एक नया सबक – डा० विजय लक्ष्मी

शर्मा परिवार की कोठी हर त्यौहार पर रौनक से भर जाती थी। इस बार सावन का महीना था, आँगन में झूले पड़े थे, घर में हरियाली तीज की तैयारियाँ चल रही थीं। जेठानी रीमा और देवरानी सुषमा, दोनों की उम्र में ज़्यादा फर्क नहीं था। रीमा के पति, राजेश जी, बैंक में अधिकारी थे, जबकि … Read more

भरोसा – खुशी

विश्वास और उन्नति दोनो एक ही कॉलेज में पढ़ते थे।दोनो का फाइनल ईयर था।लास्ट ईयर कॉलेज में कल्चर एक्टिविटीज में उनकी मुलाक़ात हुई और वो प्यार में बदल गई।उन्नति मल्टीमीडिया में जाना चाहती थी और विश्वास आर्किटेक्ट बनना चाहता था ।दोनो की अपने विषयों पर पकड़ अच्छी थी और जीवन को वो जीना भी चाहते … Read more

असमर्थ – मधु वशिष्ठ

बेटा शादी अगर दो आत्माओं का मिलन है, तो 2 परिवारों का भी मिलन है। तुम दोनों हमारे बच्चे हो, अगर हमारी जिम्मेदारी तुम्हारी है तो तुम्हारी जिम्मेदारियां हमारी क्यों ना हुई?” कहकर सासु मां ने मुस्कुराकर प्रिया को आशीर्वाद दिया। सासु मां के पैर छूते हुए प्रिया का रोम रोम उनको धन्यवाद कर रहा … Read more

असमर्थ – डोली पाठक

अपनी बनाई हुई पेंटिंग पर नजरें टिकाए हुए उमा जी शून्य में कहीं खोई हुई थीं। फिजियोथैरेपिस्ट उन्हें कह रहा था,मैम जरा अपने हाथों और पैरों को हरकत किया किजिए… मेरे चले जाने के बाद आप बिल्कुल भी हाथ पांव नहीं हिलाती हैं… ऐसे तो आपको सुधरने में बरसों लग जाएंगे.. उमा जी उसकी बातों … Read more

एक बार टूटा विश्वास वापस नहीं जुडता – विनीता सिंह

शाम का समय है सरला जी बालकनी में बैठी है डूबते हुए सूरज को देख रही है तभी उनकी बेटी निशा  बोलती है मां चाय पी लो सरला ने कहा बेटा ही रख दो अभी पी लूंगी बेटी चाय टेबल पर रख कर चली गई। सरला जी डूबते हुए सूरज को देख रही थी और … Read more

असमर्थ से समर्थ तक – सुनीता माथुर

किशनपुर गांव में एक बहुत ईमानदार और संस्कारी अध्यापक रहता था और उसी गांव के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को शिक्षा देता था!——- स्कूल के बाद अपनी खेती-बाड़ी पर भी ध्यान देता था और अपनी खेती बाड़ी में खूब मेहनत भी करता था उसकी पत्नी माया देवी भी गोपाल के साथ खेती-बाड़ी में मेहनत … Read more

असमर्थ तन से हूं, मन से नहीं – निशा जैन

“माफ कीजिए भाई साहब मै दहेज देने में असमर्थ हूं । मैने बेटी को पढ़ाया लिखाया , अच्छे संस्कार दिए बस ये ही मेरी धन दौलत है। ये मेरी गारंटी है कि बेटी आपके घर परिवार का पूरे तन मन धन से ध्यान रखेगी। कभी कोई ऐसा काम नहीं करेगी जिससे आपकी इज्जत पर कोई … Read more

असमर्थ – सीमा गुप्ता

सुबह के सूरज की पहली किरण छतों पर उतरी थी। पूरे मोहल्ले के घर-घर में आज हलचल थी! सरगी का आनंद लेकर महिलाएं घरों से बाहर निकल आई थी और एक-दूसरे को अपनी-अपनी मेहंदी दिखा कर उल्लासित हो रही थीं। सच में करवाचौथ का त्योहार महिलाओं को असीम ऊर्जा से भर देता है। जैसे ही … Read more

बहू बनी सास की हिम्मत…. – अमिता कुचया

चंचल शादी होकर आई तो देखा कि कुंती उसकी सास हमेशा बेड पर ही रहती है। उनका उसको बेड पर रहना काफी खलता था। उसने सबसे सुन रखा था, सास कुंती बहुत एक्टिव रहती थी। वह कभी खाली नहीं बैठती थी, पर उनके गिरने की वजह से कमर में दर्द रहने लगा। ऐसी परिस्थिति में … Read more

एक बार टूट भरोसा फिर नहीं जुड़ता – हेमलता गुप्ता

मम्मी जी.. यह शादी में चढ़े हुए कुछ गहने हैं तो इन्हें आप ही रख लीजिए, छोटी-छोटी चीज मैं अपने पास रख लेती हूं बाकी झुमकी, गले का सेट और कंगन आप रख लीजिए, मुझे तो गहने संभाले नहीं जाते! गरिमा की बात सुनकर सासू मां विद्या देवी ने कहा …ठीक है बहू जैसा तुझे … Read more

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