ईर्ष्या – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राम और लक्ष्मण सगे भाई थे। बचपन में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था। घर में कोई बड़ा नहीं था, इसलिए राम ने बड़े भाई से कहीं ज़्यादा, एक अभिभावक की भूमिका निभाई। उसने लक्ष्मण को सिर्फ भाई नहीं, बेटे की तरह पाला। पढ़ाई से लेकर कपड़े और हर ज़रूरत का ध्यान रखा। … Read more

राज खोलना – डाॅ संजु झा

पिछले कुछ दिनों से बैंक प्रबंधक रमण जी काफी परेशान थे।एक तो दिनभर बैंक में माथा-पच्ची और घर आने पर पत्नी और बच्चों का डरा सहमा चेहरा उनकी पेशानी पर चिंता की रेखाऍं डाल रहा था।पत्नी सीमा ने नाम -पता विहीन पत्र पकड़ाते हुए कहा -“देख लो!तीसरी बार यह धमकी भरा पत्र आ चुका है!अब … Read more

मां चरण स्पर्श –  विनती झुनझुनवाला :Moral Stories in Hindi

बहुत समय से आपको ये पत्र लिखना चाहता था परन्तु हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था लेकिन आज जब ईनू ने वही प्रश्न मुझ से किया जो हमेशा मैं आपसे पूछना चाहता था तो मैं खुद को रोक नहीं पाया, हुआऐसा कि ईनू पार्क में खेलते हुए गिर गया और उसके घुटनों पर चोट लग … Read more

वक्त से डरना चाहिए – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’

“ये रहे घर के कागज, इन्हें आप गिरवी रख लीजिए और मुझे 10 लाख रुपए दे दीजिए…..”प्रशांत ने सेठ दयाल जी से कहा। “बेटा, मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था जब तुमने मुझसे 1 लाख रुपए लिए थे कि ये कैंसर जैसी बीमारी होती ही ऐसी है…. न जाने कितना खर्च करवा दे कोई … Read more

 नफा-नुकसान – उमा महाजन 

  सब्जीवाले की आवाज सुनकर कविता, रोमा और निम्मी अपने-अपने घरों से बाहर निकल आईं, ‘क्या बात भैया ? दो दिन आए नहीं, सब ठीक तो है न ?’ कविता ने पूछा।       ‘हां जी मैडम ! बस पास के गांव में अपने माता-पिता से मिलने चला गया था, लेकिन उस दिन आपने मशरूम लाने को कहा … Read more

राज खोलना – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

आज फिर प्रीति नींद से चौंककर उठ बैठी, उसका चेहरा पसीने से भीगा था। राज ने घबराकर पूछा, “क्या फिर वही सपना देखा?” प्रीति चुप रही, लेकिन उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था। राज ने उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “प्रीति, सपने अक्सर वही दर्द दिखाते हैं जिन्हें हम दिल में दबा … Read more

राज खोलना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

दीदी क्या बात है आजकल आपने मायके आना छोड़ ही दिया है।  इस बार गर्मियों की छुट्टी पर भी आप हमसे मिलने नहीं आई ?? नहीं नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है। वह तो बस मैं इन दिनों थोड़ा व्यस्त रहने लगी हूं। शिव को भी मैंने इस गर्मी की छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लास … Read more

वक्त से डरो – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

पापा मम्मी आप लोग इस घर से निकल जाइए यह घर अब मेरा है। यहां आपका यह सब पीना पिलाना नहीं चलेगा। क्या कह रहे हो बेटा वक्त से डरो इस उम्र में हम कहां जाएंगे। मुझे नहीं पता आप कहां जाएंगे लेकिन यहां से चले जाइए।सोसाइटी में मेरी बदनामी हो रही है।   आंखों … Read more

आईना – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह आनंदी ने रजत को जल्दी से नहा धोकर कहीं जाने के लिए तैयार होते हुए देखा तो वह समझी कि रजत अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने के लिए जा रहा होगा क्योंकि वह पहले भी ऐसे ही सुबह-सुबह तैयार होकर कई कई दिनों के लिए अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने निकल जाता … Read more

” बच्चे तो बच्चे ठहरे” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नियति दुनिया की नज़र मे एक बेहतरीन पत्नी ( जो अपने पति को एक गिलास पानी भी खुद से ना लेकर पीने दे ) एक बेहतरीन माँ ( जो अपने बच्चों पर बिना क्रोध किये उनकी बेहतर परवरिश करती है ) । जब भी कोई मेहमान घर आता नियति की तारीफ करते नही थकता कि … Read more

error: Content is protected !!