राज खोलना – -परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज रानी खूब खुश थी कारण अपने श्वसुर को नौकर बना रखा था। अकेला बेटा इसका पति है सो जैसा चाहेगी वही करेगी,मगर दांव उल्टा पड़ गया। रानी का पति जवाहर एक दफ्तर में बाबू था और रानी उसके सामने श्वसुर से अच्छा व्यवहार करती थी और जाते ही- अबे बुढ ऊं, झाड़ू ठीक से … Read more

वक्त से डरो – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“एक गाँव में एक बूढ़ा लकड़ी काटनेवाला श्यामू रहता था । उम्र साठ साल थी, लेकिन मेहनत में कोई कमी नहीं आई थी। दिनभर जंगल में लकड़ी काटता, फिर शाम को बाज़ार जाकर बेच आता। लोग उसकी ईमानदारी की मिसाल दिया करते थे। पर उसकी एक आदत बुरी थी उसकी—वक्त को हल्के में लेना। उसे … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती – विधि जैन :

रूही ने बी फार्मा किया जब बी फार्मा किया तो उसके लिए बहुत अच्छे-अच्छे रिश्ते आने लगे मम्मी ने कहा कि अब तुम एम फार्मा नहीं कर पाओगी रिश्ते बहुत अच्छे आ रहे हैं रूही ने भी मन बना लिया कि अच्छे रिश्ते आ रहे हैं और मुझे मां-बाप पढ़ाई करने नहीं देंगे और घर … Read more

वक़्त से डरो! – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

श्रीमती विनीता जी, जैसे ही घर के मुख्य द्वार में प्रवेश करती हैं ,उन्हें किसी बच्चे की रोने की आवाज आती है, वे समझ जाती हैं कि दुलारी जी का पोता रो रहा होगा वही उनके घर में छोटा बच्चा है। वे  दुलारी जी से मिलने के लिए उनके घर आई थीं। दोनों ने कल … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती। – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

रामप्यारी, बहुत दिनों से नहीं बल्कि सालों से खन्ना जी के यहां काम करती आई है। खन्ना के परिवार में जैसे घुल- मिल गई है, वे लोग भी उसे, नौकरानी नहीं, परिवार का ही एक सदस्य समझते हैं। खन्ना का परिवार भी, उसकी उम्र के हिसाब से उसे, सम्मान भी देते हैं।   कभी भी … Read more

वक्त से डरो – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मीरा, बी.कॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा, हर दिन की तरह आज भी कॉलेज जा रही थी। सुबह की हल्की धूप और मन में ढेर सारे सपनों के साथ वह सड़क पर चल रही थी कि अचानक एक तेज़ रफ़्तार गाड़ी के ब्रेक की कर्कश आवाज़ आई। टायर सड़क पर घिसटे और गाड़ी मीरा के ठीक … Read more

वह एक पत्र – सुबोध प्राण : Moral Stories in Hindi

छोटे से कस्बे नरैनी में एक पुराना घर था, जहां सुशीला देवी अकेली रहा करती थीं। उनके तीन बेटे थे — तीनों महानगरों में बसे, ऊँचे पदों पर कार्यरत। लेकिन माँ के लिए समय नहीं था किसी के पास। हर महीने पैसे भेज दिए जाते, कभी फोन आ जाता, पर घर में पसरी हुई खामोशी … Read more

राज़ खोलना – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

“आज तो मैं तुम्हारा राज जानकार ही रहूँगा । आख़िर तुम कौन हो जो इस अनाथाश्रम के बच्चों के लिए बिना अपनी पहचान बताए इतना धन दान करते हो कि ये बच्चे अपनी पढ़ाई-लिखाई करने के साथ अच्छा खा-पहन भी पाते हैं ।हम सब तुम्हारे शुक्रगुज़ार हैं बेटा और तुम्हारा दान दुनिया को बताना चाहते … Read more

वक्त से डरो – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

अपनी ही रौ में मधु बोले जा रही थी”मम्मी,अठारह साल की हो गईं हूं।अब मैं अपने फैसले खुद ले सकती हूं।कब तक पापा की तानाशाही बर्दाश्त करेंगें हम।मैं तो कहती हूं,मेरे साथ तुम भी निकल लो इस कैदखाने से। मम्मी,हम जैसे ही शादी करके सैटल हो जाएंगे,तुम भी हमारे साथ रहना।रवि की भी तो मां … Read more

वक्त वक्त की बात – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बेटी की चिट्ठी हाथ में पकड़े योगेश को आज एहसास हो रहा था कि एक वक्त था जब पिताजी ने कहा था (और योगेश अतीत में खो गया) “ बस योगेश बस !!!अब बस भी करो… बहुत बोल रहे हो कम से कम वक़्त से डरो…आज इनकी ज़िन्दगी पर बन आई है कहीं कल को… … Read more

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