“अभिमान की राख” – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रीती दीदी बचपन से ही बेहद सुंदर थीं। गोरा रंग, तीखे नैन-नक्श, लंबा कद — जैसे खुद ईश्वर ने समय लेकर तराशा हो। घर हो या बाहर, जहां जातीं, तारीफों की बौछार होती। कोई उन्हें देखे बिना आगे नहीं बढ़ता और कोई उनके रूप की तारीफ किए बिना चुप नहीं रहता। समय के साथ तारीफों … Read more

कठपुतली – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

शैलजा के विवाह को एक साल से ऊपर होने वाला उसके ससुराल में सास ससुर जेठ जेठानी उनके दो बच्चे उसका पति वो और दो माह का नन्हा बेटा मीकू । शैलजा स्वभाव से सीदी सादे नर्म व्यवहार की बचपन में ही माँ पिता को खो चुकी चाचा चाची के संरक्षण में पली बड़ी पराई … Read more

कठपुतली – करुणा मलिक :

अच्छा मौसी , चलती हूँ…. ख़्याल रखना अपना । इतना कहकर भारती गेट से बाहर निकली और सीधे घर की तरफ़ चल पड़ी । रास्ते में उसका मन बार-बार मौसी की हालत देखकर और सोचकर बेचैन हुआ जा रहा था । क्या ये वहीं मौसी हैं जिनका दबदबा केवल अपनी ससुराल और मायके में ही … Read more

अपनी ज़मीन (संस्कार) – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

****************** एक छोटे-से शहर मिर्जापुर में ललित प्रसाद जी ने अपने यौवनावस्था में, सीमेंट, सरिया छड़ आदि लोहे का बिजनेस की शुरुआत की थी। समयोपरांत वे शीघ्र ही सफल व्यवसाई बन   गए। उनके चार बेटे थे अनीश, सुरेश, महेश और नीलेश।अनीश को छोड़कर तीन बेटों को अलग अलग शहरों में इसी बिजनेस में लगा … Read more

कठपुतली –  नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

रिया मैं और तुम्हारे भैया मूवी देखने जा रहे हैं। तुम अपना ही खाना बनाना बस। हम तो बाहर से ही खाकर आएंगे और देखो चीकू सो रहा है। जरा उसका ध्यान रखना। अच्छा भाभी। रिया जिसने अभी-अभी घर में कदम रखा ही था उसे उसकी भाभी सारी हिदायतें देकर बाहर निकल गई। रिया कहो … Read more

कठपुतली – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————   अच्छे संस्कार और मन में सेवा भाव होना तो अच्छी बात है लेकिन कठपुतली की तरह केवल इशारों पर चलने से मन को तकलीफ तो होती ही होगी ना? हालांकि बातों ही बातों में माधुरी, मीना को महेंद्र की ग़लत बातों का विरोध करने के लिए समझाती भी थी।        महेंद्र और रजत सरकारी मकान … Read more

मिठास बनाम आज़ादी – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बच्चों के ब्याह के बाद अजीब कसमकस से रीता गुज़र रही हमेशा खिला खिला  रहने वाला चेहरा मुर्झाया और तनावग्रस्त रहता। जिसे उसकी बेटी बबली “जो कि अभी पढ़ाई कर रही ” ने भाप लिया ।उससे रहा नही गया तो पूछा ली क्या बात है अम्मा आज कल तुम बड़ा बुझी बुली सी रहती हो … Read more

तकलीफ़ – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

भाभी ज़रा पानी लाना,कौन अटका हुआ है ननद रीना ने जैसे ही कहां रेखा तुरंत हाथ में तोड़ा कौर थाली में रख फ्रीज़ की ओर भागी और भाग कर पानी दे आई जिसे पीकर रीना के मानों जान में जान आई। वो अभी बैठी ही थी कि पति देव ने गरम रोटी की फरमाइश की … Read more

सास को कभी बहू की तकलीफ नहीं दिखती –  रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना एक सीधी-सादी, पढ़ी-लिखी और बहुत संस्कारी लड़की थी। उसकी नई-नई शादी हुई थी। वह हर रिश्ते को निभाने में विश्वास रखती थी। जब वह अपने ससुराल आई, तो यही ठान लिया था कि इस घर को भी अपने मायके जैसा प्यार देगी, और सबका दिल जीत लेगी। रीना की सास अक्सर बीमार रहती थीं। … Read more

बहू भी कोई कठपुतली नहीं होती – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“बहू, आज ऑफिस से जरा जल्दी आ जाना….शाम को अर्पिता के यहां जाना है….” ममता ने कहा। “माफ करना मां जी…. मेरा वहां जाना ऐसा भी कोई जरूरी नहीं है जो कि ऑफिस से हाफ छुट्टी ली जाए और वैसे भी हमारे ही इतने जरूरी काम आ जाते हैं जिनमें छुट्टी लेना जरूरी हो जाता … Read more

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