अस्तित्व – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi
नीलू अलसाते हुए बिस्तर पर पड़ी थी। उसका उठने का मन नहीं कर रहा था।तभी चाय लेकर आते हुए भावना बोली -”आज उठना ही नहीं है क्या मैडम नीलू ! सोते ही रहना है क्या?चलो उठो गरम-गरम चाय पी लो।” नीलू अंगड़ाई लेते बोली’ “क्यों परेशान कर रही है सुबह-सुबह। आज मैं पहली बार अपने … Read more