स्वार्थ

“बाबूजी, यह सब क्या है? आप ड्राइंग रूम में भी अपनी दवाइयां फैला देते हैं! आपका कमरा छोटा पड़ जाता है क्या? कभी कोई आए तो क्या कहेगा? किसी मेहमान के लिए बैठने की जगह तो छोड़ दीजिए!” — अपनी बहू की कर्कश आवाज़ सुनकर सुनील जी की तंद्रा टूटी तो वो घबराकर जल्दी-जल्दी अपनी … Read more

हालात

सुबह का अख़बार जैसे ही घर में आया, विमला ने आदतवश मुखपृष्ठ खोला। और तभी उसकी आँखें ठहर गईं।बड़े-बड़े अक्षरों में छपा था—“गरीबों का देवदूत—डॉ. सुनील” साथ ही मुस्कुराते हुए उसके भाई सुनील की तस्वीर भी छपी थी। विमला की आँखें भर आईं। वह फूली न समाई। चेहरे पर गर्व की चमक थी। बगल में … Read more

आप अपने बेटे के साथ क्यों नहीं रहते – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

राजेश्वरी का घर रिश्तेदारों से भरा हुआ था क्योंकि दस दिन पहले ही , उसके पति आलोक जी की मृत्यु अचानक हृदयाघात से हो गई थी । उनके चार बेटे हैं , चारों भी आए हुए थे ….. जैसे ही बारहवीं हुई रिश्तेदारों ने बच्चों को माँ का ख़्याल रखने की सलाह देकर चले गए … Read more

अपनो की पहचान – रीतू गुप्ता : Moral stories in hindi

चारो ओर शोर मच रहा था   आवाजें आ रहीं थी …  बहुत भयंकर .. एक्सीडेंट हुआ है…  अरे ये तो वरुण फेमस यू-ट्यूबर है..  कोई हॉस्पिटल लेके जाओ … कोई एम्बुलेंस बुलाओ… मिली-जुली आवाजें… .अरे नहीं बेकार में हम फंस जायेगे यार… पड़ा रहने दे… तु तो फैन है उसका… फैन हुं तो क्या.. पुलिस … Read more

झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

अरे काजल तुमने कुछ सुना क्या दीदी,भाई अपना फ्लैट बेच रहे हैं अच्छा आंचल ने कहा।पर क्यों, फ्लैट बेच देंगे तो फिर कहां रहेंगे।कितनी मुश्किल से तो यहां वहां से इनसे उनसे उधार लेकर तो फ्लैट खरीदा था अब बेच रहे हैं ।आंचल ने बड़ी बहन काजल से कहा। तुम्हें किसने बताया दी,अरे खुद भाई … Read more

आप लोग अपने बेटे के घर जाकर क्यूं नहीं रहते – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

भाभी , यह कौन से जमाने का फ्रिज उठाकर ले आए हैं आप लोग ?? आजकल इतने लेटेस्ट डिजाइन और मॉडल के फ्रिज मिल रहे हैं फिर भी आपको ऐसा फ्रिज पसंद आया , या तो आपकी और भैया की चॉइस बेकार हैं या आप लोगो को लेटेस्ट चीजो की कोई खबर नहीं फटाफट बोले … Read more

अब क्या कहना-सुनना

  ” देख ममता….इतनी-सी बात पर तू घर छोड़ मत जा।प्लीज़…।” कहते हुए मंजू ने ममता का हाथ पकड़ लिया।       ” दीदी…इतनी-सी बात नहीं है।आपने अपशब्दों के तीर चलाकर मेरा कलेजा छलनी कर डाला है।” कहते हुए उसने अपना हाथ छुड़ाया और बक्से में अपना सामान रखने लगी।       मंजू को चार महीने की प्रेग्नेंसी थी।डाॅक्टर ने … Read more

दिखावा

“मान गए जानकी तुम्हारी पसंद को बहुत सुंदर भी लाई हो  और  नौकरी वाली भी। अब तो मौज ही मौज है तुम्हारी। भले ही दहेज कम लाई हो, पर अपनी कमाई से घर भर देगी तुम्हारा।” “कैसी बातें कर रही हो रमा! हमारे घर में किस चीज़ की कमी है जो हम बहू के पैसों … Read more

इल्ज़ाम

“निशा… निशा… कहां हो?”“जी मम्मी जी, आई।”“तुमको गहने रखने के लिए दिए थे, रख दिए क्या?”“जी मम्मी जी, रख दिए।”“जरा ध्यान से रखना बेटा। घर मेहमानों से भरा है और तुमको तो पता है घर का माहौल कैसा है। यहां तो पैसे भी रखकर चोरी हो सकते हैं, और ये तो गहने हैं। अब तुम्हारी … Read more

बोझ

“आपसे कितनी बार कहा है”। “मेहनत तो हम करते हैं और हमारी मेहनत का घी और दूध आप जेठ जी को दे देती हैं। आपको तो पता है, पशुपालन करने में कितनी मेहनत लगती है। दिन में तीन बार तो गाय-भैंस को चारा डालना पड़ता है, तब जाकर हम दूध और घी का आनंद ले … Read more

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