अस्तित्व – प्रीति श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

शारदा देवी की आँखें मंदिर के सामने बैठे-बैठे भर आई थीं। उनकी हथेलियों में जपमाला थी, पर मन जप में नहीं, अपने बिखरे हुए घर में उलझा हुआ था। हर दिन जैसे एक ही वाक्य उनके होंठों से निकलता – “हाय राम! मेरी तो तक़दीर ही फूट गई जो ऐसी बहू इस घर में आई।” … Read more

अस्तित्व – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

अरे धन्नो फटाफट चार रोटियां सेक दे तेरे जेठजी आ गए है। रमा ने सोफा पर बैठे-बैठे ही कहा। जेठानी रमा की आवाज सुनकर धन्नो ने झाड़ू वहीं किनारे छोड़ दिया और धीमे से बोल उठी।अभी बना देती हूं दीदी और तुरंत रोटी सेकने लगी। जैसे ही धन्नो का रोटी सेकना हो गया। वो फिर … Read more

अस्तित्व – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

संध्या एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। वह दिन भर ऑफिस की भागदौड़ और घर की जिम्मेदारियों में खुद को झुलसता महसूस करती, पर फिर भी हिम्मत नहीं हारती। सुबह 6 बजे उठकर बच्चों का टिफिन, सास-ससुर की दवाइयां, पति के नाश्ते की तैयारी… सब कुछ समय पर निपटाकर वह खुद … Read more

अंगारे उगलना! – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

देख रहे हैं ,आज छोटी बिना किसी से कहे ,अपने पति को लेकर फ़िल्म देखने गयी है ,तन्वी ने अपने पति से शिकायत भरे लहज़े में कहा।  विनय ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और चुपचाप अपने कमरे में चला गया पति के इस व्यवहार से वह बुरी तरह तिलमिला गयी। जब वो इस … Read more

अस्तित्व –  लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

तुम कहाँ तक पढ़ी हो ?कामायनी जी ने अपने घर में काम कर रही, लड़की से पूछा।  ज्यादा कुछ नहीं ,आठवीं तक पढ़ाई की है।  क्यों, आगे क्यों नहीं पढ़ पाईं ? उन्होंने उत्सुकता से पूछा।  कुछ देर वह चुप रही और पोछा लगाती रही,कामायनी जी ने अपने आपको ही समझाया ,रही होगी इसकी कोई … Read more

अंगारे उगलना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

दीनानाथ और जानकी गाँव में अकेले रहते गाँव की ताजा आबोहवा खेती बाड़ी कर अपने में ही मस्त रहते परिवार के नाम पर दो बेटे,पढ़ने लिखने में लायक तो स्कालरशिप से आगे बढ़ते गये और एक बेटा कम्पनी के माध्यम से विदेश बस गया दूसरा मुम्बई वहीं शादी कर इतना मस्त हो गया कि भूल … Read more

अस्तित्व – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

आज मधुरा को पार्टी में सुजीत और उसकी मॉ कामिनी जी मिले। तलाक के बाद मधुरा और सुजीत की यह पहली मुलाकात‌ थी। सुजीत ने तो देखकर अनदेखा लेकिन आज मधुरा चुप नहीं रह सकी। गोद में नन्हीं सलोनी को लेकर जाकर खड़ी हो गई उन दोनों के पास – ” पहचाना मिसेज कामिनी देवी?” … Read more

बेस्ट सास-बहू जोड़ी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा ! भाभी से बात कर ली क्या आपने ? कौन सी बात …. और उससे मैं क्यों बात करुँगी किसी भी बारे में? मैं क्या उसकी धौंस में रहती हूँ । अरे अम्मा, बताया तो था कि मेरी बड़ी ननद की देवरानी की बेटी की कोई ट्रेनिंग है , एक महीने की …. तो … Read more

अस्तित्व और प्रभा – अनामिका मिश्रा : Moral Stories in Hindi

प्रभा बचपन से ही संकोची स्वभाव की थी। काफी समझदार और संस्कारी भी। बचपन संयुक्त परिवार में बीता और विवाह भी संयुक्त परिवार में ही हुआ। बचपन से ही त्याग और समर्पण की संयुक्त परिवार में एक स्त्री को उसकी शिक्षा दी जाती है। प्रभा भी वही अनुभव कर रही थी।आज एकांत में बैठी वह … Read more

अस्तित्व – खुशी : Moral Stories in Hindi

राधा दो बेटों और एक बेटी की मां थी।पति कैलाश बैंक में नौकरी करते थे।बेटे विवेक और विराज दोनो कॉलेज में थे और बेटी प्रीति 12 में थी।राधा गृहिणी थीं ऐसा नहीं था कि राधा पढ़ी लिखी नहीं थी।हिंदी में MA।संगीत की अच्छी समझ अच्छा गाती थी। पेंटिंग बहुत अच्छी करती।शादी होकर आई तो सास … Read more

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