बहू भी इंसान होती है रोबोट नहीं – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अलार्म की आवाज सुनकर मेनका की आंख खुल गई इस समय सुबह के 5 बजे थे उसका उठने का मन नहीं कर रहा था उसे कल रात सोने में बहुत देर हो गई थी ननद ने अपने बेटे का जन्मदिन यहीं अपने मायके में बनाया था केक से लेकर खाने का सभी सामान घर में … Read more

सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

विनी के दोनों बच्चे एकसाथ बीमार हो गए,उसकी सास ने विनी की ननद मीशा को फौरन खबर भेजी,वो भी अपनी दो बेटियों को लेकर अगली ट्रेन से आ पहुंची। मायके में हुई छोटी से छोटी घटना पर मीशा भी अपनी गृहस्थी छोड़ पलायन करने में कभी नहीं चूकती! विनी खुश हुई कि चलो जीजी आ … Read more

कठपुतली – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

सरोज पति के साथ जयपुर भ्रमण पर निकली थी। वर्षों से घर -गृहस्थी में व्यस्त रहने के कारण उसे खुद के लिए सोचने का समय ही नहीं मिला। बच्चों के बाहर चले जाने के बाद उसकी जिंदगी में एकाकीपन ने डेरा जमा लिया।उसकी गहरी ऑंखों में अक्सर नीले आसमान -सा सूनापन दिखता था,तो कभी नीली … Read more

क्योकि वो इंसान थी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जख्मी तन और मन के साथ पड़ी थी वो एक कोने मे , सुनसान जगह थी वो जहाँ दिन ढलने के बाद इक्का दुक्का लोग ही नज़र आते थे । रात धीरे धीरे गहराती जा रही थी पर वो वही पड़ी थी दीन दुनिया से बेखबर , उसकी हालत ऐसी थी ही नही कि वो … Read more

सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 सुबह होते ही घर में भानु की आवाज गूंजने लगी।अरे धनिया कहां रह गई जरा चूल्हे पर गर्म तेल करके ले आ और मेरे घुटने में लगा दे। तुझे पता है ना। ठंडी के दिनों में मेरे कितना दर्द हो जाता है और हां जब तेल गर्म कर के लाएगी तो  लगे हाथ एक चाय … Read more

सिसकियाॅं – संजना सिंह : Moral Stories in Hindi

मालती देवी के लिए जीवन एक खुली किताब था, जिसके हर पृष्ठ पर नियम और अनुशासन साफ-साफ लिखे थे। वह अपने जमाने की सबसे प्रतिष्ठित अध्यापिकाओं में से थीं, जिनकी बातें उनके छात्र कभी नहीं टालते थे। अब सेवानिवृत्त होने के बाद, उनका पूरा ध्यान अपने घर और बेटे के परिवार पर था। उनके बेटे … Read more

रिश्तों की अहमियत को समझो बेटा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या बात है दीदी तुम्हारे बेटे की शादी है और तुम उदास सी चिंतातुर बैठी हो क्यों क्या हुआ अमिता अपनी बड़ी बहन सविता से बोली। कुछ नहीं रे बस ऐसे ही सोच रही थी कि आजकल के बच्चे कैसे हों गए हैं जो रिश्तों को खेल समझते हैं रिश्तों की मर्यादा को समझते ही … Read more

नियंत्रण – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      सुनंदा के पति एक व्यवसायी थी।उनका काम अच्छा चल रहा था।अचानक उन्हें अपने व्यापार में बहुत मुनाफ़ा होने लगा।घर में लक्ष्मी की वर्षा होने लगी, फिर तो वो # आसमान पर उड़ने लगी।अनाप-शनाप चीज़ों पर पैसा खर्च करने लगी। उसका बेटा अंशु उससे पचास रुपये माँगता तो वो उसे सौ रुपये थमा देती।धीरे-धीरे अंशु की … Read more

मेरा अपना वजूद है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     सौम्या स्कूल जाने के लिए जल्दी जल्दी तैयार होने लगी, वैसे अभी समय था लेकिन आज स्कूल में पेरेंटस टीचर मीटिंग थी जिसकी तैयारी उसके जिम्मे थी। हर महीने के आखरी शनिवार को ये क्रायकर्म होता था। पहले तो उसने कार की चाबी उठाई लेकिन फिर कुछ सोचकर स्कूटी कि ले ली, उसे पता था … Read more

सास की सेवा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

नमिता जी का शव घर के आँगन मे रखा हुआ था। तुलसी के पौधा का गमला उनके सिरहाने रखकर उसमे कुछ अगरबत्ती जला कर गाड़ा हुआ था। मुख मे भी तुलसीपत्र रखा हुआ था। नमिता जी की आँखे बंद थी और चेहरे पर असीम शांति थी। लग रहा था जैसे बहुत बड़ी पीड़ा से आजाद … Read more

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