हक की परिभाषा – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

माही ने नजर उठा कर घड़ी की और देखा तो उसे कुछ घबराहट सी हो आई। सिरफ एक घंटा ही बचा है, मेहमानों के आने में, और अभी कितने काम पड़े है। मेड भी बेचारी कितनी तेज़ी से हाथ चला रही है। चाय भी पड़ी पड़ी ठंडी हो गई तो वो उठा कर एक घूँट … Read more

तंग करने का तोसे नाता है – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

स्कूल की घंटी बजते ही अंशु अपने क्लासरूम से बाहर निकला। उसके चेहरे पर थकान थी, पर आँखों में वह चमक थी जो बच्चों को कॉग्निटिव डेवलपमेंट पर पियाजे के सिद्धांत समझाते समय आती थी। बैग में किताबों का बोझ था – वाइगोत्स्की, ब्रूनर, और उसका पसंदीदा पियाजे का संग्रह। वह सीधे घर पहुँचा और … Read more

अंगारे उगलना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

         ” भईया, मैं आज आपसे कुछ मांगने आई हूँ |” दीपा ने आलोक से कहा |         इतना सुनते हीं आलोक की पत्नी रेखा बोलने लगी -” अरे हमलोग तो खुद परेशान हैं और उपर से ये हमें और परेशान करने चली आई | कभी सुख – चैन, शांति से रहने नहीं देती हमें | हरदम … Read more

“अब और नहीं” – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

पितृ विहीना मयूरी शैशवास्था से ही अपनी मां के साथ ही चाचा लोगों के आश्रित हो गई थी। मां आर्थिक रूप से कमज़ोर थीं साथ ही सामाजिक अंध विश्वासों और मान्यताओं से ग्रसित थीं। पिता की मृत्यु के समय एकत्रित किसी करीबी रिश्तेदाए र ने कहा  “इस परिवार मे ऐसा ही होता है।जब कोई परिवार … Read more

लड़की बिना कैसा अस्तित्व !! – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“अरे सुधा आज तो मोहल्ले में कोई कंजक ही नजर नहीं आ रही !” मनोहर जी बाहर से आ बोला। ” अरे ऐसे कैसे जी इतनी कंजक तो है हमारे मोहल्ले में फिर नजर क्यों ना आईं आपने ठीक से देखी ना होगी ।” सुधा जी बोली। ” सब जगह ढूंढा दूसरे मोहल्ले में भी … Read more

अंगारे उगलना – निमीषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

मां आप कहां चली गई हो मुझे अकेला छोड़कर मौसी मां मुझे प्यार नहीं करती जब आप थी सब मुझे प्यार करते थे पापा भी और मौसी भी लेकिन जब से आप गई हो तब से सभी बदल गये है।मां सब कहते हैं कि आप भगवान के पास गई हो आप वापिस कब आओगी मुझे … Read more

अस्तित्व – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——— दरवाजा खुलते ही मीना ने देखा कि सामने माताजी भी अपने फ्लैट में वापस आ गई थीं। हैरानी और खुशी से माताजी को मिलने के लिए गई। माताजी उसके सामने वाले फ्लैट में ही अकेली रहती थीं। 10 साल पहले जब सरकारी विभाग में कार्यरत वर्मा जी संसार छोड़ कर गए थे| माता जी … Read more

“देखो, तुम्हारी चिंता तो जायज़ है” – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

आज सुषमा जी के चेहरे पर खुशी कम, चिंता ज़्यादा थी। बेटे राहुल के लिए लड़की देखने जा रही थीं, पर दिल में कोई डर बैठा था। सोचती रहीं—“आजकल तो शादी के बाद लड़के ही सुरक्षित नहीं रहते। कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।” तभी मोबाइल की घंटी बजी। स्क्रीन पर नाम … Read more

अस्तित्व – अविनाश स आठल्ये : Moral Stories in Hindi

एंड्रयू जॉनसन एक बहुत बड़े बिजनेसमेन थे, उनके न्यूयॉर्क में ही कई डिपार्टमेंटल स्टोर्स थे, हज़ारों कर्मचारी उनके अधीनस्थ काम करते थे, सैकड़ों मिलने जुलने वाले लोग, फोन कॉल्स और मीटिंग्स में उन्हें 24 घण्टे भी कम पड़ते थे,  इस वजह से एंड्रयू जॉनसन को कभी खुद के और अपने परिवार के लिए वक़्त नहीं … Read more

मेरा अस्तित्व जुड़ो कराटे वाली बहु – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

अरेऽऽ ओ सकुनी.. सकुनी, मां ने आवाज लगाई माँ रसोईघर में बर्तन साफ कर रही दुबारा आवाज लगाई अरेऽऽ ओ सकुनी मगर सकुनी को कोई मतलब नहीं वो तो लगी घर के पिछवाड़े में अपने कराटे की प्रैक्टिस करने में हू हा हू हा एक दो वो तो अपने धुन में इतनी मस्त की किसी … Read more

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