माँ के आंसुओं का हिसाब – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi
शांति के बच्चे अब बड़े हो गए हैं ,वो अपनी बहु से कह रही थी – रेवा ! आज मेरा बेटा भूखा चला गया, आज तक मेरे रहते, वो कभी घर से भूखा बाहर नहीं गया था। तो क्या करुँ ?तुम्हारी चाकरी करने के लिए ही तो यहाँ आई हूँ ,नौकरानी नहीं हूँ। जब उन्हें … Read more