सास को बहु की तकलीफ़ नहीं दिखती – डॉ बीना कुण्डलिया :

आज सुबह से ही नम्रता का सर चकरा रहा पेट में भी रह रह कर दर्द सा हो रहा। जैसे तैसे करके सुबह नाश्ता निपटाया आराम करने कमरे में चली गई सोचा थोड़ी देर बाद दवाई खाकर आराम आयेगा तो बाकी का काम भी निपटा ही लुंगी सब वैसे ही पड़ा रहने दिया। तभी सासूमां … Read more

गुड़िया – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

राधा के हाथों में अपनी बेटी आलिया की गुड़िया देखते ही उसकी माँ सानिया ने राधा से वह गुड़िया छीनते हुए अपनी नौकरानी पुष्पा से कहा, अरे पुष्पा अपनी बेटी को क्यों लेकर आती हो, आलिया की इतनी महंगी-महंगी गुड़िया रोज-रोज गंदी कर देती है। क्या करूँ मैडम जी उसे घर पर अकेली छोड़ कर तो नहीं आ … Read more

कान भरना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

रामायण के प्रमुख पात्र दशरथनन्दन श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। पूरे अयोध्यावासी राम के राजा बनने की खुशी में नाच-गाकर उत्सव मना रहे थे।अगले दिन राज्याभिषेक की तैयारी में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र अन्य पंडित -पुरोहितों के साथ विचारमग्न थे।राजा दशरथ और रानी कौशल्या अपने ज्येष्ठ पुत्र राम के राज्याभिषेक … Read more

अपने हुए पराए – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सरोज जी को औलाद न होने से सुंदर से लगाव हो गया था ,ससुर के समय से ही जब गिरधारी लाल चौकीदारी करता था। तब वह अपने बेटे को हवेली ले आता, क्योंकि उसकी पत्नी जन्म देते ही गुजर गयी, जिस कारण गिरधारी लाल हमेशा सुंदर को साथ रखता,तब सरोज बड़े ही प्यार से उसे … Read more

सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

 आशा ने घड़ी देखी, सुबह के 6:00 बजे थे वह उठ गई ।निवृत हो कर वह चाय का कप लेकर कमरे में बैठी ही थी कि, बेटे के कमरे से बहू और बेटे की  ‘तू -तू मै -मै’ की आवाज आने लगी जो धीरे-धीरे झगड़े की तरफ बढ़ने लगी।  आशा का मन चिंतित हो उठा। … Read more

अदरक वाली चाय – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

अखबार का पन्ना पलटते हुए रूबी सोच रही आज काम पर जायें कि ना जाये ,मन नही कर रहा जाने का,  वैसे वो छुट्टी लेती नही पर आज तबियत कुछ ढीली लग रही ,कल रात बारिश में भीगने के कारण नाक में सुरसुरी सी हो रही , सोच रही ले ले आखिर सी . एल  … Read more

विश्वास की डोर – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जानकी.. आजकल मन बहुत व्यथित हो रहा है एक डर है जोमुझे अंदर ही अंदर खाए जा रहा है समझ नहीं आ रहा तुमसे कैसे कहूं.? कहूंगा तो तुम हंसोगी, 70 वर्षीय रामनारायण जी ने अपनी पत्नी जानकी से कहा! तब जानकी बोली… नहीं जी बिल्कुल नहीं हंसूंगी आप बताइए तो सही आपको ऐसा कौन … Read more

विश्वास की डोर – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

ऑफिस में बैठे आलोक के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। “हैलो…?” फोन उठाते ही एक जानी-पहचानी आवाज़ सुनाई दी — “भैया… मैं सावित्री बोल रही हूँ।” “अरे, तुम दोपहर में कॉल क्यों कर रही हो? सब ठीक है?” आलोक ने पूछा। “भैया… मैं कल से काम पर नहीं आऊँगी। भाभी से कह … Read more

घर का आधार – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

ममता जब ब्याह कर इस घर में आई थी, तबसे ही उसकी दुनिया बदल गई थी। नए रिश्ते, नई जिम्मेदारियाँ और सबसे बड़ी बात हर पल खुद को साबित करने की चुनौती। ममता स्वभाव से सीधी-सादी, समझदार और मेहनती थी। उसने आते ही पूरे घर की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी। सुबह सबसे … Read more

माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना की बेटी प्रज्ञा एक सीधी-सादी, शांत स्वभाव की लड़की थी। बचपन से ही उसने कभी झूठ नहीं बोला था। रीना को उस पर आंख बंद करके भरोसा था। प्रज्ञा अपनी माँ से हर छोटी-बड़ी बात साझा करती थी — चाहे वह स्कूल की परेशानी हो, कोई दोस्ती का किस्सा, या दिल की कोई उलझन। … Read more

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