उल्टी पट्टी पढ़ाना – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

हीरा और पवन आपस में बात कर रहे हैं….

पवन … देख हीरा, तेरी सगाई हो गयी है.. जल्दी ही तेरी शादी हो जाएगी . आते ही भाभी को सर पे मत चढ़ा लेना .. वरना तेरी ज़िंदगी खराब हो जाएगी। 

देख भाई, औरत जात पाँव की जुत्ती होती है..  उसे समय समय पर सबक सिखाते रहना चाहिए, मेरी बातें ध्यान में रखना … देखना राज करेगा राज..

हमेशा अपना डर बनाकर रखने के लिए भाभी से ऊँची आवाज में बात करना.. 

जब जब मायके जाने की बात करे तो मना कर देना …

उसको अपने माई-बाप से ज्यादा बात मत करने देना..

 उसके खाने में, काम में नुक्स निकालते रहना और कभी कोई गलती करे तो एक दो चपत लगा देना ।

जब शराब पीकर घर आये तब किच किच करे तो 2-4 बातें सुना देना ..

ऐसे ही बीवियों को काबू में रखा जाता है समझा …

हीरा… अच्छा …

 उसकी माई जो मिठाई लेके दरवाजे पे खड़ी सब सुन रही थी 

गुस्से में अंदर आती हुई ..

रे! पवना… यह क्या उल्टी पट्टी पढ़ा रहा है.. इसे …

तब ही तेरा घर ना बसा रे….

हीरा.. इसकी बातों में मत आना रे … ऐसा करता होगा अपनी लुगाई के साथ तभी भाग गयी वो ..

क्यों पवन सच्ची कह रही ना मैं..

अरे , औरत को जैसे मान दोगे… वैसे तुम्हें देगी 

तुम रानी बना कर रखोगे … तो वो तुम्हे राजा समझेगी 

तुम नौकरानी बना कर रखोगे.. तो वो भी उसी नजरो से देखेगी समझे तुम … 

औरत को भी जीने का हक है.. वो भी अपनी मर्जी से.. 

उसमें भी प्राण होते है खाली मांस का लोथा नहीं होती वो ना ही पाँव की जुत्ती..

हीरा… तेरी बहिन के साथ कोई ऐसे करे तो तू क्या करेगा ..

हीरा .. माई , वापिस ले आऊंगा बहन को .. ऐसे राक्षस के साथ न रहने दूं कभी ..

फिर तू इस पवन की बातों को अच्छा बता रहा है ..

खबरदार मेरी बहुरिया के साथ ऐसा कुछ किया .. दोनों मिलकर तुझे ही घर से निकाल देगी हम 

समझा रे …

हां माई समझ गया …

पवन ने चुप-चाप खिसकने में ही अपनी भलाई समझी।

 रीतू गुप्ता

स्वरचित

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