सच्ची मित्रता – शुभ्रा बैनर्जी :

 Moral Stories in Hindi “सुमन देखो तो,कौन आया है?”अपने कमरे में ऑफिस जाने के लिए तैयार होते हुए सुधाकर जी ने पत्नी से कहा। सुमन थोड़ी ही देर में हड़बड़ाते हुए आई ,और कहा”सुनिए जी, जल्दी से बिस्तर पर सो जाइए।ऑफिस थोड़ी देर बाद चले जाइयेगा।मधुकर के मां-बाप आएं  हैं।वही पुराना राग अलाप रहें हैं।अब … Read more

बेटी की सच्ची विदाई -लतिका पल्लवी :

 Moral Stories in Hindi मामी, भूख लग रही है। जाओ, जाकर माँ से नाश्ता माँग कर खा लो। अभी नाश्ता कहा बना है? आप तो अभी सोकर उठ रही है फिर नाश्ता कौन बनाएगा? मामी आपकी तबियत ठीक नहीं है क्या? आप इतनी देर तक क्यों सो रही थी? क्यों, तुम्हारी माँ भी तो अभी … Read more

कठोर कदम – डॉ० मनीषा भारद्वाज :

 Moral Stories in Hindi दिल्ली की उमस भरी एक शाम थी। आकाश के कमरे में सन्नाटा गहरा रहा था, सिर्फ टेबल फैन की घूर्णन और पिता सुधीर सक्सेना के सख्त कदमों की आवाज़ गूंज रही थी। सुधीर के चेहरे पर उस अंकगणित की कॉपी को लेकर कठोरता थी जिसमें लाल स्याही से भरे गोल-गोल अंक … Read more

कठोर कदम – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुमित्रा देवी के लिए ज़िंदगी का मतलब था—अपने इकलौते बेटे विक्रम की खुशियाँ. पति की मृत्यु के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से बेटे की परवरिश में समर्पित कर दिया था. उनका घर छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने प्यार और सख्त अनुशासन से विक्रम को एक संस्कारी और मेहनती इंसान बनाया था. विक्रम बचपन … Read more

रीता की समझदारी – रेनू अग्रवाल :

रीता किचन में काम कर रही थी, तभी उसकी ननद गीता का फोन आया। फोन उठाते ही गीता की रोती हुई आवाज आई, “भाभी, अब और नहीं सहा जाता… मेरी ज़िंदगी तो नरक बन गई है।” रीता को आश्चर्य नहीं हुआ। गीता की ये शिकायतें अब रोजमर्रा की बात बन गई थीं। उसने शांत स्वर … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – बबिता शर्मा 

एक छोटे से गाँव में, दो पड़ोसी रहते थे – राम और श्याम। वे दोनों एक ही खेत में काम करते थे और अच्छे दोस्त थे। लेकिन एक दिन, उनकी जमीन की सीमा को लेकर विवाद हो गया। राम ने श्याम पर आरोप लगाया कि वह उसकी जमीन पर कब्जा कर रहा है, जबकि श्याम … Read more

कच्चे धागे, पक्के रिश्ते – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    “ बेटा अभि, मुझे तुझसे कुछ बात करनी है, फरी है तो आ बैठ मेरे पास, कुछ देर के लिए”। हंसराज ने बिस्तर पर बैठे बैठे ही बेटे को आवाज दी।        अभि ने सुना या नहीं, लेकिन रसोई में काम कर रही सोनिया के कान जरूर खड़े हो गए।     “ अभी आया पिताजी, अभि ने … Read more

कठोर कदम – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

विवाह एक ऐसी हृदय की आन्तरिक आनन्दानुभूति है जो प्रत्येक कन्याओं के हृदय में सुनहरे सपनों के संसार में विचरण कराती है। “अपना घर होगा,पति का साथ,उसका प्यार और मां की तरह वह भी गृहस्वामिनी बनेगी। घर के सदस्यों के साथ उसका भी वर्चस्व होगा ” इन्हीं सुनहरे सपनों की चादर नलिनी बुनती रहती थी। … Read more

औरत हो, गाय नहीं..! – रोनिता कुंडु

आपने देखा? नियति को इस घर में आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और घर में सभी को उसकी पसंद और नापसंद का भी पता लग गया। आज उसके जन्मदिन पर सबने उसे उसके पसंद की चीज़े दी, यहां तक की खाना भी आज सारा उसकी पसंद का बना है, नहीं, मतलब मैं … Read more

तू लालची हो गया हैं !! – स्वाती जैंन

नीलम ने जैसे ही दरवाजा खोला , सामने अपनी सासू मां मालती जी को देखकर चकित रह गई क्योंकि मालती जी जिस तरह से नीलम से बुरा व्यवहार करके घर छोड़कर गई थी , कभी लगा नही था कि फिर कभी वापस आएंगी !! अपने पति शांतीलाल जी के गुजरने के बाद वह नीलम को … Read more

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