hindi Stories : कौशल्या आज अपने घर को बेचकर पैसे लेकर अपने गांव के लिए निकल रही है बरसों पुराना अपना मकान बेच दिया ।
अपने गांव में जाकर रहना चाहती है घर खाली कर दिया और सारा सामान गांव में पहुंचा दिया ।
वह अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर अपने गांव के लिए जा रही थी तो रास्ते में उसकी जान पहचान की एक महिला जो कि देवी मां की बहुत बड़ी भक्त थी उनका नाम दुर्गेश्वरी देवी है, उन्हें लोग श्रद्धा से माता जी कह कर बुलाते
कौशल्या ने सोचा उनसे भी मिलती हुई चलूं ।
तो वह अपने पति के साथ उनके घर जाती है और 10 -15 मिनट बात करके अपने गांव के लिए निकल जाती है।
पानी पीने के लिए वह रास्ते में रुके , वहां पर उसे सड़क के किनारे बीस रुपए का कड़क नोट दिखाई दिया , कौशल्या उसे उठा लेती है और अपने पर्स में रख लेती है , फिर थोड़ी दूर चलने के बाद उसे फिर से प्यास लगती है तो वह अपने पति से गाड़ी रोकने के लिए कहती है पति गाड़ी रोक देता है और वह अपने पर्स में से बोतल निकालकर पानी पीने लगती है
तो उसे ऐसा लगा मेरे पैसे कुछ कम हो गए हैं ,या फिर कहीं गिर गए हैं फिर उसने सोचा कहीं ऐसा तो नहीं कि जहां हम उनसे मिलने के लिए गए थे उनके यहां पर गिर गए हैं तो कौशल्या उन महिला के पास फोन करती है , दुर्गेश्वरी के मोबाइल की घंटी बजती है , दुर्गेश्वरी फोन उठाती हैं ,, हेलो कौन ,,,,,,,,,,,,,
उधर से आवाज आई हेलो माताजी मैं बोल रही हूं मैं आपसे एक बात कहना चाह रही थी लेकिन आप ,,,,,,,,,,,,,,,
इतना कहकर कौशल्या चुप रह जाती है
उन्होंने फिर पूछा हेलो क्या कहना चाह रही हो , तो फिर उधर से आवाज आई, माताजी देखो आप बुरा ना मानना मैं जब आपके यहां से लौटी हूं मेरे बीस लाख रूपयों में से छः हजार रुपए कम हो गए हैं , तो उधर से दुर्गेश्वरी बोली तुम जहां भी हो वहां से उल्टे पैर भाग कर मेरे पास चली आओ, अब एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाना।
तो अपने पति से गाड़ी मोड़ने के लिए रहती है और फिर बो लोग माता जी के पास पहुंच जाते हैं
दुर्गेश्वरी जी को बहुत से सिद्धियां प्राप्त की थी उनके आने पर उन्हें अपने घर में बने हुए माताजी के मंदिर में बिठाते हैं , वहां पर कुछ और भी महिलाएं बैठी हुई थी ।
तो कौशल्या दुर्गेश्वरी जी को अपनी सारी बात बताती है , दुर्गेश्वरी कोई मंत्र का जाप करते हैं और मंत्र को हवा में उड़ाते हुए कहते हैं जिसने भी इस औरत के पैसे निकाले हैं वह अभी के अभी यहां पर आ जाए
मंत्र पढ़कर जैसे ही दुर्गेश्वरी ने हवा में मंत्र को छोड़ा तो , वहां पर बैठी हुई एक औरत के शरीर में कुछ हलचल हुई तो दुर्गेश्वरी समझ गई , उन्होंने पूछा कौन है तू ?
और क्यों आया है ?
तो उस औरत में के शरीर में आए हुए आत्मा ने कहा मैं जिन्न हूं और तूने मुझे क्यों बुलाया तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझे बुलाने की , दुर्गेश्वरी ने पूछा क्या तुमने इस औरत के छः हजार रुपए निकालें है तो वह जिन्न बहुत तेज हंसने लगा और बोला हां मैंने हीं इसके पैसे निकाले हैं और तू जिन पैसा को छः हजार बता रही है , वह छः हजार नहीं पूरे बीस हजार रुपए निकाले हैं ।
चल बोल , बोल इसे अपने पैसे चेक करें उसमें कितने कम है तो कौशल्या देवी दुर्गेश्वरी जी के कहने पर जव पैसों को चेक करती हैं तो उसमें वाकई में बीस हजार कम थे ।
फिर दुर्गेश्वरी ने पूछा तूने पैसे क्यों निकाले ?
इसके पैसे अभी की अभी वापस कर , तो वह है जिन्न बोला तू क्या तेरा बाप भी पैसे वापस नहीं ले सकता ।
जो मेरा काम था वह मैंने कर दिया ,पैसे लौटाना मेरा काम नहीं है। तो माता जी ने नहीं पूछा , जब पैसे तूने लिए हैं तो लौटाना किसका काम है ?
जिन्न बोला मैंने पैसे अपने लिए नहीं , इसके जेठ के कहने पर मैंने इसके पैसे में निकालें है और मैं इसे बर्बाद कर दूंगा ।
दुर्गेश्वरी ने फिर पूछा कि तू इसे क्यों बर्बाद करना चाहता है ?
तो जिन्न ने बताया इसके जेठ जेठानी के कहने पर ही मैं इसको बर्बाद करने आया हूं क्योंकि मुझे उन लोगों ने ख़ुश करके अपने बस में कर रखा है , और इतना कहकर उस औरत के शरीर में से निकल कर चला गया ।
कौशल्या देवी ने जब इतनी बात सुनी तो उसके पैरों तले जमीन निकल गई ।
दुर्गेश्वरी से कहने लगी माताजी मैंने जिस परिवार को अपने खून पसीने से सींचा आज वही मेरा परिवार मुझे बर्बाद करने के लिए बैठा हुआ है , आप ही बताइए क्या कभी किसी की बेटी अपने ” ससुराल “वालों पर भरोसा कर पाएगी
दुर्गेश्वरी कौशल्या को समझाते हुए कहती है देखो कौशल्या अभी तक तो तुम्हारे पैसों पर ही बीती है , लेकिन अगर अपना भला चाहती हो तो उन लोगों से दूर रहना ही तुम्हारे लिए ठीक रहेगा अन्यथा तुम अपने पति और बच्चों को संकट में डाल दोगे कौशल्या दुर्गेश्वरी की बात से सहमत होती है और उन सभी लोगों से अपना कनेक्शन काट देती है और किसी को भी पता नहीं चलने दिया कि कौशल्या का परिवार अब कहां रह रहा है
स्वरचित,,,, उषा शर्मा
ज़रूरी सूचना, अगर आपको सड़क पर , गली में , या सफ़र करते समय बस या ट्रेन में कोई पैसा पड़ा हुआ दिखाई दे तो उसे उठाने से बचें
कहानी अच्छी लगी तो जरूर बताएं
जय श्री राधे कृष्णा जी