विश्वास की डोर – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अनूज और काया की जोड़ी ऐसी थी जैसे ये एक दूसरे के लिए ही बने हों। बहुत प्यार,समझ और एक दूसरे के लिए सम्मान था।काया के नाक नक्श तीखे,कमर तक काले घने बाल और डील डौल भी बहुत अच्छा, ऐसा लगता था कि फुर्सत से बनाया है भगवान ने। अनूज साधारण सा दिखने वाला कद … Read more

मत भूलो कि यह मेरा परिवार है – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रीति हमेशा से ही एक समझदार और संस्कारी लड़की रही थी। उसकी शादी को पांच साल हो चुके थे। ससुराल में सास-ससुर, एक देवर और ननद रहते थे। शुरू से ही सबका व्यवहार उसके साथ बहुत अच्छा रहा। ननद की शादी भी प्रीति की शादी के कुछ ही समय बाद हो गई थी। धीरे-धीरे घर … Read more

छल – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

                        ९० वर्षीय मां बिलख-बिलख कर रो रहीं थीं और बीच-बीच में अपने बेटे-बहू को भी कोसती जा रही थीं  ‘तुम लोगों ने मेरे साथ इतना बड़ा छल क्यों किया ? मेरे पौत्र, मेरे जिगर के टुकड़े को मुझे पूछे-बताए बिना विदेश भेज दिया और मुझे कानों कान किसी ने भनक तक न लगने दी। हे … Read more

विश्वास की डोर – खुशी : Moral Stories in Hindi

विश्वास एक बहुत बड़ी बात है यूं ही कोई हम पर यकीन कर अपना सब कुछ समर्पित नहीं करता यूंही कोई अपना दिल खोल कर नहीं रखता।कोई लड़की विश्वास के आधार पर ही नए घर आती हैं अपने पति को वो सबसे ज्यादा विश्वसनीस पाती है और ये टूट जाए  रागिनी और राजीव दोनों एक … Read more

मत भूलो की ये मेरा परिवार है – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“मत भूलो की ये मेरा परिवार है। मैंने हमेशा  सबकी बातों को सम्मान दिया है,हर रिश्ते में समझौता करके निभाया है। हजारों गलतियों के बाद भी हर किसी को माफ किया है। सिर्फ इसलिए रंजन कि मेरे माता-पिता ने मुझे यही संस्कार दिए थे लेकिन आज जब तुमने मेरे घरवालों को सब के सामने अपमानित … Read more

सास को बहु की तकलीफ  नहीं दिखती । – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

रमा,बहु ! जरा पानी तो लाना !  जी माँजी !अभी लाई कहकर उसने अपने आटे से सने हाथों को धोया और दौड़ते हुए ,एक गिलास पानी ले आई ,वो जानती है ,यदि मम्मी जी के आदेश का पालन होने में तनिक भी देर हुई तो मम्मीजी ,नाराज हो जायेंगीं। लीजिये !मम्मी जी ! क्या कर … Read more

विश्वास की डोर – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज सुनंदा मिश्रा दुख से पागल थी। आंखों से सावन भादो की बरसात हो रही थी।कारण औलाद ऐसा करेगा वह कभी सोची न थी। हुआ यह कि मकान बेचने के बाद इसका बेटा रोहित कार में लेकर एयरपोर्ट चला रास्ते में करोलबाग वृद्धाश्रम के पास उस पेड़ के नीचे इसे उतार कर इसका बैग भी … Read more

अनकहा दर्द – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

काम्या पार्क की बेंच पर बैठी आकाश में उड़ते पक्षियों को देख रही थी उसके आसपास कोई नहीं था थोड़ी दूरी पर कुछ लोग बैठे हुए थे कुछ टहल रहे थे शाम गहराने लगी थी धीरे-धीरे सभी पार्क से निकलने लगे पर काम्या वहीं बैठी रही वह कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी । … Read more

मैंने तुम्हें दिल से प्यार किया  है। – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

सान्वी को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो अंदर से टूटी हुई है। हर सुबह वो वैसी ही मुस्कान पहनती, जैसी लोग देखने के आदी हो गए थे। घर सँवारती, ऑफिस जाती, सबके लिए उपलब्ध रहती — लेकिन जब अकेली होती, तो आँखों से बहता सन्नाटा ही उसका सच्चा साथ होता। आर्यन से … Read more

कान भरना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“मीनू की मम्मी देखा, जब से अमित विदेश गया है, आपकी बहू उर्मी कभी इसके साथ, कभी उसके साथ खिलखिलाती घूमती है।” ” मूवी, कभी बाजार। थोडी बहुत लाज शरम है या नहीं।” ” गुडिया को दादी के भरोसे छोड जाती है। आप सब झेल लेती हो। अकेली पता नहीं कहां कहां भटकती है।” मीनू … Read more

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