प्यारा ससुराल – गुरविंदर टूटेजा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मम्मा डोली आ गई है आ जाईये जल्दी से..संजना ने आवाज लगाई…!!!!

 सीमा जी जल्दी से आरती की थाली लेकर आ गई बहू का स्वागत करने के लिए…ससुराल बहुत प्यार से सबने मिलकर गृहप्रवेश कराया…!!!!

हाल में सभी बैठ गए राघव व रिया को घेरकर पहले सब रस्में हुई फिर दोनों के छेड़ाखानी करने लगे वही सबने साथ बैठकर खाना खाया…!!!!

  फिर नये जोड़े के लिए होटल में रूम बुक किया था तो छोड़ने जाने की बात चलने लगी तो समर जीजाजी ने बोला कि पहले रिया  गाना सुनाओ फिर जा सकते हो…सभी ने छेड़ते हुए हाँ में हाँ मिलाई…!!!!

  रिया ने झट से गाना सुना दिया…!!!!

  अब जीजाजी व सब पीछे पड़ गए कि जाने की इतनी जल्दी है कि झट से गाना सुना दिया…!!!!

 राघव ने रिया की तरफ से बोला…वाह  जीजाजी पहले गाना सुनाओ तो और सुना दिया तो बड़ी जल्दी है..मतलब चित भी अपनी पट भी अपनी…!!!!

  सारे अब राघव को छेड़ने लगे कि…ये देखो शादी हुई नहीं और साईड लेना चालू कर दिया..!!!!

 संजना बोली..मेरे प्यारे भाई-भाभी को छेड़ना बंद करो चलिए समर हम दोनों को होटल छोड़कर आते हैं…!!!!

  होटल पहुँचकर जैसे ही कमरे के पास पहुँचे तो फिर राघव के दोस्त व कज़िन्स कमरे के बाहर रिबन बाँधकर खड़े थे…!!!!

  राघव ने कहा…अब ये क्या है..????

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   संजना दीदी व सभी कज़िन्स ने कहा कि नेग दो और रिबन काटकर अंदर चले आओ…!!!!

राघव ने जल्दी से हजार रू. निकाले तो पहले ही शोर हो गया कि बिल्कुल नहीं सबके हजार जल्दी से निकालो और अंदर जाओ…!!!!

  राघव ने रू. दिए रिबन काटा और अंदर जाते ही सबको बाय बोलकर दरवाज़ा बंद कर दिया…!!!!

  राघव बोले…रिया तुम भी सोच रही होगी कि सब पीछे ही पड़ गए हैं हमारे यहाँ ऐसे ही है सब मस्ती-मजाक चलता ही रहता है..!!!!

 नही..नही राघव मुझे तो मजा आ रहा था कितना प्यार आप सब में…सच कहूँ तो अपनापन है…!!!!

सुबह रिया जल्दी उठने लगी तो राघव ने कहा…क्या हुआ मम्मी ने बोला था ना सुबह आराम से आना…!!

पर घर पर सब क्या सोचेंगे…!!

कोई कुछ नहीं सोचेगा…!!!!

इतने में रिया की मम्मी का फोन आ गया तो उसने बताया अभी तक घर नही गए…गलत बात है बेटा…!!

 जा ही रहे है मम्मी बस..घर पर आकर  उसकी “पहली रसोई” की रस्म हुई उसे डर लग रहा था आटे का हलवा बनाना था पर संजना दीदी ने पास में ही खड़े होकर उसकी मदद करी…बहुत अच्छा बना था हलवा सबने बहुत खुश होकर खाया…!!!!

  अगले दिन वो दोनो हनीमून पर गये व वापस आये तो अगले दिन ही रिया का जन्मदिन था तो जब वो सुबह उठकर आयी तो मम्मी जी ने हलवा बनाया था वो ही खिलाकर उन्होंने उसको विश किया तो खुशी के मारे उसकी आँखों में आँसू आ गए…!!

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  पगफेरे के लिए शाम को जाना है ये भी बताया…वो खुश थी कि वो अपना जन्मदिन मायके में बनायेगी…!!!!

इधर सब ससुराल वालों ने सरप्राइज पार्टी प्लान की और मम्मी जी रिया के मम्मी-पापा…भाई-भाभी को न्यौता देने के लिए उसकी मम्मी को फोन किया तो वो बोली कि…अरे हम सोच रहे थे कि हमारी तरफ से पार्टी रखने का मैं आपको फोन करने ही वाली थी…!!!!

  मम्मी जी ने कहा पार्टी हम रख रहें है आप सब आ जाईयेगा रिया को मत बताईयेगा उसके लिए सरप्राइज है…!!!!

  जी बिल्कुल जी…!!

फिर वो पगफेरे के लिए भी आ जाएगी…!!

जी बिल्कुल सही रहेगा…नमस्कार जी

   शाम को रिया के लिए सरप्राइज बहुत शानदार था ये सब देख उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था…उसके लिए ये जन्मदिन यादगार बन गया था…वो मायके तो आ गई थी पर अभी भी ससुराल की मीठी यादों में खोई थी…!!!!

  यहाँ सब उसे घेरकर बैठ गए थे कि…क्या हुआ वहाँ..??

  उसने सब बताया कि बहुत अच्छा लगा हर पल में जैसे खिलखिला गई थी मैं सब बहुत अच्छे है सच कहूँ तो मुझे बहुत प्यारा ससुराल मिला है…!!!!

  पर मैं एक बात सोच रही थी कि मुझे जितना प्यारा एहसास मेरे ससुराल में हुआ…वैसा क्यूँ कुछ भी हम अपनी भाभी को नहीं दे पाए….मैं सच कह रही हूँ पापा-मम्मी व भैया सबको अपने ससुराल में प्यार व अपनापन मिलना चाहिए तो आज हम सब भाभी आपसे ये वादा करते है कि जो बीत गया वो गया पर आने वाला वक्त में आपको सारी खुशियाँ देगें..सबने रिया का साथ दिया…!!!!

  आज रिया व राघव  अपनी शादी की पच्चीसवीं सालगिरह मना रहे हैं पर आज भी कुछ नहीं बदला वही छेड़खानी व मस्ती-मजाक…रिया ने राघव का हाथ अपने हाथ में लिया व बोला कि पति तो प्यारा है ही पर मुझे तो ससुराल भी प्यारा मिला है…!!!!

जीजाजी आज भी मैं एक गाना सुनाना चाहती हूँ ….मैं तो भूल चली बाबुल का देस…पिया का घर प्यारा लगे…!!!!!

 

मौलिक व स्वरचित©®

गुरविंदर टूटेजा

 उज्जैन (म.प्र.)

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