अपनों से कैसी ईष्या – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

दरवाजे पर कमला जी की टिकी हुई थी। कोई भी आहट होती तो उन्हें लगता कि कहीं विमला तो नहीं आ गयी। विमला उनकी छोटी बहन है ,उससे सुबह बात हुई। कि उसे अपने ननदोई के रिटायरमेंट की पार्टी में आना है। एक दिन रुकेगी,अगले दिन अपनी ननद के यहाँ जाएगी। कमला जी छोटी बहू … Read more

“ईर्ष्या की राख में झुलसते रिश्ते” – सुबोद्ध प्रण : Moral Stories in Hindi

रेणु और सुमेधा—दोनों बचपन की सहेलियाँ थीं। एक ही मोहल्ले में पली-बढ़ीं, एक ही स्कूल में पढ़ीं, एक ही कॉलेज में गईं। लोग अक्सर उन्हें ‘राम-लक्ष्मण’ की जोड़ी कहते। दोनों में बहुत कुछ समान था—सपने, उम्र, रुचियाँ, यहाँ तक कि शक्ल-सूरत भी मिलती-जुलती थी। लेकिन एक चीज़ थी जो समान नहीं थी—किस्मत। रेणु एक मेहनती … Read more

राज को राज रहने दो – विमला गुगलानी :Moral Stories in Hindi

 “ ममी मेरी वो जयपुरी लहरिया लाल पीली चुन्नी नहीं मिल रही, कहीं देखी आपने, आज कालिज में तीज उत्सव मनाया जा रहा है, तो मैनें वो ओढ़नी थी” छवि ने तैयार होते होते मां से पूछा।    “ मिलेगी कहां से, वो तो छाया को ओढ़े देखा मैनें, अभी अभी तो गई है , तेरे … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती – एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi

सीमा ने दरवाजा खटखटाया ।”खोलती हूंँ… कौन…?”आवाज के साथ दरवाजा खुला..। उसकी बड़ी बहन रीमा ने दरवाजा खोला।”अरे..! सीमा आज सुबह-सुबह कैसे…?”” ऐसे ही दी..बस..आपसे और गौरी से मिलने का मन किया तो चली आई.. क्यों बिना बताए नहीं आ सकती क्या.”. “नहीं..ऐसी तो कोई बात नहीं है..।” कहते हुए रीमा कुछ झिझकी।” ” गौरी … Read more

विश्वास खोते देर नहीं लगती – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi   

जतिन और प्रिया का विवाह हुए अभी केवल 5 महीने ही हुए थे परंतु घर के तो रंग ढंग   ही बदल गए थे । वर्मा जी के साधारण से संयुक्त परिवार में उनके तीन बेटे थे। उनके दो बेटों का विवाह  हो चुका था। और उनके बड़े बेटे के दो बेटे और छोटे के एक … Read more

ईर्ष्या – खुशी :

Moral Stories in Hindi रति एक बड़े घर की बहु थी।घर में ससुर गिरधारी लाल जी जिनकी सराफा में सुनार की दुकान थी।  सास राधा जी जो मंदिर और कीर्तन मंडली में व्यस्त रहती तो घर की जिम्मेदारी उसी पर थी घर में उसके पति अमित और देवर सुमित थे एक ननद शिखा थी जिसकी … Read more

ईर्ष्या – परमा दत्त झा

Moral Stories in Hindi (रचना मौलिक और अप्रकाशित है इसे मात्र यहीं प्रेषित कर रहा हूं।) आज रत्ना को रात भर नींद नहीं आई कारण उसकी बहू को बेटी हुई और उसकी देवरानी को पोता हुआ। हे भगवान ऐसा अंधेर-मैं भी आपकी पूजा करती हूं -सावन में शिव मंदिर में कांवर लेकर जाते हैं।पिछले तीस … Read more

रिश्तों की बदलती बयार – डॉ कंचन शुक्ला :

Moral Stories in Hindi ढोलक की थाप पर सोहर गीत गूंज रहा था पूरा घर खुशियों से भरा था कामिनी दौड़-दौड़कर समारोह की व्यवस्था देख रही थी घर में रिश्तेदारों का जमघट लगा था पूरा घर हंसी-ठिठोली से गुंजायमान हो रहा था हो भी क्यूं ना आज कामिनी के पोते की बरही थी। कामिनी के … Read more

ईर्ष्या -के कामेश्वरी :

Moral Stories in Hindi सपना डोर बेल बजाती है ….. सास रुक्मिणी ने दरवाजा खोला तो उन्हें देखते ही ….. वह मुँह बनाकर चिडचिडाते हुए अंदर चली गई। रुक्मिणी उसके पीछे …… उस से पूछती हुई जा रही थी कि सपना देरी क्यों हो गई है बेटा क्या हो गया है सब्जी वाले के साथ … Read more

हम फिर मिलेंगे कभी – वीणा राज :

Moral Stories in Hindi ठंड के मौसम में चाय की भाप मन को आत्मिक तुष्टि का एहसास करा रही थी. जगजीत सिंह की ग़ज़ल, कप से उठता भाप और पेड़ों से छनकर आती धूप ने बालकनी में बैठी तृषा को स्वर्गिक आनन्द दे रखा था. साथ में मूंगफली के गुलाबी दानों को एक एक कर … Read more

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