माँ असमर्थ है – गीता वाधवानी
लगभग 60 वर्षीय एक आदमी ने गुरुद्वारे के लंगर में बैठी औरतों को फुल्का देते हुए कहा, ” सतनाम वाहेगुरु बीबीजी ( यानी दीदी जी )। रोटी लेते हुए वहां बैठी सपना की आंखों में आंसू आ गए और भरे गले से बोली सतनाम वाहेगुरु जी। लंगर छकने के बाद जब सपना वहां से उठकर … Read more