सही परवरिश जरूरी है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रिमझिम रो मत बाबू, चुप हो जा,चल मै तुम्हे बाहर घुमा लाती हूँ,तुम्हे आइसक्रीम भी दिला दूंगी,रिमझिम की नानी उसे चुप कराने की बहुत कोशिश कर रही थी,पर रिमझिम थी कि चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी। बस एक ही रट लगाए हुए थी कि मुझे भी अपनी माँ को लाने पापा … Read more

विश्वास की पक्की डोर – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   प्रथम और उत्सव दो जुड़वा भाई, प्रथम ,उत्सव से दो मिंट बड़ा, तो उसका नाम प्रथम और दूसरे का उत्सव क्योंकि उत्सव जैसा माहौल हो गया था। छोटे से कस्बे में रहने वाले दीपक के घर तो जैसे सचमुच ही उजाला हो गया। शादी के दस साल बाद पैदा हुए थे, लड़कियां भी होती तो … Read more

पता है…. – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

ऑफिस की सीढियां चढ़ ही रहा था कि पीछे दौड़ती आती पदचापों से थम सा गया मुड़ कर देखा तो अश्विनी था। थोड़ा ठहर तो अविनाश  तेरे पैदल चलने में भी वही रफ्तार है जो  तेरे ऑफिस काम करने के तरीके में है अरे इतनी जल्दी है तो लिफ्ट से आया जाया कर  तुझे पता … Read more

राज़ खोलना – सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

यह कहानी हैं एक छोटे से खुशहाल परिवार की ।सावित्री देवी का परिवार उनका बेटा निर्मल और बहु लता उनके दो बच्चे नीला और नवीन।नीला कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही है और नवीन अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई के आखिरी साल में है। सावित्री देवी ने अपने पति को एक  सड़क दुर्घटना में खो दिया था … Read more

राज – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीला एक गृहिणी थीं उसके पति राघव की अच्छी नौकरी थी घर में हर सुख सुविधा थी।दो प्यारे प्यारे बच्चे थे।सब कुछ अच्छा था तभी उनके पड़ोस में एक परिवार शिफ्ट हुआ।परिवार में पति पत्नी मीरा और नमन थे और एक बेटी कियारा और नमन की माता जी सुनीता जी। राघव ज्यादातर टूर पर होते … Read more

विश्वास – खुशी : Moral Stories in Hindi

रोहित एक गरीब घर का लड़का था किसी तरह बारहवीं पास की और घर की जिम्मेदारी की वजह से उसने एक दुकान पर काम पकड़ लिया उसके पिताजी रतन सिक्योरिटी गार्ड थे।  उनकी आंखों में मोतियाबिंद हो गया था इसलिए अब वो काम पर नहीं जाते थे।मां रूपा भी घर संभालती।दो कमरों का छोटा सा … Read more

केक – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

बचपन से ही खाने-पीने के अति शौकीन दादा जी अपनी वृद्धावस्था में यद्यपि अब डायबिटीज और बीपी के शिकार हो चुके थे, किंतु आजकल अपनी बहू द्वारा समय-समय पर उनके मीठे, अति तीखे और चटपटे खाद्य पदार्थों पर लगाई जाने वाली रोक-टोक उन्हें सहन नहीं हो रही थी। वे दादी से भी अक्सर ही इस … Read more

“वक़्त से डरो” – सुबोध प्राण : Moral Stories in Hindi

उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव ‘माधोपुर’ की सुबह कुछ अलग होती है — खेतों में ओस की बूँदें, मंदिर से आती घंटियों की आवाज़ और एक बूढ़ी औरत की खाँसी। वो औरत है रामदुलारी, जो हर सुबह अकेले ही आँगन में झाड़ू लगाती है, फिर चूल्हे पर चाय बनाती है और भगवान के … Read more

समय का फेर‌ – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  ‘हैलो ! नमस्ते आंटी जी ! कैसी हैं आप ?  ‘हम सब तो ठीक हैं बेटा ! आप अपनी सुनाओ ! काम ठीक चल रहा है न आपका ? कुछ और ग्राहक बढ़े या नहीं ?’    ‘हां जी आंटी ! काम तो बढ़ा, लेकिन…खैर छोड़िए ! आपका सफर कैसा रहा ? यहां तो खूब बारिशें … Read more

“एक पन्ना, कई राज़”- ज्योति आहूजा

रविवार की सुबह थी। धूप अलमारी के काँच पर सरकती हुई जैसे बीते वक़्त को सहला रही थी। काव्या अपने पुराने सूट-कपड़े जमाने में लगी थी, और पास ही बैठी अन्वी कुछ सोच रही थी — वो अब 12वीं पास करके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन किताबों के बीच उसकी दुनिया बस … Read more

error: Content is protected !!