आज के समाज में बहु के मन की ये सबसे बड़ी व्यथा है। जब लड़के के परिवार वाले लड़की देखने जाते है
तो इस बात को बहुत गर्व के साथ कहते है कि हम बहु नहीं बेटी ले जाएंगे। शादी होने के बाद बहु कितना दहेज ले आयी इस बात पर उसका सम्मान तय किया जाता है। जब भी कोई लड़की ससुराल जाती हैं तो ये सब भूल जाती है कि मायके मे कैसे रहती थी या कैसे काम करती थी? हर वक्त वो ये सोचती है मैं ऐसा क्या करू?
जिससे मेरे ससुराल वाले खुश रहे। मेरे मायके को कोई भला बुरा ना कहे। ये बात सच है कि लड़की हर बात अपनी मां से पुछती है क्योंकि उसे पता है
कि अगर उससे सास से पुछा तो सास का जबाब होगा तेरी मां ने कुछ नहीं सिखाया क्या? इस तानें को ना सुनना पड़े इसलिए अपनी मां से पुछती है।
सास भी गलत नहीं होती क्योंकि पिछले कई वर्षो से सास बहू का रिश्ता ही ऐसा बना हुआ है। जो दर्द या खुशी एक मां अपने बेटी के लिए महसूस करती है वो बहु से नहीं होता है। इस रिश्ते को सुधारने के लिए सास के अन्दर इंसानियत और बहु के अन्दर वक्त के साथ प्रेम का होना जरूरी है। बहु को ये एहसास दिलाना पड़ता है कि वो सच मे बेटी की तरह ही है।
अगर सास गलत भी हुई तो बहु के अन्दर इस बात की खुशी होगी कि मैं किसी की मां की सेवा कर रही हूं। ज्यादा कुछ नहीं तो इस बात से खुश होना चाहिए कि सास ने हि पति को जन्म दिया है उसे इस काबिल बनाया की
पत्नी का ख्याल रख सके उसकी ज़रूरतें पूरी कर सकें। मेरा अनुभव यही है। मां नहीं है दहेज कुछ लायी नहीं इसलिए हर रोज ताने सुनती हूं
गालियां भी सुनती हु लेकिन जब सास ससुर की सेवा करती हुं तो बहुत खुशी मिलती है ऐसा लगता भगवान कि सेवा कर रही हुं। सबसे बड़ी बात उनकी सेवा करने से पति भी खुश होते हैं। ससुराल में पति जब साथ खड़ा हो दुनिया का हर दर्द छोटा हो जाता है। सासु मां पहले बहुत ताने मारती थी लेकिन अब बहुत कम बोलती है शायद उन्हे भी एहसास हो रहा है।
बहु भी एक इंसान ही है। एक ना एक दिन बहु के अन्दर बेटी ना सही बहु जरूर नजर आयेगी। ससुराल एक मंदिर की तरह ही है।
सास ससुर देवता होते है बहु उस मंदिर की पूजारीन। अगर सच्चे मन से देवता की पूजा की जाय तो देवता एक ना एक दिन खुश हो ही जाते हैं। अगर एक बार सास ससुर को बहु के अन्दर बेटी नजर आ जाये तो घर स्वर्ग बन जाता है। कुछ लोग कहते है ससुराल वाले पत्थर के हैं। प्रेम ऐसी चीज है जिससे पत्थर भी पिघल जाते है। सास ससुर को जितनी जल्दी समझ आ
जाये बहु बेटी के समान है उतना ही जल्दी खुशी और लक्ष्मी घर आ जाती हैं। जिस घर मे बहु रोती हैं उस घर मे आयी हुई लक्ष्मी घर छोड़कर चली जाती हैं।
मेरी हर सास बहू से अनुरोध है एक दुसरे को समझे अपने घर की लक्ष्मी और सरस्वती को घर से बाहर ना जाने दें।
राधा कुमारी
Anderson ka overdose
Absolutely