नेह पाती – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi
तुम मेरी बैस्ट हमसफ़र थीं… प्रिय शुभांगी ! शुभाशीष ! आज सुबह से ही मेरा मन रह- रहकर मुझे समय की दहलीजों को लांघ कर अतीत की ओर ले जा रहा है। जैसा कि तुम जानती ही हो कि कल मेरी रिटायरमेंट थी। रिटायरमेंट का आयोजन खूब अच्छी तरह संपन्न हो गया था। तुमने अपने … Read more