साज़िश – समिता बडियाल Moral Stories in Hindi

रीमा गुनगुनाती हुई अपने छोटे से बैग में कपडे डाल रही थी। उसकी माँ ने पूछा बेटा सारा सामान रख लिया ना कुछ और तो नहीं चाहिए। नहीं माँ सब हो गया , और हाँ कल सुबह ११-१२ बजे तक वापिस आ ही जाएंगे। आप परेशान मत होना। रीमा ने अपनी माँ से कहा और … Read more

अपने ही गलत हो तो क्यों चुप रहना – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह से मुआयना हो रहा था। छान बीन की जा रही थी कि इतने बड़े आलीशान बंगला में अपनी बेटी के गायब होने की रिपोर्ट डॉक्टर शरमन ने लिखवाई,सर मेरी बेटी काव्या कल से नहीं आई। सभी तरह से छानबीन में जुटी पुलिस तहकीकात करने में लगी थी। उनसे पूछा गया कि बेटी काव्या कितने … Read more

कल आज और कल – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रिया सुबह हो गयी, और उठ गयी… उसे कमरे से आते देख अरे कोई सामान से टकरा न जाना , इतना ही शुभी की सास ने बोला ही था कि तभी शुभी चौंकते हुए बोली- मम्मी जी आप ऐसा क्यों बोल रही हो ? तब रीना जी कहती – समय देख रही हो ,आठ बजे … Read more

मूर्ख नहीं मैं -लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

माँ कहाँ हो,कहते हुए चाँदनी नें घर मे प्रवेश किया। सामने अपनी छोटी भाभी को देखकर उसने पूछा भाभी माँ कहाँ है? यह सुनकर उसकी भाभी को बहुत ही बुरा लगा, फिर भी उसने हँसते हुए कहाँ अरे!दीदी घोड़े पर सवार क्यों हो?  थोड़ा रुको अपनी भाभी से भी तो परनामा पाती(अभिवादन और हालचाल लेना … Read more

सपनों का आसमां – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अनिका वनिका दोनों बहनों की शादी एक ही शहर में हुई| दोनों के बच्चे भी सेम स्कूल में पढ़ते थे| अनिका का बेटा लक्ष्य दसवीं में और वनिका की बेटी सुमि आठवीं में|अनिका का घर स्कूल के पास था इसलिए लक्ष्य तो खुद ही घर आ जाता था| जबकि वनिका का घर दूर होने के … Read more

अहं का रिसाव – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

        घर में तनाव का माहौल था। आठ बजे तक कोई उठा नहीं था। ऑंखें बन्द करने से दिन रात में तब्दील नहीं हो जाता।घर मे कुल पॉंच सदस्य थे। महेन्द्र,सुधा उनका बेटा रौनक, बहू शुभि और दो साल का पोता आरव।आज सिर्फ तीन सदस्य रह गए, शुभि कल रूठकर अपने मायके चली गई थी। उसका … Read more

कहावत – काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

भव्या ने देखा – एक नया फ्रेंड रिक्वेस्ट आया है| मोबाइल स्क्रीन पर यह नोटिफिकेशन चमका और चेहरा भी चमकने लगा | आजकल उसकी दुनिया किताबों से ज्यादा मोबाइल में बसती थी | इंस्टा की रील, फेस बुक व्हाट्सअप  नये नये फ्रैंड रिक्वेस्ट  – यही रोज़ का रुटीन था | शुरुआत में तो अच्छा लगा … Read more

दिखावे से परे – ज्योति आहूजा 

मुंबई की एक बड़ी और चमकदार सोसाइटी में राहुल और नेहा रहते थे। शादी को उन्हें दो साल हुए थे। दोनों नौकरीपेशा थे—राहुल एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर और नेहा एक प्राइवेट फर्म में मार्केटिंग प्रोफ़ेशनल। सुबह जल्दी निकलना, दिनभर काम की दौड़ और रात को थके-हारे लौटना उनकी दिनचर्या थी। कई बार तो ऐसा … Read more

झूठ दिखावे से जिंदगी नहीं चलती – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सुनील बहुत तेज चिल्ला रहा था आंखें गुस्से में बहुत लाल हो चुकी थी चेहरा उखड़ गया था । तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग बाहर निकल आए थे उन्हें ज्ञात नहीं हो रहा था कि सुनील इतनी जोर-जोर से क्यों चिल्ला रहा है । दूसरी ओर शिखा सुनील कि गुस्से को और बढ़ा रही … Read more

साजिश – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी मनुष्य भावनाओं में इतना बह जाता है कि अपना करीबी रिश्तेदार  ही  उसके खिलाफ साजिश रचता है और वह उसी को अपना हितैषी समझ बैठता है, परन्तु  जब  वही  व्यक्ति अपनी साजिश से उसे सदा के लिए किसी मरूस्थल के सूखे और प्यासे पेड़ की तरह ठूॅंठ बनाकर चला जाता है,तब उसकी ऑंखें खुलती … Read more

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