अस्तित्व – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi

नीलू अलसाते हुए बिस्तर पर पड़ी थी। उसका उठने का मन नहीं कर रहा था।तभी चाय लेकर आते हुए भावना बोली -”आज उठना ही नहीं है क्या मैडम नीलू ! सोते ही रहना है क्या?चलो उठो गरम-गरम चाय पी लो।” नीलू अंगड़ाई लेते बोली’ “क्यों परेशान कर रही है सुबह-सुबह। आज मैं पहली बार अपने … Read more

मैं भी सुंदर हूँ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    “ अरे वाह शुभ्रा मैडम, आज तो आप गज़ब ढ़ाह रही है, क्या मैचिंग है आपकी, और ये बालों में गज़रा, ओह माई गाड, काश कि मैं लड़का होती और हम कुछ साल पहले मिले होते” अखिला ने शुभ्रा को देखकर कहा।     “ तुम भी ना अखिला”, शुभ्रा ने कुछ शरमाते हुए कहा। सच में, … Read more

अस्तित्व – प्रीती श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

अन्वी ने एमबीए किया था और गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मार्केटिंग मैनेजर काम करती थी। स्मार्ट, आत्मनिर्भर और संवेदनशील सोच वाली अन्वी ने कभी नहीं सोचा था कि शादी के बाद उसकी ज़िंदगी एक बिल्कुल अलग मोड़ ले लेगी। जब उसका रिश्ता रोहन से तय हुआ, तो सबने कहा, “लड़का तो समझदार … Read more

*मेरा अपना क्या* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    माँ-ओ माँ, एक बात कहूं,पता नही क्यूँ आज मेरा मन तेरी गोद मे सिर रख कर सोने को कर रहा है।बहुत याद आ रही है, तेरी।पर यहां भी तो तेरा ये बेटा तेरी और अपनी मां के लिये ही लड़ रहा है।सुन सोनी है ना,थोड़ी अल्हड़ है,एकदम मुझसे रूठ जाती है,मैं उसे कैसे समझाऊं यहां … Read more

मां का बेटा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

पापा के काम से आने के पहले ही बैठक छोड़ कर अंदर भाग जाता था रवि।बचपन में बहुत लाड़ जताया करता था पापा से। जैसे-जैसे बड़ा होता गया,अकारण ही दूरियां बढ़ गई थीं बाप-बेटे के बीच।पिता को घर आते ही बेटा गायब मिलता,और बेटी आतुर होकर पानी का गिलास लिए भागती आती थी।सुमित खुशी से … Read more

 पिता की बात – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

एक अजीब सी उकताहट और कसमसाहट से अकुलाकर विभूति ने रात के समय दबे पांव बाहर का दरवाजा खोला और निस्तब्ध अंधकार में शामिल हो गया।भीतर का अंधकार बाहर के अंधकार के साथ मिल कर मानो ठहराव को प्राप्त हुआ था। घोर निराशा हताशा का अंधेरा उसे लीले ले रहा था।नीरव अंधकार में  वह गुम … Read more

देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देखिए ना कैसी जिद पर अड़ी हुई है बाहर इतने सारे पीजी हॉस्टल खुले हुए हैं और महारानी को अलग से कमरा लेकर रहना है कहती है साथ में रहकर पढ़ाई नहीं होती, जब सारे काम खुद करने पड़ेंगे तब कैसे करेगी ऊपर से हमें भी चिंता रहेगी,  खाना बनाना कपड़े धोना आना-जाना सब तरह … Read more

*चिंता की लकीरें* – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

देखो, तुम्हारी चिंता तो जायज है… ये कहते हुए सीमा ने अपनी सहेली राधा का हाथ थाम लिया। उनके बीच वर्षों पुरानी दोस्ती थी, पर आज की बात कुछ अलग थी। चिंता का बोझ राधा के चेहरे पर साफ झलक रहा था। राधा के बेटे आदित्य ने अभी कॉलेज पास किया था और अब वह … Read more

चिंता – खुशी : Moral Stories in Hindi

अमर और रीना दो बेटों अमन और नमन तथा एक बेटी ऋद्धि के माता पिता थे।अमर जी की मार्केट में स्टेशनरी की दुकान थी।बच्चे पढ़ने में अच्छे थे तो दोनों का ही सपना था बच्चे तरक्की करे ।  समय बिता बड़ा बेटा अमन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया और अमेरिका की कंपनी में उसे नौकरी लग … Read more

रिश्तों की नई समझ – ‎उमा कुमारी : Moral Stories in Hindi

‎सुरंजिता बहुत ही खूबसूरत लड़की अपने माता पिता की इकलौती संतान। पढ़ने में अव्वल ,हर प्रतियोगिता में वह भाग लेती। नृत्य करती तो लगता अप्सरा ही उतर आई गाने में सरस्वती सी । वादविवाद प्रतियोगिता में जब तर्क रखती तो निरुत्तर कर जाती। मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी मगर कला में भी पारंगत थी। ‎अनुज … Read more

error: Content is protected !!