तुमसा नहीं देखा भाग – 41 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

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भाग – ४१

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अब तक आपने पढ़ा :

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शौर्य और अभिमन्यु सुजीत त्रिपाठी से मिलने जाते है और सुजीत उनको सावधान रहने के लिए बोलते है ।

अब आगे:

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शाह ग्रुप के ऑफिस में

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शाह ग्रुप में शिफ्टिंग हो रही थी अमर अपनी निगरानी में सब काम देख रहा था शाम के पाँच बज चुके थे और लगभग सारा कुछ पैक हो चुका था यशिका, देविका और दिनेश बस अपना केबिन चेक कर रहे थे । देविका और दिनेश ने सब पैक किया और बाहर आ गए शौर्य भी  अभिमन्यु के साथ बस अभी ही आया था उसने चारों तरफ देखा तो उसे यशिका  कहीं दिखायी नहीं दी उसने दिनेश से पूछा

” यशिका कहाँ है”

“वो अपने केबिन में हैं हम सब बस लास्ट टाइम केबिन चेक कर रहे थे “

“ओके मैं देखता हूँ “कह कर यश चला गया

देविका एक बॉक्स अपने हाथ में  पकड़े हुयी थी अभिमन्यु  उसके पास गया और बोला ” ये बॉक्स आप मुझे दे दें”

“नहीं कोई  बात नहीं मैं पकड़े हुए हूँ ” देवकी ने कहा

तब तक अभिमन्यु ने देविका से बॉक्स ले लिया

“थैंक्स ” देविका ने कहा

अभिमन्यु उसकी तरफ देख के मुस्कुरा दिया

“ये आप साथ में ले कर जाएंगी “?

“हाँ इसमें मेरा पर्सनल सामान है “

” ओके तो चलिए आप मेरे साथ गाड़ी में रख देते है ये “

देविका ने ठीक है बोला और अभिमन्यु के साथ पार्किंग तक आ गयी

अभिमन्यु ने गाड़ी में बॉक्स रखा और गाड़ी को बंद करके देविका के  साथ वापस से जाने लगा दे एक की है आगे चल रही थी अभिमन्यु ने उसे पुकारा “देविका “

“ह्म्म ” देविका ने कहा वो  रुकी और उसने पलट कर देखा

अभिमन्यु उसके पास आया और बोला ” आप से कुछ पूछ सकता हूँ “?

“हाँ पूछिए “

“आप यशिका को कब से जानती है “?

“कॉलेज से ….आप ये क्यों पूछ रहे है “?

“यूँ ही … और आप दोनों तभी से एक साथ हैं “

” हाँ और अब तो लगता है कि हमारी सदियों की जान पहचान है वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त , बहन पार्टनर और सब कुछ है आप कह सकते है “

अभिमन्यु मुस्कुरा दिया

“आप भी मिस्टर रंधावा के साथ इसी तरह से है ” देविका ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा

” ह्म्म शौर्य के साथ मेरा भी रिश्ता कुछ ऐसा ही है लेकिन हमने स्कूल कॉलेज सब साथ में किया और अब पार्टनरशिप भी “

देविका ने मुस्कुराते हुए हाँ कहा

कुछ कदम चलने के बाद अभिमन्यु ने कहा ” देविका आप किसी को पसंद करतीं हैं “?

देविका अभिमन्यु की इस बात पर रुक गयी अभिमन्यु उसके सामने आया उसने कहा ” मैने कुछ पूछा आपसे आप किसी को पसंद करती है कोई है आपकी लाइफ में “?

देविका अभिमन्यु की इस बात पर चुप हो गयी थी

“क्या हुआ अपने जवाब नहीं दिया कोई है आपकी जिंदगी

में “?

“आप क्यों पूछ रहें है “?

” सवाल का जवाब सवाल नहीं होता आप पहले मेरे सवाल का जवाब दें फिर मै आपके सवाल का जवाब दूंगा “

” नहीं कोई नहीं है , अब आप बताएं आप क्यों पूछ रहे है ये सब “

” आई लाइक यू ” अभिमन्यु ने कहा

देविका हैरानी से अभिमन्यु की तरफ देखने लगी उसने सोचा भी नहीं थी कि अभिमन्यु ये बोला देगा देविका एक कदम पीछे हुयी और बोली ” ये सब आप क्या बोल रहे है “?

