सच्ची डोरियां – लतिका श्रीवास्तव

बस काठ की पुतली की तरह नाचते रहना कभी पिता तो कभी पति के इशारों पर।मुझे ऐसी जिंदगी नहीं चाहिए मां मै तो यहीं चाहती हूं मेरे इशारों पर कोई नाचे  मेरी डोर मेरे हाथों में ही रहे । प्राची की मिनमिन सुन कर मां मुस्कुरा उठी। बेटा ये नाचना और नचाना दोनों जीवन के … Read more

विश्वास की डोर – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

जब-जब भी माधवी घर आती थी तो सासु मां को अपनी बेटी में सारे गुण ही नजर आते थे और बहुरानी में अवगुण। घर में ही बहुत बार भाभी रीना और ननद माधवी में टकराव की स्थिति पैदा हो जाती थी। सासु मां भी माधवी के घर आने पर बुढ़ापे की बीमारियों का रोना रोने … Read more

कान भरना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

रूही दीदी देखो सोनी ने आपकी बेग से नई पेन निकाल ली और दूसरी पुरानी पेन रख दी। यह सुनते ही सोनी तुरंत लगभग चीखते हुए आई और कहने लगी।   सोनी तुमने मेरी पेन क्यों ली?? तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं है । मैं तो कभी भी तुम्हारी बेग से कुछ नहीं … Read more

विश्वास की डोर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

दरवाज़े की कुंडी लगाकर वो धीमे-धीमे कमरे में आई। ऑफिस से लौटे हुए सिर्फ एक घंटा बीता था, मगर ऐसा लग रहा था जैसे एक युग बीत गया हो। बैग को टेबल पर रखने के बजाय वो फर्श पर सरका दिया। जूते वहीँ पड़े थे, एक उल्टा… एक सीधा, जैसे उसके भीतर का संतुलन। कमरे … Read more

औरत कोई कठपुतली नहीं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रीना अब तुम्हारे में वो पहले जैसे बात नहीं रही, बुढ़िया लगने लगी हो अभी से।मिसेज शर्मा को देखो कैसी टनाटन लगती हैं इस उम्र में भी।कोई कह नहीं सकता,कि वो दो बड़े बच्चों की माँ हैं।” रीना को आए दिन अपने पति रमेश की व्यंग भरी बातों से दो चार होना पड़ता था।सासु माँ … Read more

स्मार्ट बंटवारा – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

मीना जी ने जब अपने दोनों बेटे बहुओं को झगड़ा करते देखा तो एक पल वे स्तब्ध रह गई क्योंकि उनके पति कर्मचंद जी को दुनिया से गए अभी छः महिने ही तो हुए थे , इतने कम समय में उन्हें अपने बेटे – बहुओं से यह उम्मीद नहीं थी , वे लोग झगड़े में … Read more

सही सोच – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

आज बहुत देर कर दी सैर से लौटते हुए, कब से नाश्ता बना कर रखा है रेखा ने नाश्ता परोसते हुए पति मानव से कहा। बस वैसे ही, थोड़ी देर राजीव जी के पास खड़ा हो गया रास्ते में। शायद तुमने ध्यान नहीं दिया, वो जो सात नं वाला घर है हमारी गली में एक … Read more

हम माँ के घर मे रहते है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

कोमल आँगन के बीच मे बैठी  थी उसके हाथो मे मेहंदी रचाने वाली मेहंदी रचा रही थी। उसे चारो तरफ से भाभिया बहने,बुआए और मौसिया घेर कर बैठी थी।आज कोमल की मेहंदी है इसलिए सभी उससे चुहलबाजी कर रही थी। कोमल शर्माती सकुचाती बीच बीच मे उनके मज़ाक पर मुस्कुरा रही थी।उसकी बुआ की बहू … Read more

अपनी डोर किसी के हाथ नहीं देना – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        ” मुझे माफ़ कर दीजिये डाॅक्टर सिद्धार्थ, मैं आपके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकती।आपने जो कुछ मेरे लिये किया..मुझे यहाँ तक पहुँचाया..इसके लिये मैं सदैव आपकी आभारी रहूँगी लेकिन आपके साथ विवाह नहीं कर सकती..अब मैं..।” कहते हुए साक्षी ने नम आँखों से अपने दोनों हाथ जोड़ लिए।     ” नहीं-नहीं साक्षी, आप माफ़ी … Read more

विमला – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

‘कठपुतली’ हां, यही संबोधन सुना था विमला ने अपने लिए..पूरे जीवन में न जाने कितने ऐसे नामों से उसे पुकारा गया था।बचपन की छुटकी, ससुराल की छोटी बहू, किसी की चाची और फिर बच्चा ना होने पर बांझ, बेचारी, फूटी किस्मत वाली जैसे संबोधनों से उसे पुकारा गया था और आज उम्र के इस पड़ाव … Read more

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