बात का जबाव न देकर टुकुर-टुकुर उसका मुँह देखने लगीं।उसी समय बहू ने फरमान सुनाते हुए कहा -” माँजी!आज से आपको पीछेवाले कमरे में शिफ्ट कर दूँगी।रातभर चाय बनाकर पीती रहना।”
आए दिन विमलाजी को बेटे-बहू और पोता-पोती इसी तरह जली-कटी सुनाते रहते।अपमान और क्षोभ के कारण उनकी आँखों से आँसू निकल पड़े।उनकी उदास और सूनी आँखें बेबस नजर आ रहीं थीं।अतीत की अनचाही स्मृतियाँ उनके मन में उमड़-घुमड़कर उन्हें परेशान करने लगीं।सच ही कहा गया है कि व्यक्ति के कर्मों का फल उसे जरूर भुगतना पड़ता है।उन्होंने भी तो बेवजह अपने पति को खरी-खोटी सुनाई थी।प्रत्येक बात का इल्ज़ाम पति पर मढ़कर उनपर सदैव दोषारोपण करती थीं।
एक दिन पति ने उन पर झल्लाते हुए कहा था -” मेरी बात गाँठ बाँध लो।मैं पलटकर तुम्हें कुछ नहीं कहता हूँ,परन्तु इसका जबाव एक दिन तुम्हें जरुर मिलेगा।”
अचानक से विमला जी सचेत होकर पति के फोटो के पास खड़ी होकर कहने लगीं -“अच्छा बदला लिया है आपने!जीवित रहते तो खुद से कुछ नहीं कहा,परन्तु मृत्योपरांत बेटे -बहू,पोते-पोतियों से खरी-खोटी सुनवाने लगें।अब मुझे पता चला है कि मेरी बातें आपके दिल में नश्तर की तरह चुभती होंगी। आपके जाने के बाद मेरे पास पैसा,प्रतिष्ठा तो है,परन्तु मेरा मान-सम्मान, स्व कहीं खो सा गया है।”
विमला जी हाथ में चाय का प्याला लेकर नम आँखों से शून्य में निहारने लगीं।
कहावत भी सच है’जाके पाँव न फटे बिवाई, सो का जाने पीर पराई’।
#खरी-खोटी सुनाना (मुहावरा)
समाप्त।
लेखिका-डाॅक्टर संजु झा (स्वरचित)

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