” वही जो मैने फील किया मै आपको पसंद करता हूँ “

देविका थोड़ा स्थिर हुयी और बोली ” मिस्टर सिंह आप ये सब … मेरा मतलब है कि …आप मेरे बारे में कुछ जानते नहीं हैं और ये सब पहले …आप जान तो लें मेरे बारे में फिर सोचिएगा “

” तो जान लेते है फिर कल अगर आप फ्री है तो बताएं मैं आपको पिक कर लेता हूँ फिर आपको जो बताना है बता

देना “

“देविका ने एक पल को सोचा फिर बोली “ठीक है मैं आपको मेसेज करती हूँ “

“ओके” अभिमन्यु ने कहा और देविका के साथ वापस आ गया

शौर्य ने धीरे से  यशिका के केबिन का दरवाज़ा खोला तो देखा यशिका दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी थी और दीवार पर लगी हुयी अमित शाह की तस्वीर को देख रही थी कमरे में किसी के आने की आहट से उसने अपने पीछे देखा

शौर्य को देख कर एक मुस्कुराहट उसके चेहरे पर आ गयी

“क्या कर रहीं है आप ” ? शौर्य ने पूछा

“अमित सर की तस्वीर देख रही थी उन्होंने ये ऑफिस जब बनाया होगा और जब शाह ग्रुप की नींव रखी होगी तब ये भी सोचा होगा कि उनके साथ ऐसा हो जाएगा …इंसान हर तरह से अपने को मजबूत बनाता है और सारे काम करता है जो भविष्य में उसे एक नाम दें पहचान दें सारी जिंदगी वो उसमें लगा देता है लेकिन अगले पल क्या हो जाए कुछ नहीं पता “

शौर्य समझ रहा था यशिका के मन की बात वो उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया  शौर्य ने धीरे से थपथपाया उसे अपने से अलग किया यशिका के आँखों के कोने में उतर आए आंसुओं को पोंछा यशिका हल्के से मुस्कुरा दी

शौर्य ने अमित शाह की तस्वीर को दीवार पर से उतरा और उसे एक बॉक्स में रख कर यशिका को दे दिया

यशिका ने वो बॉक्स अपने हाथ में लिया और शौर्य के साथ बाहर निकल आयी जहाँ अभिमन्यु , देविका ,दिनेश और अमर उनका इंतजार कर रहे थे

“सब हो गया “अमर शौर्य ने पूछा

” हाँ सब ही गया कल हम सब कुछ अरेंज करवा देंगे ” अमर ने कहा

” ठीक है तो फिर हम कल मिलते है और एक अगर सब काम हो गया तो हम एक  छोटी सी पूजा करवा देंगे ऑफिस नया है तो ” यशिका ने कहा

” ओके ” सबने हाँ में गर्दन हिलायी

शौर्य और अभिमन्यु ने यशिका और देविका को घर छोड़ा और अपने अपने घर चले गए ।

द क्राउन

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यशिका और देविका घर वापस आ गए थे गुंजन उन्हें देख कर उनके पास आयी और बोली ” हो गया सब अब कल से आप नए ऑफिस में जाएंगी “?

“हाँ सब हो गया , ये बॉक्स ज़रा तुम रख देना इसमें अमित से की तस्वीर है वो मै कल ले जाऊंगी ” यशिका ने कहा

गुंजन ने उसके हाथ से बॉक्स लिया और रख दिया  ” दी खाना बस रेडी हो ही गया है आप आ जाओ फ्रेश हो कर तो लगा लेते है “

” ओके ”   यशिका ने कहा और फ्रेश हो कर जल्दी से गुंजन के साथ किचेन में आ गयी देविका अभी आयी नहीं थी

” दी देविका दी को क्या हुआ है वो बहुत चुप चुप है वैसे तो बोलती रहतीं है ” गुंजन ने पूछा

” हुआ तो कुछ नहीं बस हमने अपना सामान पैक किया और आ गए मेरी कोई बात नहीं हुयी और मैने भी नोटिस किया कि वो रस्ते भर कुछ भी नहीं बोली”

तभी से देविका के आने की आहट हुयी और वो चुप हो गयी

देविका टेबल पर बैठी हुयी थी यशिका ने खाना परोसा और उसके सामने प्लेट रख दी देविका वैसे ही बैठी हुयी थी यशिका ने उसे कहा  ” क्या हुआ देविका खाना खाओ किस सोच में गुम हो तुम “?

