कर्ज – विमलभारतीय ‘शुक्ल’

कामिनी पूरे घर में निर्देश देती घूम रही थी, जैसे कोई आयोजन हो। पर यह आयोजन नहीं, विदाई की तैयारी थी—उस व्यक्ति की, जिसने कभी इस घर को अपने कंधों पर खड़ा किया था। “पिता जी से कह दो, अंदर वाले कमरे में चले जाएँ, कुछ लोग मिलने आने वाले हैं।”कामिनी ने नौकर को आदेश … Read more

आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे ।

उत्तर प्रदेश के गांव में रामचरण जी अपने परिवार के साथ रहते थे । उनके खेतों में काम अच्छा चलता था । बहुत अच्छी खेती थी । मानों जमीन खेत खलियान सोना चांदी उगल रही हो । उनके खेतों का अनाज घर के अलावा बाजारों में बिकता था । घर में किसी तरह की कमी … Read more

पच्चीस साल बाद कैसी उम्मीद ……

आज स्कूल में सजावट देख गिरधारी लाल जी के कदम चलते – चलते रुक गये। तब उन्हें लगा कि कोई त्योहार भी नहीं है, पता नहीं ना जाने काहे फूलों से गेट सज रहा है, तब वहाँ के चौकीदार से उत्सुकता वश पूछा -क्यों भैया ना पंद्रह अगस्त है, ना ही छब्बीस जनवरी आ रही … Read more

“एक हिसाब ऐसा भी माँ के आंसुओं का” –    सुनीता मौर्या “सुप्रिया”

आज शहर में एक घर दुल्हन की तरह सजा था…घर क्या कोठी कहिए। कोठी की हर दीवार दरवाजे खिड़की सब जगह फूल और लाईटें  लगी थी। घर का कोना कोना रोशन था। तभी गेटके सामने एक लम्बी सी कार आकर रुकी। गाड़ी से एक ख़ूबसूरत हैंडसम नौजवान बाहर आया , ये आयुष एक बडी कंपनी … Read more

वक्त कब पलट जाये कोई नही जानता – संगीता अग्रवाल

अभी उसे इस ऑफिस मे आये कुछ ही हफ्ते हुए थे कि उसके अनेकों नाम रख दिये गये कोई उसे पत्थर दिल बोलता कोई , हार्टलेस तो कोई घमंडी । कहने को वो बहुत बड़ी पोस्ट पर था उसके अधीन कई कर्मचारी थे पर शायद ही कोई कर्मचारी उसे पसंद करता हो । उसके चेहरे … Read more

निःसंतान – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

बारात वापस आ गई….. दुल्हन आ गई ….आओ आओ दुल्हन देखने ….आओ ….घर के बच्चे तो नाचने लगे…. आते साथ दरवाजे पर बम की लड़ी फोड़ दी गई…. ढोल वाले ने जोर-जोर से बजाना शुरू किया ….!  कविता वो कविता… कहां हो ….? जल्दी आओ… बच्चे थके हैं …परछन और दुल्हन के प्रवेश की रस्में … Read more

“वक्त से डरो” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

राखी ने जैसे ही डोर बेल बजने पर दरवाजा खोला तो सामने अपने जेठ जेठानी अनुराग और सुमेधा को देखकर चौंक गई अनुराग को देखकर लग रहा था जैसे कब से बीमार हो वह बिना कुछ कहे दरवाजे से हट गई तो वे दोनों अंदर आकर बैठ गए और बिना किसी भूमिका के उससे माफी … Read more

समय की मार – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” माँ, मैं चलती हूँ…।” कहते हुए नीता ने कंधे पर अपना हैंडबैग टाँगा और बाहर निकल गई।विमला जी उसे जाते हुए देख रहीं थीं तभी उन्होंने देखा कि मोहल्ले के कुछ लड़के नीता को देखकर गाना गाने लगे,” ओ नीले दुपट्टे वाली..अपना नाम तो बता..।” उनका जी तो किया कि अभी जाकर उन लड़कों … Read more

बहू की नादानी – लतिका पल्लवी :Moral Stories in Hindi

अनुराधा का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। नर्स बार बार समझा रही थी कि आप इसतरह से चिल्लाईए नहीं, आपके चीखने चिल्लाने से आपके टांको पर जोड़ पड़ेगा और उसके टूटने का खतरा हो सकता है। कल रात मे अनुराधा को ऑपरेशन से बच्चा हुआ,उसके पति अजय ने बच्चे को  गोद मे … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब क्या दोगी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नेहा ओ  नेहा मां कितना खांस रही है आज दवा नहीं खाई है क्या, अब क्या करूं मैं सुमित सबकी नींद खराब होती है गोलू भी नहीं सो पा रहा होगा ।देखो जरा सुमित बोला नेहा से ,नेहा उठकर कमरे में गई और गुस्से को दबाते हुए दबी जवान में बोली क्या है मां आप … Read more

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