बहु ये मत भूलो, की भगवान् सब देखता है । – लक्ष्मी त्यागी :

अब नंदिनी, अपनी मन मर्जी से सभी कार्य करती है , उसे किसी की कोई  परवाह नहीं ,जब नंदिनी इस घर में नई – नई आई थी, तो चुपचाप और शांत रहती थी। देविका जी चाहती थीं – बहू !को कभी अपने घर की याद न आये , इस घर को भी अपना समझे, अपना … Read more

मर्यादा एक स्त्री की – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

संध्या के घर में एक छोटा सा फंक्शन था। जब भी उसे ब्यूटी से जुड़ा कोई काम करवाना होता, वह अपनी जान-पहचान वाली ब्यूटीशियन रूपा को ही बुला लेती थी। रूपा वही करती थी जैसा कहा जाए — बिना चूं-चपड़, बिना बहस। संध्या को लगता था कि काम करवाना सिर्फ़ पैसे देना नहीं होता — … Read more

रिश्तो की मर्यादा – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

स्वरा..! तुम अपनी मर्यादा में रहो। हमारे घर के रिश्तों को कभी छेड़छाड़ करने की कोशिश भी मत करना। मत भूलो..! यह घर अब तुम्हारा भी है। “इस घर की बुनियाद प्रेम और विश्वास पर जानवी भाभी ने रखी है, जो बहुत ही मजबूत है। उसे हिलाने की कभी कोशिश भी मत करना…?” संकेत का … Read more

खुशनसीब – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सुलोचना जी की भाभी को गुजरे एक साल से ऊपर हो गए थे । माँ से ज्यादा उन्हें भाभी से लगाव था  । भैया की कम उम्र में ही शादी हो गयी थी । माँ प्रायः बीमार रहती थीं । इकलौती बेटी घर में होने की वजह से बहुत मान और प्यार मिलता था माँ … Read more

दिल से बंधे नाजुक धागे से रिश्ते – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

डोरबेल की आवाज सुनकर निम्मी दौड़कर दरवाजा खोलने पहुंची आज उसकी किसी सहेली ने आना था। मगर दरवाजे पर बड़ी ननद नमिता को देखकर चौंक पड़ी अरे दीदी आप, बिना खबर किये कैसे आना हुआ ? क्यूँ बहु तुम तो ऐसे चौक रही हो नमिता को देख जैसे भूत देख लिया हो भई उसका घर … Read more

कण कण में भगवान – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

भावना जैसी सुंदर, पढ़ी लिखी, कमाऊ बहू पाकर सुरेखा को तो जैसे अपनी ही किस्मत पर रशक हो आया। उसे यकीन नहीं आ रहा था कि उसकी जिंदगी उस पर इतनी मेहरबां हो जाएगी और उसके नसीब में इतनी खुशिंया होंगी।        सुरेखा का एक गरीब घर में जन्म हुआ और सौतेली मां ने उसे एक … Read more

बहु, ये मत भूलो — भगवान सब देखता है – रेणु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कुंती रात के अंधेरे में चुपचाप बैठी थी। आज उसकी बहु ने साफ़ कह दिया था, “मैं एक पैसा नहीं दूँगी! जबरदस्ती की तो देख लेना, मैं दहेज का छूटा केस कर दूँगी!” कुंती को कुछ जवाब नहीं सूझा। बस आँखें नम हो गईं। दिल से एक आवाज़ निकली — “बहु, ये मत भूलो — … Read more

रिश्तों की मर्यादा – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi : Moral Stories in Hindi

गौरव के बहुत सारे दोस्त हैं ,स्कूल के समय से लेकर कॉलिज में भी संग रहने का इरादा था किन्तु सभी अलग -अलग हो गए।   अपने दोस्तों के बग़ैर तो वो, जैसे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। उनके साथ खेलना ,घूमने जाना ,सेल्फ़ी लेना ,बाइक राइडिंग इत्यादि कार्य अपने दोस्तों के साथ … Read more

बहु यह मत भूलो कि भगवान सब देखता है – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

साक्षी अब बड़ी हो चली थी मां-बाप को साक्षी की बहुत टेंशन हो रही थी पढ़ने लिखने में ज्यादा मन लगता नहीं था साक्षी का उससे कोई काम बोलो तो वह ज्यादा इंटरेस्ट से काम करती नहीं थी मां-बाप को टेंशन थी कि ससुराल में जाकर वह कैसे रहेगी और क्या करेगी साक्षी को घूमने … Read more

तार ,तार होता अस्तित्व – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कमरे से जोर जोर से हंसने की आवाज सुनकर सुनैना का अस्तित्व तार तार हुआ जा रहा था। कमरे के अंदर से आ रही प्रमोद और सपना के हंसी की आवाजें पिघलें हुए शीशे की तरह सुनैना के कानों में पड़ रही थी । आखिर कार सुनैना वहां से उठकर रसोई में चली गई और … Read more

error: Content is protected !!