“कुछ नहीं” दैविक ने फीकी सी हँसी के साथ  खाना खाना शुरू किया तीनों ने डिनर किया और देविका कमरे में चली गयी तभी यशिका की मम्मी का वीडियो कॉल आया

“मम्मा कैसी हो आप “? यशिका ने पूछा

“अच्छी हूँ तुम बताओ ऑफिस शिफ्टिंग की तैयारी हो गयी “

“हाँ सब ही गया कल नए से ऑफिस में जाना है ” यशिका ने कहा

“और गुन्नू तुम्हारा क्या चल रहा है “

“बस मम्मा ठीक ही चल रहा है आप कब आ रही हो “?

” बस अगले महीने छुट्टी के लिए अप्लाई किया है मैने “

” अरे वाह ग्रेट और मम्मा आपको एक न्यूज भी देनी है दी ने अपने लिए किसी को पसंद कर लिया है “

“क्या ” ??

” हाँ मम्मी दी ने आर .आर ग्रुप के चेयरमैन मिस्टर शौर्य रंधावा को मेरा जीजाजी बनाने का फैसला किया है “

“ये क्या बोल रही है “यशिका ने गुंजन को मरते हुए कहा

“अरे वही जो है और क्या “

दूसरी तरफ यशिका की मम्मी सुमित्रा जी ने पूछा ” यशी ये गुन्नू सच बोल रही है “

यशिका ने अपनी गर्दन हिला कर हाँ कहा

“मम्मी वो बहुत अच्छे हैं और उनकी फैमिली भी बहुत अच्छी है” गुंजन ने जल्दी से कहा

“तो ठीक है वैसे मुझे पता है यशी कोई गलत फैसला नहीं करेगी , तो हमें कब मिलवाओगी “

“आप आ जाइए फिर मिल लीजिएगा ” यशिका ने कहा

“ठीक है अपना ध्यान रखना और देविका कहाँ है “?

यशिका ने देखना देविका वहाँ से जा चुकी थी

“मम्मी वो शायद अंदर चली गयी है मै आपकी बात करवाती हूँ उस से ” यशिका ने कहा

” ठीक है फिर अभी मै रखती हूँ फोन तुम सब अपना ख्याल रखना “

”  ठीक है बाय ” यशिका और गुंजन से सुमित्रा को बाय किया और फोन रख दिया

“दी आप देविक दी के पास जाओ मुझे लगता है कोई बात है आप उनसे बात करो मै ये सब कर लूंगी ” गुंजन ने कहा

यशिका उठ कर देविका के पास चली गयी देविका चेयर पर बैठी हुयी कुछ सोच रही थी

“देविका क्या हुआ “?

यशिका की बात से जैसे देविका होश में आयी उसने चेयर घुमायी और यशिका की तरफ देखा देविका ने यशिका को अपनी तरफ खींचा और उससे लिपट गयी यशिका ने उसके बालों को सहलाते हुए पूछा ” क्या हुआ “?

देविका ने उसे छोड़ा यशिका वहीं बैठ गयी देविका ने कहा ”  आज  मिस्टर सिंह जब मेरे साथ मेरा सामन रखने के लिए पार्किंग में हुए तो उन्होंने मुझसे कहा आई लाइक यू “

“क्या ?? उन्होंने कहा?” तो तुम परेशान क्यों हो , ये तो अच्छी बात है वैसे भी तुम तो शुरू से ही मिस्टर सिंह को पसंद करती हो “

“यशी मैं उन्हें एक बिजनेस मैन के तरह पसंद करती हूँ , और तुम्हें तो मेरा पास्ट पता है उन्होंने मुझे बात करने के लिए बोला है मै क्या करूं “?

यशिका ने थोड़ा सोचा फिर बोली ” जो सच है वो ही बताओ ये दिल के जो रिश्ते बनते हैं ना उसमें सच ही बोलना चाहिए अगर तुम वाकई में रिश्ते में रहना चाहते हो तो , पहले तुम खुद सोचो कि मिस्टर सिंह तुम्हें किस तरह पसंद है और अब सो जाओ कल बहुत काम है ।

देविका ने यशिका की बात को सुनकर अभिमन्यु को मेसेज कर दिया कि वो कल मिलने के लिए रेडी है ।

क्रमशः

अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी

धन्यवाद

स्वरचित

काल्पनिक कहानी

अनु माथुर ©®

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